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देश भक्त मोदी के कारिंदो का काला चिट्ठा आरटीआई के जरिए हुआ उजागर

Vishwanath Chaturvedi : देश भक्त मोदी के कारिंदो का काला चिट्ठा जानिये…. पूँजीपतियों की किस किस कम्पनी ने लगाया चूना, देश और देशभक्ति के नाम पर : आर टी आई से हुआ खुलासा… आप एक विजय माल्या की बात करते हैं.. मैं आपको बता दूँ अभी हाल में एक आरटीआई आवेदन के ज़रिये इस बात का खुलासा हुआ कि 2013 से 2015 के बीच देश के सरकारी बैंकों ने एक लाख 14 हज़ार करोड़ रुपये के कर्जे माफ़ कर दिये। इनमें से 95 प्रतिशत कर्जे बड़े और मझोले उद्योगों के करोड़पति मालिकों को दिये गये थे। यह रकम कितनी बड़ी है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर ये सारे कर्ज़दार अपना कर्ज़ा लौटा देते तो 2015 में देश में रक्षा, शिक्षा, हाईवे और स्वास्थ्य पर खर्च हुई पूरी राशि का खर्च इसी से निकल आती।

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Vishwanath Chaturvedi : देश भक्त मोदी के कारिंदो का काला चिट्ठा जानिये…. पूँजीपतियों की किस किस कम्पनी ने लगाया चूना, देश और देशभक्ति के नाम पर : आर टी आई से हुआ खुलासा… आप एक विजय माल्या की बात करते हैं.. मैं आपको बता दूँ अभी हाल में एक आरटीआई आवेदन के ज़रिये इस बात का खुलासा हुआ कि 2013 से 2015 के बीच देश के सरकारी बैंकों ने एक लाख 14 हज़ार करोड़ रुपये के कर्जे माफ़ कर दिये। इनमें से 95 प्रतिशत कर्जे बड़े और मझोले उद्योगों के करोड़पति मालिकों को दिये गये थे। यह रकम कितनी बड़ी है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर ये सारे कर्ज़दार अपना कर्ज़ा लौटा देते तो 2015 में देश में रक्षा, शिक्षा, हाईवे और स्वास्थ्य पर खर्च हुई पूरी राशि का खर्च इसी से निकल आती।

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इसमें हैरानी की कोई बात नहीं। पूँजीपतियों के मीडिया में हल्ला मचा-मचाकर लोगों को यह विश्वास दिला दिया जाता है कि अर्थव्यवस्था में घाटे के लिए आम लोग ज़िम्मेदार हैं क्योंकि वे अपने पूरे टैक्स नहीं चुकाते, बिल नहीं भरते, या शिक्षा, अस्पताल, खेती आदि में सरकारी सब्सिडी बहुत अधिक है, आदि-आदि। ये सब बकवास है। देश की ग़रीब जनता कुल टैक्सों का तीन-चौथाई से भी ज़्यादा परोक्ष करों के रूप में चुकाती है। मगर इसका भारी हिस्सा नेता और अफ़सरशाही की ऐयाशियों पर और धन्नासेठों को तमाम तरह की छूटें और रियायतें देने पर खर्च हो जाती है। इतने से भी उनका पेट नहीं भरता तो वे बैंकों से भारी कर्जे लेकर उसे डकार जाते हैं।

ग़रीबों के कर्जे वसूल करने के लिए उनकी झोपड़ी तक नीलाम करवा देने वाली सरकार अपने इन माई-बापों से एक पैसा नहीं वसूल पाती और फिर कई साल बाद उन्हें माफ़ कर दिया जाता है। दरअसल इस सारी रकम पर जनता का हक़ होता है। करोड़ों लोगों की छोटी-छोटी बचतों से बैंकों को जो भारी कमाई होती है, उसी में से वे ये दरियादिली दिखाते हैं। आइये अब ज़रा देखते हैं कि इन लुटेरो में से 10 सबसे बड़े डकैत कौन हैं।

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1. टॉप टेन में सबसे ऊपर हैं, अनिल अम्बानी का रिलायंस ग्रुप जो 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ दबाये बैठा है।
2. दूसरे नंबर पर है अपने कारखानों के लिए हज़ारों आदिवासियों को उजाड़ने वाला वेदान्ताल ग्रुप जिस पर 1.03 लाख करोड़ कर्ज़ है।
3. एस्सार ग्रुप पर 1.01 लाख करोड़ कर्ज़ है।
4. मोदी के खास अडानी ग्रुप ने बैंकों के 96,031 करोड़ रुपये नहीं लौटाये हैं। इसके बाद भी उसे 6600 करोड़ रुपये के नये कर्ज़ की मंजूरी दे दी गयी थी लेकिन शोर मच जाने के कारण रद्द हो गयी।
5. जेपी ग्रुप पर 75,163 करोड़ का ऋण है।
6. सज्जन जिन्दल (जो मोदी की पाकिस्तान यात्रा के समय वहाँ पहुँचे हुए थे) के जे.एस.डब्ल्यू. ग्रुप पर 58,171 करोड़ का कर्ज़ है।
7. जी.एम.आर. ग्रुप पर 47,975 करोड़ का ऋण है।
8. लैंको ग्रुप पर 47,102 करोड़ का ऋण है।
9. सांसद वेणुगोपाल धूत की कंपनी वीडियोकॉन पर बैंकों का 45,405 करोड़ का ऋण है।
10. जीवीके ग्रुप कुल 33,933 करोड़ दबाये बैठा है जो 2015 में मनरेगा के लिए सरकारी बजट (34000 करोड़) से भी ज़्यादा है।

आप अभी व्यस्त रहिये अपनी धर्म और जाति पात की गूढ़ ज्ञान गंगा में और अपने अपने नेताओं की जिंदाबाद मुर्दाबाद में लड़ते मरते रहिये आपस में.. देश और देश की संपत्ति का क्या है वो तो आपके यही महान नेता, धर्म गुरु और पूंजीपति मिल बाँट कर जल्द ही चट कर जायेंगे। बस आप अपनी देशभक्ति भारत माता की जय ,पार्टी भक्ति, जनहित विरोधी भ्रष्टाचारी नेता की जय जय कार की चाटुकारिता तक सीमित रखिये।

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सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. Girish

    May 4, 2016 at 6:27 pm

    Sir Jee,
    Jo 1.14 lakh rupaye ka karz maaf hua, usaki jankaree bhee den. Kaun kaun log hain jinke karz maaf hue?

  2. Shiv Singh Rawat

    May 2, 2016 at 9:26 am

    मोदी परले दर्जे के लापरवाह व्यक्ति सिद्ध हो रहे हैं यहां तक की उन्हें अपनी जन्मतिथि भी ठीक से याद नहीं रहती, वह शादीशुदा हैं या कुंवारे यह भी याद नहीं, हलफनामे के साथ वह गलत जानकारी देने में नहीं हिचकिचाते। फिर देश के शासन पर उनकी पकड़ होगी यह कैसे विश्वास किया जा सकता है। ऐसा तो नहीं देश के दुश्मनों ने उन्हें मोहरा बना कर सोने की चिड़िया कही जाने वाले भारत देश को मनमानी करने का षड्यंत्र रच डाला हो?

  3. Arun

    August 8, 2016 at 2:45 pm

    Bhayio mai kisi ke paksh me nhi baat bolumga mera aap se yah kahna hai jo bhi baate upar ki gayi hai iame bjp neta modi ji ko badnam karne ki kosis ho rahi hai mai yah news barabar touch me raha hu jisme banko ne bade uddhogpatio ko jo karj diya gaya tha jiae sahi samaye par chukta karna tha isi par jor dete hue pm modi ji ne supreme court se kaha ki in uddhogpatio pe sikanja kada kiya jaye aur anil ambani jaiae logo par action liya jaye aur karj na chuka pane par industries ko band kiya jaye par manniya supreme court ne ispar rok laga di ki agar companies band ho jayegi to aam aadmi berojgar ho jayenge …….. to aap sabhi ye batayie isme modi ji ki kya galti kya modi supreme court ke khilaf jayenge.

  4. Brajesh

    December 14, 2016 at 3:14 pm

    Kya ye Sab karje modi sarkar me diye do sal me. Uske pahle ye sab bhik magte hoge

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