ये तो नही पता कि isis के लोगों का धर्म क्या है… किसी को तो छोड़ दो isis के हरामखोरों…
हाँलाकि उनके संगठन के नाम में ‘इस्लाम’ नाम का शब्द जुड़ा है, जैसा कि मथुरा के कंस रामवृक्ष ने नेता जी सुभाषचंद्र बोस जी की आजाद हिन्द फौज के नाम से दहशतगर्दो का कुनबा तैयार करने की गुस्ताखी की थी। पर हाँ इस बात में कोई दो राय नही है कि इन्सानियत के दुश्मन इन वहशी दरिन्दों ने अब तक सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही पहुँचाया है। आकड़े बताते है कि इन हरामखोरों (Isis) ने ईसाइयों, यहूदियो, कुर्दों, यजीदियों इत्यादि से ज्यादा जान-माल का नुकसान मुसलमानों को ही पहुँचाया है। यही नहीं, मुसलमानो के धार्मिक स्थल (मुख्य तीर्थ स्थल भी) तोड़ना isis का मुख्य लक्ष्य है।
भारतीय मुसलमानों शुक्र करो कि तुम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी और महात्मा बुद्ध के संस्कारों वाले देश भारत मे महफूज हो। तुम आजादी और सहयोग के साथ अपने धार्मिक फरीजे अदा करते हो और इस देश मे तम्हारे करोड़ों धार्मिक स्थल ( औसतन हर दो किलो मीटर के दायरे मे एक मस्जिद या दूसरे धार्मिक स्थल) है। यहाँ कोई Isis तुम पर जुल्म नहीं ढा सकता।
और हाँ, एक बात ध्यान से सुन लो मुसलमान भाईयो।
आत्म रक्षा के लिये…युद्ध कौशल मे दक्ष होने के लिये ..हथियार चलाना सीखने के लिये जो कभी-कभी प्रशिक्षण शिविर लगते है, उस पर तुम लोग आइन्दा कभी ऐतराज का हल्ला मत मचाना। तुम्हारे ये भाई ही isis को कुत्तों की मौत मारेंगे और उनसे तम्हारी जान बचायेंगे।
वैसे इन सुअरो (Isis) की मजाल नहीं है कि वो हमारे देश भारत की तरफ नजर उठाकर भी देखें।
लेकिन हाँ, हम बहुत मुतमईन (निश्चित) होकर भी नहीं बैठना चाहिए है।
यूपी का चुनाव नजदीक है। अपनी हारी हुई बाजी जीतने के प्रयासों में हो सकता है उनका यहाँ छोटा-मोटा टूर लगवाने के लिये कोई TA-DA भिजवा दे।
इन दरिन्दो के अमानवीय कृत्यों से जिनका लाभ होता होगा वैसी तमाम शैतानी शक्तियाँ ही इन शैतानों की आर्थिक सहायता करती ही होगी। तबाही मचाने की सुपारी से ही तो ये वित्त पोषित होते होगे।
आप सब तो समझदार हो.. जानते हो.. इस किस्म की. अमानवीय नापाक हरकतों वाली घटनाओं के माहौल में कहाँ-कहाँ, किसका-किसका, कब-कब और किस मौके पर किस किस्म का फायदा होता है।
लेखक नवेद शिकोगह लखनऊ के युवा और बेबाक पत्रकार हैं. उनसे संपर्क उनकी मेल आईडी [email protected] या उनके मोबाइल नंबर 08090180256 / 09369670660 से किया जा सकता है.
sanjib
July 6, 2016 at 6:08 pm
Naved Shikoh jaise sachchey aur deshbhakt Muslimon ki wajah se hi aaj bhi achchhey aur sachchey musalman bharat ki shan hain…
Bharat se jyada “Mahfooz” sansaar ka aur koi kona surakshit nahin hai doston…. Chahey lakh “Aamir Khan aur Shahrukh Khan” iss desh me khud ko jitna bhi “Asurakshit” mahsoos karein, Iss desh se badhiya aur sunder koi desh nahin…..