Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

जेडीए ने आईएएस अधिकारियों के लिए कब्जाई गांधीवादी संस्था की जमीन

जयपुर। केंद्र में सत्ता बदलने के साथ ही गांधीवादी संस्थानों की जमीनें सत्तारूढ़ दल को खटकने लगी हैं। राजस्थान से राजनीतिक हमले की शुरुआत हो गई है। 6 जून को प्रदेश की गांधीवादी संस्था राजस्थान समग्र सेवा संघ, दुर्गापुरा जयपुर को आवंटित 21 हजार 300 वर्गमीटर भूमि का आवंटन जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने निरस्त कर दिया। 7 जून को राज्य सरकार ने अलोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से दमनकारी कार्यवाही करते हुए संघ के कार्यकर्ताओं को बर्बरता पूर्वक खदेड़ दिया। संघ पदाधिकारियों का आरोप है कि गोकुल वाटिका में आईएएस अधिकारियों को जमीन देने के मकसद से जेडीए ने बेदखली की यह कार्रवाई की है।

<p>जयपुर। केंद्र में सत्ता बदलने के साथ ही गांधीवादी संस्थानों की जमीनें सत्तारूढ़ दल को खटकने लगी हैं। राजस्थान से राजनीतिक हमले की शुरुआत हो गई है। 6 जून को प्रदेश की गांधीवादी संस्था राजस्थान समग्र सेवा संघ, दुर्गापुरा जयपुर को आवंटित 21 हजार 300 वर्गमीटर भूमि का आवंटन जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने निरस्त कर दिया। 7 जून को राज्य सरकार ने अलोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से दमनकारी कार्यवाही करते हुए संघ के कार्यकर्ताओं को बर्बरता पूर्वक खदेड़ दिया। संघ पदाधिकारियों का आरोप है कि गोकुल वाटिका में आईएएस अधिकारियों को जमीन देने के मकसद से जेडीए ने बेदखली की यह कार्रवाई की है।</p>

जयपुर। केंद्र में सत्ता बदलने के साथ ही गांधीवादी संस्थानों की जमीनें सत्तारूढ़ दल को खटकने लगी हैं। राजस्थान से राजनीतिक हमले की शुरुआत हो गई है। 6 जून को प्रदेश की गांधीवादी संस्था राजस्थान समग्र सेवा संघ, दुर्गापुरा जयपुर को आवंटित 21 हजार 300 वर्गमीटर भूमि का आवंटन जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने निरस्त कर दिया। 7 जून को राज्य सरकार ने अलोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से दमनकारी कार्यवाही करते हुए संघ के कार्यकर्ताओं को बर्बरता पूर्वक खदेड़ दिया। संघ पदाधिकारियों का आरोप है कि गोकुल वाटिका में आईएएस अधिकारियों को जमीन देने के मकसद से जेडीए ने बेदखली की यह कार्रवाई की है।

समग्र सेवा संघ के भवन का शिलान्यास वर्ष 1960 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने किया था। संघ ने 15 मई, 1959 को पौने दस बीघा भूमि दुर्गापुरा में संस्था के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खरीदी थी, जिस पर गांधीवादी संस्थाओं की कई गतिविधियां चलती थीं। तब जयपुर विकास प्राधिकरण का जन्म भी नहीं हुआ था। राजस्थान के गांधी कहे जाने वाले गोकुल भाई भट्ट का जब निधन हुआ तो उनका अंतिम संस्कार इसी जमीन पर हुआ और उनके नाम पर स्मृति भवन बनाने का भी निर्णय हुआ। 1986 में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमि को अवाप्त किया गया, लेकिन संघ ने सरकार से किसी भी तरह का पैसा नहीं लिया। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के जिस उद्देश्य से भूमि अवाप्त की गई थी, उसके पूरा नहीं होने पर वर्ष 2001में राज्य सरकार ने यह भूमि वापस संघ को एक रुपए टोकन मनी पर आवंटित कर दी थी। बाद में नगरीय विकास विभाग ने 17 जुलाई, 2003 को संघ की 2 बीघा जमीन गोकुल वाटिका बसाने वाली कृषि सहकारी समिति को देने के आदेश दिए। इसके खिलाफ संघ की याचिका पर उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश भी दे रखा है।
 
6 जून 2014 को जेडीए ने संघ की 55 साल पुरानी रजिस्ट्रीशुदा इस 9 बीघा 1 बीस्वा जमीन का गैर-कानूनी एवं बदनियती से आवंटन रद्द कर दिया। जेडीए अधिकारियों का कहना है कि लोकायुक्त के पास पहुंची शिकायतों के बाद लोकायुक्त के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। जेडीए अनुसार गोकुल भाई भट्ट का स्मारक भवन बनाने के लिए समग्र सेवा संघ को जमीन दी थी। शर्तों के मुताबिक एक साल में मैप अनुमोदित करा कार्य शुरू कराना था और 3 साल में काम पूरा करना था। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कई आईएएस अधिकारियों ने गोकुल वाटिका में भूखंड ले रखे हैं। कॉलोनी के लिए भूमि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही जेडीए ने संघ को जमीन से बेदखल करने की कार्रवाई की है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

स्मृति भवन निर्माण करने की जो आवंटन की शर्त थी, वह तो जेडीए की देखरेख में होना था। कार्यकारिणी में सरकार की तरफ से प्रतिनिधि मनोनीत होने थे लेकिन ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस जमीन पर कब्जा लेने की फाइल पर जेडीसी शिखर अग्रवाल ने आदेश दिए। जेडीए ने तानाशाही तरीके से बिना पूर्व सूचना के जमीन पर कब्जा कर लिया। 7 जून, 2014 को दोपहर 1 बजे राजस्थान समग्र सेवा संघ पर कार्यवाही की गई। जेडीए ने जिस तरह की कार्रवाई की, वह मानवीय मूल्यों का हनन है। कार्रवाई से पहले लोगों को समय भी नहीं दिया गया और उन्हें कड़ी धूप में खड़े रहकर परेशानी झेलनी पड़ी। वहां रह रहे लोगों को उनके सामान सहित बेदखल कर दिया गया। बीस दिन के एक बच्चे सहित प्रसूता और 80 साल के दम्पत्ति को भी निर्मम तरीके से बाहर कर दिया।

परिसर के सभी भवनों को सील करने की वजह से आज दिन तक महत्वपूर्ण सामान उसमें बंद पड़ा है। वहां रह रहे लोगों ने दूसरी ठौर तलाशने और कड़ी धूप होने का हवाला देते हुए कुछ वक्त देने की गुहार की लेकिन जेडीए अफसरों ने उनकी एक न सुनी। यह भयावह है कि संघ कार्यकर्ताओं को परिसर में नहीं बैठने दिया गया और उन्हें 47 डिग्री तापमान में खुले में बैठना पड़ा। पिछले 28 साल से बनी स्वतंत्रता सेनानी एवं वरिष्ठ गांधीवादी कार्यकर्ता गोकुल भाई भट्ट की समाधि पर भी तालाबंदी कर दी। पूरे परिसर में जेडीए का बोर्ड लगाकर उसे अपमानित किया गया। जेडीए ने यह भूमि इसलिए अपने कब्जे में ली है, क्योंकि यह भूमि बहुत कीमती है और इसे जेडीए आवासीय भूखंडों व व्यावसायिक मकसद से उपयोग कराना चाहता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

संघ परिसर के बगल में बनी गोकुल वाटिका सहकारी समिति, कृषि को गृह निर्माण समिति बनाकर इसके भूखंड वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को अवासीय उद्देश्य से दे दिए हैं। राजस्थान समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह का कहना है कि गलतबयानी कर जेडीए इस जमीन को हड़पना चाह रहा है। स्थगन आदेश पूरी जमीन पर है। इसलिए जेडीए की कार्रवाई न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। जमीन संघ की ओर से खरीदी गई थी, जिसे बाद में जेडीए ने अधिग्रहित करना बताकर वापस संघ को आवंटित कर दी।

जेडीए की ओर से की गई कार्रवाई पर विभिन्न सामाजिक जनसंगठनों ने कड़ी निंदा की है। इसे एक वैचारिक हमले के रूप में देखा जा रहा है। जेडीए ने परिसर में तारबंदी कर दी है। परिसर के बाहर संघ व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि धरने पर बैठे हैं। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी सहित कई गैर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई की कठोर शब्दों में निंदा की है। 11 जून को आवंटन निरस्त करने के विरोध में राजस्थान समग्र सेवा संघ व अन्य संगठनों ने जेडीए के आगे प्रदर्शन किया। संघ अध्यक्ष सवाई सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल जेडीए आयुक्त शिखर अग्रवाल से मिला और जमीन आवंटन बहाल करने की मांग की।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बहरहाल, समग्र सेवा संघ में आज भी जरूरतमंद, दलित व निराश्रित आश्रय पाते हैं। अब जमीन पर बड़े बिल्डरों व भूमाफियाओं की नजर है। सरकार गांधीवादी संस्थानों की जमीन की दलाली कर भूमाफियाओं के हवाले करने पर अड़ी हुई है। आखिर, अच्छे दिनों का यह कैसा आगाज है?

लेखक बाबूलाल नागा विविधा फीचर्स के संपादक हैं। संपर्कः- 335, महावीर नगर, महारानी फार्म, दुर्गापुरा, जयपुर मोः 9829165513, ईमेलः- [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ईश्वरी प्रसाद

    August 22, 2015 at 5:09 pm

    अंधा बांटे रेवड़ी…
    ये तो सत्ता का शुरूर है।जिसमें कई जमीरदार जलील होंगे।

  2. ईश्वरी प्रसाद

    August 22, 2015 at 5:10 pm

    अंधा बांटे रेवड़ी…
    ये तो सत्ता का शुरूर है।जिसमें कई जमीरदार जलील होंगे।

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement