Yashwant Singh-
अब शेयर खेलना बंद। जब खूब पैसा बना कर भी अचानक ही मर जाना है और थोड़ा माल भी साथ न ले जा पाना है तो फिर पैसा बनाने का फ़ायदा ही क्या! पैसा जितना हो उतना खर्चिए!
घूमने पर खर्चिए… सबसे शानदार इस्तेमाल है पैसे का। घूमने में पूरा पैकेज होता है… जब घूमने पर खर्चेंगे तो रहने पर खर्चेंगे, खाने पर खर्चेंगे, पीने पर खर्चेंगे… वाहन पर खर्चेंगे…
इसलिए थोड़ा कमायिए, लंबा घूमिये, ज़्यादा खुशहाल रहिए…
कहा भी गया है… पूत कपूत तो का धन संचय, पूत सपूत तो का धन संचय…
इसलिए अब शेयर खेलना बंद… यही झुंझुना जी को सच्ची श्रद्धांजलि रहेगी…
शेयर मार्केट का इस्तेमाल एक रिस्की बैंक की तरह करा जा सकता है.. किसी एक बढ़िया उभरती कम्पनी के शेयर को छाँट कर long टर्म के लिए निवेश कर भूल जाना है…
डेली की शेयर वाली किचकिच एक बैड हैबिट में तब्दील हो जाती है… मेरा निजी अनुभव है… वक्त पैसा सेहत श्रम सब बर्बाद होता है… नुक़सान पर तनाव डिप्रेशन अलग से…
जाते जाते झुनझुनवाला ने कह दिया कि सेहत में निवेश सबसे अच्छा… आपके पास लाख पैसा हो लेकिन अगर सेहत नहीं है तो उस पैसे का कोई मोल नहीं… झुनझुनवाला ने हजारों करोड़ रुपये कमाए पर वे अपनी खराब सेहत से परेशान रहे… यही वजह है कि जीवन के आखिर में उन्हें ज्ञान मिला कि सबसे बढ़िया निवेश सेहत में होता है…
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