मित्रों, राज्यसभा सदस्य श्रीमती शोभना भरतिया के स्वमित्व वाले दैनिक हिन्दुस्तान को, जो झूठ और फरेब के सहारे अब तक सरकारी मशीनरी को भ्रमित करता रहा है, आगामी चार और फिर छह अक्टूबर को अदालती करंट लग सकता है। आपको याद दिला दें कि यूपी के श्रमायुक्त ने हिन्दुस्तान प्रबंधन के भ्रमजाल (इसमें नोट सहित कोई भी प्रलोभन शामिल हो सकता है) में फंसकर सुप्रीम कोट॔ में दाखिल एफिडेविट में यह कहते हुए इस अखबार को क्लीनचिट दे दी थी कि वह मजीठिया वेजबोड॔ के मुकाबले ज्यादा वेतन दे रहा है। यही वजह थी कि गत 23 अगस्त के सुको के डायरेक्शन के बावजूद लेबर कमिश्नर ने उस सर्कुलर से हिन्दुस्तान का नाम गायब कर दिया था, जो उसने यूपी के सारे अखबारों को प्रेषित कर प्रबंधन व कम॔चारियों की पूरी कुंडली मांग ली थी।
लेकिन विरोध के स्वर फूटे और छिटपुट शिकायतों के बीच उस समय हद हो गयी, जब लखनऊ के आठ साथियों पर गेट रोक लगा दी गयी। इनमें चार साथियों को तो बर्खास्त तक कर दिया गया। ये सभी बहादुर साथी लेबर कमिश्नर से लगायत सुको तक पहुंच गये। इस धमाल से पूरी उम्मीद जगी है कि चार अक्टूबर की तारीख पर सर्वोच्च न्यायालय हिन्दुस्तान प्रबंधन की चुंडी अवश्य खींचेगा और उससे पूछेगा कि वेज बोड॔ के अनुरूप वेतन मांगने वालों को काम पर आने से क्यों रोका गया?
इस बीच यूपी लेबर कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने असलियत जानने के बाद कड़ाई की तो लखनऊ के अपर श्रमायुक्त बीजे सिंह के हस्तक्षेप पर प्रबंधन चार पत्रकारों से काम लेने को बाध्य हो गया। हालांकि बर्खास्त चार पत्रकारों के मामले में वह आनाकानी कर रहा है। लेकिन बीजे सिंह का कहना था कि मैनेजमेंट ने नेचुरल जस्टिस फालो नहीं किया है, लिहाजा इन चारों को भी री एंट्री देनी होगी। प्रबंधन ने सोच विचार के लिए छह अकटूबर तक का समय मांगा है। ऐसे में उम्मीद है कि उस दिन फिर प्रबंधन की छीछालेदर होगी। दूसरी तरफ छह अक्टूबर को ही दिल्ली हाईकोट॔ में उन पौने तीन सौ कम॔चारियों के मामले की सुनवाई होनी है, जिन्हें हिन्दुस्तान प्रबंधन ने कुछ वष॔ पूव॔ निकाल दिया था। ये कम॔चारी हाईकोट॔ में केस जीत चुके हैं। लेकिन प्रबंधन ने रीव्यू अपील दाखिल की है।उम्मीद है कि प्रबंधन की अपील खारिज होगी। तो साथियों, डबल हेडर का इंतजार करें।
लेखक योगेश गुप्त पप्पू वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार हैं.
Rajesh
October 3, 2016 at 10:54 am
Kisi jagah b amarujala ka Naam nahi hai to kya amarujala per Kuch Karaya wahi nahi hoti.
Sala amarujala ka MD maheshwari 200-300 rs increment karwa ke kitna kaam le raha ki karamchariyo ki band baji hai.
Labour office me paisa khikakar khud ko 2 se 5th category me bata Diya.