एक झोलाछाप महिला पत्रकार है.. उनका नाम नही लिखूंगा.. जिस्म की बदौलत और पत्रकार बाप की दलाली की बदौलत कुछ चैनलों में एंकरिंग और पत्रकारिता की नौकरी तो पा गयी थी.. लेकिन जिस्म का जादू लम्बे समय तक नहीं चलता.. एक समय के बाद प्रतिभा का होना भी जरूरी होता है .. प्रतिभा तो थी नहीं इसलिए दर्जनों चैनलों से लात मारकर निकाली गयी… नौकरी के लिए जिस्म का सौदा देखिये… एक चैनल में उसने शादीशुदा एडिटर को ही फांस लिया… दोनों आउटडोर का बहाना बनाकर बाहर निकल जाते थे फिर होटलों में “मम्मी पापा” वाला खेला खेलती थी…
कुछ “सौतिया” जलनखोर पत्रकारों को भनक लग चुकी थी… उन्होंने जासूसी करनी शुरू की और सहारनपुर में एक होटल में कुछ दृश्य कैमरे में कैद कर लिए… हलांकि मीडिया के चुगलखोरों के बीच ऐसी चर्चा है की मैडम ने खुद ही अन्तरंग पलों को कैमरा में कैद कराया ताकि शादीशुदा एडिटर शादी के वायदे से मुकर न जाए… फिर दलाल बाप और कामी बेटी ने मिलकर उस शादीशुदा एडिटर को पहले तबियत से धुना फिर पूछा बोल अपनी बीबी को तलाक कब दे रहा है? बेचारा एडिटर रेप केस में पूरी जिन्दगी जेल में रहने की धमकी से डर गया और अपनी पहली बीबी को तलाक देकर घड़ी डिटर्जेंट के पंचलाइन “पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें” से प्रेरित होकर कई बार “टेस्ट ड्राइव” लेने के बाद अंततः उस कामी पत्रकार से शादी कर ही लिया…
चूँकि वो महिला पत्रकार पक्की कामी है.. मोदी और योगी और हिंदुत्व से नफरत रोम रोम में भरा है… और साथ ही “सीरियल केसर” भी है.. मतलब कोई कुछ भी कहे अपने रुसूख का इस्तेमाल करते हुए सीधे केस करती है… फिर बड़े गर्व से उसे फेसबुक पर लिखकर बताती भी है… कि देखो मैंने फलाना पर फलाना केस किया… देखो मैंने फलाना को अंदर करवाया…
ये महिला पत्रकार जानबूझकर फेसबुक पर मोदी या योगीजी के बारे में बेहद घटिया पोस्ट लिखती है… असल में उसका मकसद ही है लोगो को उकसाना भड़काना… क्योंकि वो चाहती है कि कोई ऐसा कमेन्ट करे कि उसपर केस करके “चरमआनन्द” पा सकूं… फिर कुछ छुटभैये बेचारे जिन्हें न कानून की समझ न अक्ल है, वो बेचारे जिओ के मुफ्त के सिम से गुस्से में कुछ कमेन्ट कर देते हैं… फिर वो महिला होने का फायदा उठाकर ट्विटर से लेकर फेसबुक तक “रंडीरोना” करके कहने लगती है- हेल्लो योगीजी हेल्लो यूपी पुलिस आपका समर्थक चाहिए… ये मुझ पर रेप करने की धमकी दे रहा है ..
अभी बेचारा एक सत्तरह साल का छोकरा हवालात की हवा खा रहा है.. यह छोकरा जाल में फंस गया क्योंकि कामी पत्रकार ने पहले योगीजी पर बेहद घटिया पोस्ट करके लोगों को भडकाया… फिर देखा कि कौन कौन कमेन्ट केस के दायरे में आते हैं और इस प्रकार के लौंडे को उठवा लिया…
मैंने साइकोलोजी की बहुत सी किताबे पढ़ी हैं… इसलिए इस महिला का ब्रेन एनालिसिस से यही पता चलता है कि ऐसी तमाम महिलायें साइको होती हैं…
मैं आप सब राष्ट्रवादी मित्रों से यही कहना चाहूँगा कि आप ऐसी किसी भी साइको महिला या पुरुष के उकसावे में आकर ऐसा कोई कमेन्ट न करें जिससे आपको क़ानूनी पचड़ों में फंसना पड़े… हम जब चलते हैं तो रास्ते में अगर टट्टी दिख जाए तो हम थूककर वहां से तुरंत दूर हो जाते हैं.. ठीक ऐसे ही हमे इन कामी महिलाओ और कामी पत्रकारों के साथ फेसबुक पर भी करना चाहिए.. ऐसी तमाम लोगों को आप ब्लाक कर दें ताकि उनका लिखा आपको न दिखे और आप उनके बिछाए जाल में न फंस सकें…
jitendra pratap singh
ahmedabad
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Mohit
April 3, 2017 at 2:45 pm
Really disappointed as a longtime reader of Bhadas to see such posts published here. Expect a certain standard of language even when making personal accusations, this is complete garbage.