जहां शासन कमजोर होता है, वहां पर कोई भी उसकी छाती पर चढ़ बैठता है… पत्रकारों के स्वयंभू नेताओं के मामले में भी कुछ ऐसी ही स्थति है… श्रमजीवी पत्रकार संघ में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का कार्यकाल आजीवन है…. इस कारण लगभग सभी पत्रकार इस यूनियन का साथ छोड़ चुके हैं…. कांग्रेस के ज़माने में इस यूनियन को लखनऊ के चाइना मार्किट में दफ्तर उपहार में मिल गया था, जिसकी कीमत अब करोड़ों में है…
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष की रोजी रोटी इसके ही किराये से चलती है, क्योंकि उनके पास बरसों से कोई अखबार और नौकरी नहीं है… फिर सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इनको लाखों रुपये की व्यवस्था हर साल क्यों करते हैं… सोचना चाहिए कि क्या इस पत्रकार विहीन यूनियन से पत्रकारों को साधने में उन्हें 1 % भी सफलता मिल पा रही है?
फर्जियो ने उठाया पत्रकारों को राहत का जिम्मा… शराब और शबाब में तैरते श्रमजीवी.. 5वीं पास कैसे बना राष्ट्रीय पदाधिकारी श्याम बाबू ढीमर… किसी की रजिस्टर ट्रस्ट पर किया कब्जा… देशभर में दुकानदारी की नीयत… जालौन और उत्तरप्रदेश की श्रमजीवी यूनियन की चान्डाल चौकड़ी में कोई नहीं पत्रकार… काले चिट्ठे का खुलासा… सटोरियों का सरगना… चंदे का बादशाह… लड़की सप्लायर… राजनीतिक और अधिकारियों के बिस्तर गर्म करने वाले हैं श्रमजीवी यूनियन के पदाधिकारी.. यूपी का एक हिस्ट्री शीटर और शराबी कैसे बन गए पत्रकारों के रहनुमा…
नवजीत सिंह संपर्क : 9161336688 ईमेल – [email protected]
aleem
June 6, 2015 at 11:56 am
तुम जैसे “गे ” फर्जी पत्रकारों के बजह से पत्रकारिता बदनाम है तुम जिसको अपना गुरु मानते हो वो तो “गे ” का सरदार है। चैनल की आई डी बेच कर और तुलसी धाम के नजदीक निवासी गे सरदार उपहार के मकान में चकला घर चलवाते हो . और जो पत्रकारों के लिए काम करता है संघठन उसको इसलिए बदनाम कर रहे हो की तुम जैसे गांडूओ को शामिल नहीं किया गया। शर्म आनी चईये।
वैसे तुम्हारा और गे सरदार का इलाज संभव है और इसका इलाज वर्तमान सरकार अन्य पत्रकारों की भाति करवा सकती है।
इलाज करवाना हो तो कॉमेंट करे
के पी सिंह
June 8, 2015 at 5:30 am
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
कलमकार जालौन
June 8, 2015 at 11:07 am
श्रमजीवी पत्रकारों का संगठन है या चन्दाखोर टूरिस्ट कंपनी
श्रमजीवी का नाम टूरिस्ट कंपनी के रूप में भी बहुत चर्चा में आ चुका है , श्रमजीवी के पदाधिकारी कार्यक्रमों में शेख़ी बघारते है कि पत्रकारों में दक्षता बढ़े इसलिए वे अपने पत्रकारों का प्रशिक्षण विदेशो में कराते है
सरकार से खर्चा लेकर इनके पदाधिकारी विदेश यात्राये करते है जब पदाधिकारियों में से इक्का दुक्का छोड़कर कोई भी किसी अखबार में भी नहीं है तो विदेश में गुण सीखकर कोन सा अचार डालते है
इन यात्राओ में जिले से ले जाये गए पत्रकारों ने वहा पिछले 5 सालो में कौन सा प्रशिक्षण लिया अगर उनके लिए उनका खुला टेस्ट करवा लिया जाए तो चन्दाखोरो का चेहरा बेनकाब हो जायगा , विदेशी टूर कराने के बहाने इनके द्वारा जिलो में संगठन के नाम पर खुली वसूली की जाती है साथ ही इसकी आड़ में श्रमजीवी संघ के पदाधिकारी दुसरे देश से सस्ता सामान लाकर यहाँ बेचने का धंधा भी करते है इनके विदेशी दौरों का खर्च देने की फिजूलखर्ची सरकारों को तत्काल रोकनी चाहिए ।
और हिन्दुस्तान में , ढीमर यानी निषाद जिनका मुख्या काम नदियों के किनारे रहना और मछलिया पकड़ना और छोटी छोटी मछलियो के जरिये बड़े बड़े एनकौंदाओ को फासना और अगर ऐसे में कोई श्याम बाबू ( राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ) जैसा ढीमर यदि अपने नाम के आगे शर्मा लिखने लगे तो कोई ख़ास बात नहीं है पेशा लगभग वेश्यावृति सा है शिक्षा का स्तर निम्न , अगर उल्लू को दिन में दिखाई दे तो उसमे सूर्य का कोई दोष नहीं समाज कोड में खाज को भी स्वीकार करके रुकने का नाम नहीं और विद्रोह करके क्रांति का जज्बा नपुंसक पत्रकारों में नहीं
और संदेह के धरातल पर आत्मविश्वाश पिघल जाता है जैसे पराठे पर मक्खन पिघल जाता है इसलिए उन वास्तविक श्रमजीवियों को आगे लाइए जो वास्तव में खबर के लिए हाड़तोड़ मेहनत करके निष्पक्ष पत्रकारिता में ईमानदारी की सजा भुगत रहे है
उपसंघार में कहु तो चूहों की चमड़ी से नगाड़े नहीं बजा करते ।
अँधेरा जब तलक तारी रहेगा
चिरागो का सफर जारी रहेगा
तुफंगो तेग सब नाकाम होगे
कलम का वार ही भारी रहेगा
akhilesh
June 8, 2015 at 11:23 am
अपने सही नाम से पोस्ट डालो अगर जरा सा भी ईमान और जमीर बाकी हो तो अपनी गिरेबान में झांक लेना और अपनी माँ बहने जनता के सामने पेश का इतना ही शौंक हो तो उन्हें दिल्ली के गांधी बाबा रोड , इलाहाबाद के मीरगंज , कलकत्ता के सोनकछि बाजारों आदि में छोड़ आओ ये सब शौंक हमारी संत मंडली में कोई नहीं रखता वैसे तुम लोग श्यामबाबू ढीमर 5 पास राष्ट्रीय कोश्याध्यक्ष , आदि का यह पुराना काम है की निजी स्वार्थो की पूर्ती कैसे अपनी बहन बिटियो और बीवियों को पेश करके की जाती है क्युकी शिक्षा का स्तर शुन्य , अनपढ़ ही ऐसी भाषा शैली का प्रयोग कर सकता है
पत्रकार सत्ता उरई
June 8, 2015 at 11:32 am
मादरजात , फटे कंडोम की पैदाइश श्याम बाबू ढीमर की नाजाइज़ औलादो तुम भी झाँसी में साइकिल स्टैंड पर पैदा हो गए थे क्या जब कोई काम धंदा नहीं मिला तो शर्मजीवी के नाम पर चांडाल चोकड़ी चन्दाखोरी करने लगे मूर्खो अगर गांड में जरा सा भी बारूद हो तो मिल लेना खूटे पर बैठाकर सारी सिलवटे तोड़ देंगे वैसे जिनके नाम से तुमने कमेंट किया है तुम तो मादरचोद उनके घर की लैट्रिन साफ़ करने लायक भी नहीं समझे मअकेलौड़े
और तुम्हारे श्यामबाबू जैसे सैकड़ो लोग उनके दरबार में झाड़ू लगाने और पानी पिलाने का काम करते हो समझे अपने बाप से पूछ लेना
मादरचोद मअकेलौड़े साले रंडी के जने
AADESH
June 8, 2015 at 11:41 am
सरकार के पत्रकारों की ट्रेनिंग के नाम पर उड़ीसा और पाकिस्तान लेजाकर रंडीबाजी करते हो चंदा खोरी करके शयामबाबू अपना खर्च चलता है 20 ,000 लेकर जिलाध्यक्ष के पद बेचते हो 5000 लेकर जिले में तुम्हारे जिलाध्यक्ष आधे आधे के खेल में उपाध्यक्ष और सचिव आदि पद बेचते है किस बात बात के श्रमजीवी हो सालो शर्म जीवी हो और जो पत्रकार चयनित कराकर ढीमर ले जाता है वो कही पत्रकार है नहीं कोई सेक्स की दवा बेचता तो कोई लड़की सुप्प्लायर है
irfan pathan
June 8, 2015 at 11:53 am
गली गली में शोर है
श्यामबाबू ढीमर चोर है सप्लायर है भडुआ चन्दाखोर है
irfan pathan
June 8, 2015 at 12:34 pm
maderchod fraji sharmajeevi saale chor chandakhor gaand me baaroood ho to mil lo hangede
fdfdfdfd
June 8, 2015 at 4:38 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
fdfdfdfddss
June 8, 2015 at 4:39 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
fghgh
June 8, 2015 at 4:39 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
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इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
fgchodu
June 8, 2015 at 4:40 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
yyodu
June 8, 2015 at 4:40 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
gandu
June 8, 2015 at 4:43 pm
साथियो में हु
के पी सिंह उर्फ़ (कमीने प्रसाद सिंह उरई )
में जीवन में कुछ नहीं कर पाया गांडू होने के कारण औरत ने गांड पे दे दी। अखवारों की पुरानी कटिंगो से जोड़ तोड़ के हुनर के कारण उरई में हू । तपिस मिटाने के लिए नये छात्रो को योग सीखता हु और उनके ही साथ करता हु। मगर लोग मुझे “गे” (दो पुरषो के बीच होने बाला सेक्स) कहने लगे । में बता दू आप को मेने डाकुओ पर बहुत खोज की है । कई कई दिनों तक डाकुओ के साथ रहा हु । उस समय कई बार डाकुओ में मेरी ली । बस तभी से ये नया हुनर मुझे लग गया। तभी से में विछिप्त हो गया अपने आलावा किसी की तारीफ नहीं सुन सकता। इसी लिए मेरे कहने से मेरे चेले ने ऊपर बाला पोस्ट किया है । जिसके लिए में क्षमा मांगता हु । में अब नये लड़को को भी तयार कर रहा हु। जिसे में योग कहता हु योग से मुझे भोग । मेरी संसथान में अभी भर्ती चालू है । मेरा पता कोई भी बता देगा। रेलवे स्टेसन हो बस स्टेण्ड।
डिस्कलेमर
इस लेख में नाम और स्थान का मेल महज एक इतेफाक हो सकता है जिसे नजर अंदाज किया जाये।
विकास झाँसी श्रमजीवी
June 8, 2015 at 5:41 pm
में हु विकास शर्मा अपनी बीवी को चुदवाने वाला नकली ब्राह्मण उर्फ़ ढीमर श्याम बाबू का पोता पीने वाला के पी सिंह मेरे बाप है साथियो गलती हो गयी थी क्युकी गन्दा खून है मेरी माँ पूरी मीडिया से चुदी थी उरई में कंडोम फट गया और पत्रकारों से ही मेरा जन्म हुआ इसलिए पत्रकारिता के कुछ लक्षण आ गए मेरे अंदर माफ़ करना भाइयो अगर मेरी बीवी की चाइये हो तो विनय दिवाकर और दीपक से समपर्क कर वो दलाल है मेरी बीवी और माँ के
विनय दिवाकर झाँसी
June 8, 2015 at 5:43 pm
में हु विकास शर्मा अपनी बीवी को चुदवाने वाला नकली ब्राह्मण उर्फ़ ढीमर श्याम बाबू का पोता पीने वाला के पी सिंह मेरे बाप है साथियो गलती हो गयी थी क्युकी गन्दा खून है मेरी माँ पूरी मीडिया से चुदी थी उरई में कंडोम फट गया और पत्रकारों से ही मेरा जन्म हुआ इसलिए पत्रकारिता के कुछ लक्षण आ गए मेरे अंदर माफ़ करना भाइयो अगर मेरी बीवी की चाइये हो तो विनय दिवाकर और दीपक से समपर्क कर वो दलाल है मेरी बीवी और माँ के
shyam babu
June 8, 2015 at 5:45 pm
में हु श्याम बाबू ढीमर अपनी बीवी को चुदवाने वाला नकली ब्राह्मण उर्फ़ ढीमर श्याम बाबू का पोता पीने वाला के पी सिंह मेरे बाप है साथियो गलती हो गयी थी क्युकी गन्दा खून है मेरी माँ पूरी मीडिया से चुदी थी उरई में कंडोम फट गया और पत्रकारों से ही मेरा जन्म हुआ इसलिए पत्रकारिता के कुछ लक्षण आ गए मेरे अंदर माफ़ करना भाइयो अगर मेरी बीवी की चाइये हो तो विनय दिवाकर और दीपक से समपर्क कर वो दलाल है मेरी बीवी और माँ के
राजा बम्हौरी जालौन
June 8, 2015 at 5:46 pm
में हु श्याम बाबू ढीमर अपनी बीवी को चुदवाने वाला नकली ब्राह्मण उर्फ़ ढीमर श्याम बाबू का पोता पीने वाला के पी सिंह मेरे बाप है साथियो गलती हो गयी थी क्युकी गन्दा खून है मेरी माँ पूरी मीडिया से चुदी थी उरई में कंडोम फट गया और पत्रकारों से ही मेरा जन्म हुआ इसलिए पत्रकारिता के कुछ लक्षण आ गए मेरे अंदर माफ़ करना भाइयो अगर मेरी बीवी की चाइये हो तो विनय दिवाकर और दीपक से समपर्क कर वो दलाल है मेरी बीवी और माँ के
मीडिया का बाप
June 8, 2015 at 5:48 pm
में हु श्याम बाबू ढीमर अपनी बीवी को चुदवाने वाला नकली ब्राह्मण उर्फ़ ढीमर श्याम बाबू का पोता पीने वाला के पी सिंह मेरे बाप है साथियो गलती हो गयी थी क्युकी गन्दा खून है मेरी माँ पूरी मीडिया से चुदी थी उरई में कंडोम फट गया और पत्रकारों से ही मेरा जन्म हुआ इसलिए पत्रकारिता के कुछ लक्षण आ गए मेरे अंदर माफ़ करना भाइयो अगर मेरी बीवी की चाइये हो तो विनय दिवाकर और दीपक से समपर्क कर वो दलाल है मेरी बीवी और माँ के
प्रवीण द्विवेदी
June 8, 2015 at 5:53 pm
मादरचोद के पी सिंह सबके बाप है मीडिया में तेरी माँ की चूत ढीमर उर्फ़ शर्मा की औलाद अपने बाप का नाम पता है मअकेलौड़े
तेरी माँ की छूट में डंडा दाल के खड़बड़ा दू या छाता दाल कर खोल दू अपनी शयम बाबू ढीमर के माध्यम से तू भी लखनऊ अपबी बीवी और लड़की पेश करता है क्या मददचोद सूअर की
औलाद लड़की सापळ्ळैर साले
जिलेदार गोपालपुरा
June 8, 2015 at 5:59 pm
जालौन श्रमजीवी में जो हरामियो की फौज शयामबाबू ढीमर अपने निजी स्वार्थो के लिए पेश की गयी है पूरी मीडिया जनती है सब भडुए है साले 5 पास है श्याम बाबू ढीमर साइकिल स्टैंड चलता था और झाँसी में इसके चकलाघर आज भी चलते है
विकास फर्जी शर्मा उर्फ़ ढीमर वास्तविक शर्माओ की लड़की फांस कर विवाह कर लिया और उसको पेश करने लगा उसी की दलाली की कमाई खता हैओ भडुआ
मादरजात मिल लो हमसे नथ डाले तेरी गांड में साले हगने लायक भी नहीं रहेगा तेरा कुनबा