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जनसंदेश टाइम्‍स इलाहाबाद में दो को छोड़ सभी को निकाल दिया गया

इलाहाबाद से खबर है कि जनसंदेश टाइम्स में बाकी बचे कर्मचारियों को भी उनका हिसाब-किताब कर आफिस आने से मना कर दिया गया है। दो दिन पूर्व यहां के जीएम रंजीत कुमार ने कार्यरत व संस्थान छोड़ चुके सभी कर्मचारियों को बुलाया और बकाया देते हुये कहा कि 31 जुलाई आप लोगों का आखिरी दिन है। आप लोग कहीं और नौकरी की व्यवस्था कर लें।

<p>इलाहाबाद से खबर है कि जनसंदेश टाइम्स में बाकी बचे कर्मचारियों को भी उनका हिसाब-किताब कर आफिस आने से मना कर दिया गया है। दो दिन पूर्व यहां के जीएम रंजीत कुमार ने कार्यरत व संस्थान छोड़ चुके सभी कर्मचारियों को बुलाया और बकाया देते हुये कहा कि 31 जुलाई आप लोगों का आखिरी दिन है। आप लोग कहीं और नौकरी की व्यवस्था कर लें।</p>

इलाहाबाद से खबर है कि जनसंदेश टाइम्स में बाकी बचे कर्मचारियों को भी उनका हिसाब-किताब कर आफिस आने से मना कर दिया गया है। दो दिन पूर्व यहां के जीएम रंजीत कुमार ने कार्यरत व संस्थान छोड़ चुके सभी कर्मचारियों को बुलाया और बकाया देते हुये कहा कि 31 जुलाई आप लोगों का आखिरी दिन है। आप लोग कहीं और नौकरी की व्यवस्था कर लें।

एक पीडि़त पत्रकार ने बताया कि दो लोगों वीरेंद्र श्रीवास्तव व मीनाक्षी कुशवाहा को छोड़कर बाकी सबको टर्मिनेट कर दिया गया है। इसमें विज्ञापन प्रभारी प्रमोद यादव, आईटी इंचार्ज अमित, सिटी इंचार्ज अजहर अंसारी, रिपोर्टर सुधाकर पाण्डेय, आपरेटर रोशन पटेल आदि शामिल हैं, जबकि कई लोगों को दो महीने पहले ही आफिस आने से मना कर दिया गया था।

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एक पत्रकार ने बताया कि बीते महीने दो कर्मी सैलरी के बकाये को लेकर लेबर कोर्ट चले गये थे, जिसको लेकर जीएम व संपादक के नाम नोटिस भी जारी हुई थी। पत्रकार का कहना था कि इससे पूर्व सभी लोगों को प्रमोद यादव के कहने पर निकाला गया था, क्योंकि जीएम वही काम करते थे, जो प्रमोद कहता था। अब अखबार के मालिक अनुराग कुशवाहा ने उसे भी निकाल बाहर कर दिया।

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0 Comments

  1. vivek maurya

    August 2, 2014 at 6:36 am

    प्रमोद यादव तो जहाँ जाता है वहां का बंटाधार कर देता है. पहले जागरण से निकाला गया, फिर पॉयनियर से अब जनसंदेश से भी. विनीत मौर्या उसे बड़ी उम्मीदों से लेकर आये थे और उसमे सफल भी रहे. जी भरकर लूटा, अखबार तो बंद होना ही था. विशाल तो जागरण से जुड़ गए लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अब प्रमोद को नौकरी कौन देगा, क्योकि इसने हमेशा सबका बुरा ही तो किया है.

  2. vivek maurya

    August 2, 2014 at 9:22 am

    pramod yadav ko naukari jane se koi fark nahi padega bhai. uski BiBi teacher hai, kahi naukari mile ya na mile uska dhandha to chalta rahega.

  3. anil kushwaha

    August 3, 2014 at 10:07 am

    allahabad adition ko dubone me pramod yadav ka hi yogdan hai, kausambi, pratapgarh se khoob kamai kiya isne

  4. sahil singh

    August 4, 2014 at 7:51 am

    😆
    जो हुआ वह पहले ही हो जाता तो शायद कुछ हो सकता था लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत। प्रमोद को जनसंदेश से जो हासिल करना था उसने कर लिया। जन संदेश की कमाई से उसने अपना एक आशियाना बनाया, जिसका गृह प्रवेश रंजीत मौर्य के हाथों होना चाहिए उससे प्रमोद को काफी शांति मिलेगी आखिर रंजीक की आखों में धूल झोक उसने अपना मकसद पूरा किया। दुख इस बात का है कि जितने अरमान लिए अनुराग कुशवाहा ने इसकी नीव डाली वह पूरी तरह से विफल रहे। यह अनुराग की असफलता नही है, यह निकाले गए लोगों की आह है जो विफल नही हो सकती थी।
    साहिल सिंह

  5. prabhaker mishra

    August 4, 2014 at 7:56 am

    🙁
    प्रमोद यादव के जाने के बाद रंजीत मौर्य उर्फ ननकउ की तो नीद ही हराम हो गई होगी कि कहीं उस राज का पर्दाफास न हो जाये जो लोक लाज के चलते काफी दिनो से बंद पिटारे में था। प्रमोद के जाने के बाद रंजीत हमेशा यू टयूब पर उस राज का सर्च करते रहते हैं कि प्रमोद ने उस राज को प्रचारित न कर दिया हो।
    प्रभाकर नाथ यादव

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