यूपी की समाजवादी पार्टी सरकार के मंत्री पंडित सिंह उर्फ विनोद सिंह
मंत्री जी की नाम हैं विनोद सिंह. गोंडा में इनका आतंक है. आतंक हो भी क्यों न. जब उनका मन करता है तो सीएमओ का अपहरण कर लेते हैं. मन करता है तो फोन मिलाकर किसी को गालियां देने लगते हैं. ताजा मामले में गोंडा के एक युवक आकाश अग्रवाल को मंत्रीजी ने सिर्फ इसलिए दर्जनों गालियां दे दी क्योंकि उस युवक ने हिंदुस्तान अखबार में छपी मंत्री जी की एक हरकत वाली खबर को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर दिया था. दरअसल हिंदुस्तान अखबार ने गोंडा में एक खबर छापी थी कि किस तरह मंत्री की गाड़ी में लगी काली फिल्म उतार दी गई. इसी खबर को गोंडा के नौजवान आकाश अग्रवाल ने अपनी फेसबुक पर लगा दिया.
चमचों ने इसकी सूचना मंत्री जी को दी तो उनका पारा चढ़ गया. मंत्री ने अपने मोबाइल से इस नौजवान को धमकाना शुरू कर दिया. नीचे दिए गए टेप को सुनकर जानिए मंत्री जी की समाजवादी भाषा कैसी है. मंत्री जी केवल गालियां देने से ही खुश नहीं हुए. उन्होंने नितेश सिंह दरोगा को आकाश की दुकान पर भेज दिया. दरोगा ने दुकान पर आकर कोतवाल शिवपति सिंह को फोन मिलाकर आकाश के पिता अशोक कुमार अग्रवाल से बात कराई और उसी दौरान फोन माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री पंडित सिंह को दे दिया. मंत्री ने आकाश के पिता को भी गालियां दी और कहा कि फर्जी मुकदमे लगाकर ऐसा हाल करूंगा कि मरकर ही छूटोगे. पुलिस ने आकाश की दुकान बंद करा दी. दुकान के आगे ठेले लगवा दिए.
पीड़ित आकाश ने मंत्री की दबंगई, धमकी, गाली-गलौज से डरे बिना पूरे मामले को विस्तार से लिखकर यूपी के डीजीपी के पास भेज दिया है. यूपी के डीजीपी या सूबे के मुखिया अखिलेश अपने ही मंत्री के खिलाफ क्या एक्शन करेंगे, ये तो हम आप जानते ही हैं. इसीलिए नहीं कहा जाता कि यूपी में जंगलराज है. जो शख्स शिक्षा विभाग का मंत्री हो, वह अगर ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता है तो समझा जा सकता है कि इस सूबे का मन मिजाज कैसा निर्मित हो रहा है.
सुनें टेप:
पूरे प्रकरण को विस्तार से छापने का साहस लखनऊ से सद्य: प्रकाशित दोपहर बाद के अखबार ‘4पीएम’ ने किया है. अखबार के संपादक संजय शर्मा ने इस प्रकरण को पहले पन्ने की कवर स्टोरी बनाकर ब्रेक किया और लखनऊ की मुर्दा पत्रकारिता में जान फूंकी. अखबार के पहले पन्ने पर छपी खबर का डिस्प्ले देखने और पढ़ने के लिए पूरा पेज भड़ास पर प्रकाशित किया जा रहा है. देखने है कि बिकाऊ मीडिया यानि कारपोरेट अखबारों व न्यूज चैनलों में मंत्री की इस करतूत की खबर प्रकाशित प्रसारित होती है या नहीं. फिलहाल तो लखनऊ के एक नौजवान पत्रकार संजय शर्मा ने सारे मामले को सरेआम करके समाजवादी पार्टी के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया है.
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