Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

मजीठिया देने के नाम पर जिन्हे सांप सूंघ जाता है वही जागरण मालिकान फिल्म फेस्टिवल पर पानी की तरह पैसा बहा रहे है

Jagran-Film-Festival

दैनिक जागरण कर्मी समाचार पत्र के लिए रात-दिन मेहनत करते हैं परन्तु इसके मालिक अपने कर्मियों को सुविधा देना तो दूर उनका शोषण और नौकरी से हटाने का भय दिखाते रहे हैं। उनको मजीठिया देना तो दूर की बात है उन्हें मानक स्तर का वेतन और भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मुंबई में जागरण फिल्म फेस्टिवल पर पानी की तरह रुपया बहाया जा रहा है।

Jagran-Film-Festival

Jagran-Film-Festival

दैनिक जागरण कर्मी समाचार पत्र के लिए रात-दिन मेहनत करते हैं परन्तु इसके मालिक अपने कर्मियों को सुविधा देना तो दूर उनका शोषण और नौकरी से हटाने का भय दिखाते रहे हैं। उनको मजीठिया देना तो दूर की बात है उन्हें मानक स्तर का वेतन और भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मुंबई में जागरण फिल्म फेस्टिवल पर पानी की तरह रुपया बहाया जा रहा है।

इन्हें तो कोर्ट का भी डर नहीं है कि अपने कर्मचारियों को मजीठिया आयोग के अनुसार वेतन आदि सुविधा दे दें। जो कर्मी इस संस्थान को खून पसीना देकर सींच रहे है उन्हें मलाल नहीं है कि उनके मालिक मुंबई में नचनियों के ऊपर पानी की तरह पैसा बहा रहे है। उन्हें तो बस इस बात का अफ़सोस है कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। वहीं कई कर्मी मालिकों द्वारा मजीठिया लागू ना होने से आहत है और कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. rajeshtiwari

    September 20, 2014 at 11:28 am

    विश्‍व का सबसे ज्‍यादा रीडर वाला अखबार अपने साथ कई खूबिया रखता है मसलन मालिकान को फ्री में सारी सुविधा चाहिए ऐसे कर्मचारी चाहिए जो सबसे कम में काम करें क्‍या आप इस महंगाई के जमाने में 10 से 15 हजार में बच्‍चे को पढा पाएंगे न तो मकान का खर्चा निकलेगा न ही पत्‍नी के साथ्‍ा आप रह सकते हैं ऐसे कई साथी हैं जो मजबूरी में अपनी पत्‍नी को पब्‍िलक स्‍कूल में महज दो से चार हजार रुपये में टीचिंग करा रहे हैं, ऐसे लोग हैंड टू माउथ हैं 40 साल के उपर लोग न तो अपने लिए कुछ कर पा रहें हैं न तो परिवार को जागरण में तो कुछ साथी महज दो हजार पर बिल्‍ला लेकर घूम रहे हैं मालिक डखुश हैं कि चलो सस्‍ते के मजदूर मिले लेकिन यहां भी गडबड ऐसे लोग पत्रकारिता के नाम पर वसूली कर रहे हैं कभी थाने में तो कभी किसी को ब्‍लैक मेल कर लिया तो कभी फोटो खीचकर कमा लिया कुछ अ च्‍छे लोग इस उम्‍मीद थे कि मजीठिया से उनका कुछ कल्‍याण हो जाएगा लेकिन वह भी उम्‍मीद से बाहर है, दूसरो के सामने हरिश्‍चंद्र बनने वाले मालिक सुप्रीम कोट के आदेश को कैसे कोई ताक पर रखता है अगर सीखना है तो जागरण वालों से संपर्क करों रक्‍तचूसक

  2. V.K.

    September 20, 2014 at 5:24 pm

    दैनिक जागरण का मालिक और प्रबंध निदेशक महेंद्र मोहन गुप्त उर्फ महिंदर बाबू अब खामोश है। पूर्व राज्य सभा सांसद महिंदर बाबू तथाकथित तौर पर सदन में तो खूब बकचोदी करते रहे, लेकिन अपनी कंपनी में करप्शन को जमकर बढ़ावा दिया। कर्मचारियों को उनके हक का पैसा देने में गांड फट जाती है, और करोड़ों रुपयों की कारें खरीदने और जमीनें हड़पने में अव्वल। अब तो हरामीपन चरम को भी पार कर चुका है। साले मजीठिया तो दूर की बात, आम वेतन भी नियम के अनुसार पूरा नहीं देते, मामूली सा पैसा देते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वालों, कान खोलकर सुन लो, नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा कतई जागरण वालों पर मेहरबानी न दिखाए और न ही इन हरामियों पर कार्रवाई होने में अड़ंगा लगाये। अगर तुम्हारी सरकार ने इन गंदे पूंजीपतियों का साथ दिया, तो याद रखना हम पत्रकार भले ही साधारण हों, कांग्रेस की तरह तुम्हारी भाजपा को भी धूल में मिला देंगे।

  3. sandi

    September 20, 2014 at 5:40 pm

    दैनिक जागरण को कभी ईमानदार लोग नहीं चाहिए। बल्कि जो जितना छंटा हुआ बदमाश, लुटेरा, हरामी हो, वो व्यक्ति इस अखबार को प्राथमिकता पर चाहिए। आज के युग में जब लोग कहते हैं कि ईमानदार आदमी नहीं मिल रहे, ऐसे में इस अखबार को ईमानदार व वफादार आदमी मिल जाएं, तो ये खुद उसे भार समझकर निकाल देते हैं। ये दैनिक जागरण के मालिकान बहुत बड़े मादर… हैं। आप ईमानदार और वफादार होकर काम करते हैं तो ये लोग आपको नौकरी से निकाल देंगे। यह भोसड़ी वाले जबरन आपको चोर भ्रष्ट और बेईमान बनाना चाहते हैं।

  4. sanjib

    September 27, 2014 at 2:27 pm

    Jagaran ke Malik aur Managers ko Itnaa Gariyaaney se Behtar hai ki Sabhi Saathi Ab Ek Ho Jaao aur Supreme Court mey Chaley Jao.. 7 Mahiney beet gaye, ab kya soch rahey ho, Sirf Gariyane se kuchh nahin hota, Court jaaker “Gaand Faar” do Saalon ki…

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement