राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के लोग सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते नहीं थकते. पश्चिमी संस्कृति को भारतीय सभ्यता के लिए खतरा बताते मानते हैं. परंतु भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जब खुलेआम शैंपेन की बोतल खोल रहे हैं और उनके आसपास खड़ी वीआईपी जनता जनार्दन आश्चर्य से तालियां बजाकर उनका मनोबल बढ़ा रही है. ट्विटर और फेसबुक पर वायरल हो रही इस तस्वीर को लेकर ढेरों प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लोग धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं, री-ट्वीट कर रहे हैं. हालांकि ये किसी ने नहीं लिखा बताया है कि ये तस्वीर है कहां की और किस मौके की. कहीं ऐसा तो नहीं कि ये फोटोशाप की कलाकारी हो!. जो भी हो, इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा चटखारे जोरों पर है और भाजपा वाले डिफेंसिव मोड में नजर आ रहे हैं. तस्वीर नीचे है और उसके नीचे है फेसबुक ट्विटर पर आ रहीं कुछ मजेदार प्रतिक्रियाएं…
Madhuvandutt Chaturvedi लिखते हैं: ”सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ?.. प्रवचन करते बीजेपी नेता प्रकाश जावेडकर।”
हितेन्द्र अनंत लिखते हैं: ”ये तस्वीर (क्षमा करें, चित्र) दीनानाथ बत्रा को दिखाया जाय।”
Jasbir Chawla मजा लेते हुए फेसबुक पर लिखते हैं: ये शेम्पन नहीं है, गंगाजल है
Abrar Hussain कहते हैं- अरे ये तो बोतल ले के खड़े हैं… इस सुसंस्कारी तस्वीर को उन्हें भी दिखाया जाए जो भारतीय संस्कृति को वेलेंटॉईन डे के ही दिन ज्यादा खतरे में महसूस करते हैं…
Umrao Singh Jatav का कहना है: ”देखिए भगवा भारती के आदर्श जिन पर देश की जनता मूर्खता की सारी सीमाएं लांघती हुई लहालोट हो गई. अब ये राम राज लाएंगे”
Varshney Mathura तस्वीर को शेयर करते हुए लिखते हैं- सुरा भी है सुंदरी भी? और नेता भी? यही तो है आज की राजनीति…
Rajiv Waghmare ने चुटीले अंदाज में तस्वीर की व्याख्या कुछ इस तरह की है: ”वो अंग्रेजी शराब नही, सोमरस है जो हमारी संस्कृति धरोहर है… वैसे भी तो Champagne मूलतः “श्रमपूर्णिका” नामक दिव्य जडी-बूटी से ही बनाई जाती थी – यकीन ना हो तो बात्राजी से पूछ लीजियो…”
Neelesh N Rane ट्विटर पर लिखते हैं: The minister who expects staff to be disciplined
alok dwivide
August 1, 2014 at 11:07 am
यह तस्वीर अभी की नही है लगभग चार या पांच पहले की इन्दौर की है जब प्रकाष जावेडकर इन्दौर आये थे उस उनके जाने के दुसरे ही दिनो अखकार मे इस तस्वीर को सुर्खीयो के साथ छापा गया था
prabhat tripathi
August 1, 2014 at 12:06 pm
यही तो राष्ट्रबाद है जनता के अच्छे दिन नहीं आए लेकिन पृकाश जावेडकर के अच्छे दिन शूरू हो गए है।
सिकंदर हयात
August 1, 2014 at 2:10 pm
सवर्गीय —— जन जी की कुर्सी खाली पड़ी थी उस पर किसी ने तो बैठना ही था
rohit gupta
August 1, 2014 at 3:09 pm
ye prakash javdekar modi ki image ko shampen ki bottel se mitti me milate hue dikhayi de rahe hai inhe sharam nahi aati. janta 100 rupey kilo tamatar kharid rahi hai or ye maje kar rahe hai
rohit gupta
August 1, 2014 at 3:10 pm
sab beyimaan hai
Avner
August 2, 2014 at 7:37 am
There is nothing wrong in this. pl open up your minds.
sandy
August 2, 2014 at 3:30 pm
isme bura kya hai…choti soch
Rakesh
August 4, 2014 at 9:48 am
jo jyada sarif dikhane koksis karte hai wo hi log aise kam karte hai jinse unki vastavikta swam ujagir karta hai..ye ek katu satya hai…
Imran Sagar
August 4, 2014 at 12:17 pm
तोफान की मानिन्द गरजने बादल बरसते नही बस लोगो को दुख देते है।
parul
August 11, 2014 at 4:44 pm
Uff!! Log toh aise comment kar rhe hain aur Prakash ji ko aise galat thehra rhe hain jaise koi bahut bada kukarm kar Diya Prakash ji ne 1 Champaign Ki bottle khol kar..in sabhi ko apne girebaan me muh daal kar ye dekhna chahiye Ki agar muft Ki mile to sab k sab daaru me nahana pasand karenge, peena toh chhoti si baat hai.. Ye virodh sirf isliye Ki Prakash ji BJP k neta hain..Varna yahi virodhi Jo itna gurra rhe hain, Mulayam Singh, Abu Azmi, Azam Khan aur Divjay Singh k shabdon aur harkaton me maun saadh lete hain.. Dual personality.. Daaru Ki bottle kholna Kaun si sanskriti ko dooshit karta hai bhai??