राजस्थान के टोंक की नगर परिषद आयुक्त पूजा मीना ने रियल्टी स्टिंग ऑपरेशन के दौरान वर्जन लेने गए जी राजस्थान टोंक के ब्यूरो चीफ पुरुषोत्तम जोशी पर इतनी भड़कीं कि पहले तो भला बुरा कहा (जो कैमरे में कैद है)। फिर जोशी व एक अन्य पत्रकार नासिर खान पर कई झूठे आरोप लगाकर मामला दर्ज करवा दिया और एसटी-एससी एक्ट की धाराएं भी जुडवा दीं। पूजा मीना के एसटी कमीशन में शिकायत करने की बात सामने आई है।
पूजा मीना की पत्रकारों के खिलाफ की गई इस झूठी रिपोर्ट और गलत मानसिकता से अंदाज लग सकता है कि एसटी-एससी एक्ट का किस कदर दुरुपयोग होता है और झूठे मामले दर्ज करवाकर कैसे लोगों को प्रताडित किया जाता है। बिना जांच किए ही पुलिस भी मामला दर्ज कर लेती है। पुरुषोत्तम जोशी जार राजस्थान टोंक इकाई के अध्यक्ष है। वे राजस्थान पत्रिका, ईटीवी जैसे बड़े संस्थानों में रह चुके हैं और वर्तमान में जी राजस्थान में है।
इस युवा पत्रकार ने बजरी माफिया के खिलाफ कई स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया है। ऐसे पत्रकार पर इस तरह की झूठी एफआईआर दर्ज करवाना, पूरे पत्रकार समाज पर हमला है। इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाने वाली पूजा मीना के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी करवानी होगी जिससे इस तरह की मानसिकता रखने वाले अफसर-कर्मचारियों को सबक मिल सके।
राज्य सरकार एक तरफ तो पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने जा रही है, वहीं सरकार के अफसर भी पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज करवा रहे हैं। इस झूठे मामले को लेकर टोंक के पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूजा मीना के खिलाफ परिवाद दिया है और पूरे मामले से अवगत कराया है, साथ ही स्टिंग ऑपरेशन के दौरान पूजा मीना के डायलॉग्स की सीडी और पत्रकार को धमकी देने की ऑडियो क्लिप भी दी है।
पूजा मीना के इस घिनौनी कृत्य में टोंक के दो पत्रकारों ने खूब साथ दिया। विज्ञापनों के लालच में पंजाब केसरी और खबरों की दुनिया समाचार पत्र के संवाददाता भगवान सहाय शर्मा और दैनिक नवज्योति के राजकुमार करनानी ने पत्रकारिता की सारी हदें पार करते हुए पूजा मीना के समर्थन में अपने समाचार पत्रों में पत्रकारों के खिलाफ खबर प्रकाशित की।
राकेश कुमार शर्मा
प्रदेश अध्यक्ष, जर्नलिस्टस एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार)