Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

साधना न्यूज वर्सेज भड़ास : तीस हजारी कोर्ट पहुंचे यशवंत का कचहरीनामा पढ़ें

Yashwant Singh

आज कचहरी का दाना पानी उड़ाया। चांपना न्यूज़ नाम से भड़ास पर जो व्यंग्य छपा था, साधना न्यूज़ वालों ने उसको लेकर मुकदमा किया हुआ है। आज उनके गवाह का क्रॉस था जिसे बखूबी अंज़ाम दिया सीनियर वकील हिमाल अख्तर भाई ने। भड़ास का ये केस हिमाल भाई बिल्कुल मुफ्त में लड़ रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कोर्ट से बाहर निकल कर सेल्फियाने के बाद आगे बढ़ा तो ये बड़का इलाहाबादी अमरूद ने दिल धड़का दिया। फौरन एक अमरूद खरीद कर खड़े खड़े चट कर गया! कचहरी चटोरों के लिए बहुत सही जगह होती है गुरु! भांति भांति के आइटम, क्वालिटी वाले और सस्ते दामों में. हमारे गाजीपुर में कचहरी पर एक बुजुर्ग शख्स सत्तू क्या ग़ज़ब पिलाते हैं. जाने कौन कौन सा मसाला उसमें मिलाते हैं और बहुत इत्मीनान से बनाते हैं, घड़े के पानी से. उनको सत्तू तैयार करते हुए देखना बड़ा आनंददायक होता है.

तीस हजारी मेट्रो से नीचे उतरते ही भांति भांति की दुकानें दिखनी शुरू हो जाती हैं. न्यायालय में पहुंचते पहुंचते कई किस्म के ठेले आपको ललचाते दिख जाते हैं. उसके बाद तिहाड़ से कैदियों के पेशी पर लेकर आईं दिल्ली पुलिस की लंबी लंबी जालीदार गाड़ियां खड़ी दिखती हैं. तीस हजारी कोर्ट जब भी जाता हूं तो वहीं से लौटानी प्रेस क्लब आफ इंडिया जरूर पहुंचता हूं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

असल में मेट्रो तीस हजारी से कश्मीरी गेट और कश्मीरी गेट से सेंट्रल सेक्रेट्रियेट जाती है. प्रेस क्लब आफ इंडिया सेंट्रल सेक्रेट्रियेट मेट्रो स्टेशन से दस कदम की दूरी पर है. आज वहां पहुंचा तो दोपहर के भोजन में मस्टर्ड फिश करी और भात दबाया. कई सारे परिचितों से बतियाते गपियाते दिन आनंदमय बीत गया.

कभी कभी सोचता हूं कि अगर जीवन में ऐसे कुछ कोर्ट कचहरी के चक्कर न हों तो हम जैसा आलसी आदमी काहे को घर से निकले. इसलिए जो होता है अच्छा होता है. कचहरी को दिल से जीना चाहिए, क्योंकि कचहरी अदभुत जगह होती है. इस एक जगह पर घूमने टहलने में पूरी जीवन समाज दर्शन सब समझ में आ जाता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी को अपने अंदाज में कवि कैलाश गौतम ने कुछ यूं व्याख्यायित किया है…

कचहरी न जाना

-कैलाश गौतम-

Advertisement. Scroll to continue reading.

भले डांट घर में तू बीबी की खाना

भले जैसे -तैसे गिरस्ती चलाना
भले जा के जंगल में धूनी रमाना
मगर मेरे बेटे कचहरी न जाना
कचहरी न जाना
कचहरी न जाना

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी हमारी तुम्हारी नहीं है
कहीं से कोई रिश्तेदारी नहीं है
अहलमद से भी कोरी यारी नहीं है
तिवारी था पहले तिवारी नहीं है

कचहरी की महिमा निराली है बेटे
कचहरी वकीलों की थाली है बेटे
पुलिस के लिए छोटी साली है बेटे
यहाँ पैरवी अब दलाली है बेटे

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी ही गुंडों की खेती है बेटे
यही जिन्दगी उनको देती है बेटे
खुले आम कातिल यहाँ घूमते हैं
सिपाही दरोगा चरण चुमतें है

कचहरी में सच की बड़ी दुर्दशा है
भला आदमी किस तरह से फंसा है
यहाँ झूठ की ही कमाई है बेटे
यहाँ झूठ का रेट हाई है बेटे

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी का मारा कचहरी में भागे
कचहरी में सोये कचहरी में जागे
मर जी रहा है गवाही में ऐसे
है तांबे का हंडा सुराही में जैसे

लगाते-बुझाते सिखाते मिलेंगे
हथेली पे सरसों उगाते मिलेंगे
कचहरी तो बेवा का तन देखती है
कहाँ से खुलेगा बटन देखती है

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी शरीफों की खातिर नहीं है
उसी की कसम लो जो हाज़िर नहीं है
है बासी मुहं घर से बुलाती कचहरी
बुलाकर के दिन भर रुलाती कचहरी

मुकदमें की फाइल दबाती कचहरी
हमेशा नया गुल खिलाती कचहरी
कचहरी का पानी जहर से भरा है
कचहरी के नल पर मुवक्किल मरा है

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुकदमा बहुत पैसा खाता है बेटे
मेरे जैसा कैसे निभाता है बेटे
दलालों नें घेरा सुझाया -बुझाया
वकीलों नें हाकिम से सटकर दिखाया

धनुष हो गया हूँ मैं टूटा नहीं हूँ
मैं मुट्ठी हूँ केवल अंगूंठा नहीं हूँ
नहीं कर सका मैं मुकदमें का सौदा
जहाँ था करौदा वहीं है करौदा

Advertisement. Scroll to continue reading.

कचहरी का पानी कचहरी का दाना
तुम्हे लग न जाये तू बचना बचाना
भले और कोई मुसीबत बुलाना
कचहरी की नौबत कभी घर न लाना

कभी भूल कर भी न आँखें उठाना
न आँखें उठाना न गर्दन फसाना
जहाँ पांडवों को नरक है कचहरी
वहीं कौरवों को सरग है कचहरी ||

Advertisement. Scroll to continue reading.

भड़ास पर छपी किन खबरों पर साधना न्यूज ने किया मुकदमा, जानने के लिए नीचे दिए शीर्षकों पर एक-एक कर क्लिक करें :

‘साधना न्यूज’ ने ‘चांपना न्यूज’ वाले व्यंग्य को दिल पर लिया, भड़ास पर मुकदमा ठोंका, जानिए कोर्ट में क्या हुआ

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक न्यूज चैनल में भड़ैती के कुछ सीन (पार्ट एक)

xxx

एक न्यूज चैनल में भड़ैती के कुछ सीन (पार्ट दो)

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक न्यूज चैनल में भड़ैती के कुछ सीन (पार्ट तीन)

xxx

एक न्यूज चैनल में भड़ैती के कुछ सीन (पार्ट चार)

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक न्यूज चैनल में भड़ैती के कुछ सीन (पार्ट पांच)

भड़ास के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement