आगे क्या हुआ, यह जानने के लिए मैंने ‘जेल जर्नलिज्म’ को आनलाइन खरीदा. हाथ में आने पर बस दो सीटिंग में निपटा दिया. आमतौर पर भारी और बोझिल किताबें कई कई सीटिंग के बावजूद खत्म नहीं हो पातीं. पर कानपुर के युवा पत्रकार मनीष दुबे की लिखी आत्म संस्मरणात्मक किताब ‘जेल जर्नलिज्म’ किसी बांधे रखनी … Continue reading वो जर्नलिज्म करने दिल्ली आया और पहुंच गया तिहाड़ जेल! जानिए आगे क्या हुआ…
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वो जर्नलिज्म करने दिल्ली आया और पहुंच गया तिहाड़ जेल! जानिए आगे क्या हुआ…
आगे क्या हुआ, यह जानने के लिए मैंने ‘जेल जर्नलिज्म’ को आनलाइन खरीदा. हाथ में आने पर बस दो सीटिंग में निपटा दिया. आमतौर पर भारी और बोझिल किताबें कई कई सीटिंग के बावजूद खत्म नहीं हो पातीं. पर कानपुर के युवा पत्रकार मनीष दुबे की लिखी आत्म संस्मरणात्मक किताब ‘जेल जर्नलिज्म’ किसी बांधे रखनी … Continue reading वो जर्नलिज्म करने दिल्ली आया और पहुंच गया तिहाड़ जेल! जानिए आगे क्या हुआ…