Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

कन्हैया की हत्या के वीडियो के किसी भी फुटेज का इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में गिना जाना चाहिए!

अभिषेक पाराशर-

TV ने नूपुर शर्मा के बयान को सेंसर नहीं किया, जो उसे करना था. संपादकीय विजडम का यही तकाजा था, नहीं हुआ और अब TV फिर से वही काम करने में लगा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कन्हैया की हत्या के वीडियो के किसी भी फुटेज का इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में गिना जाना चाहिए, जिसे मीडिया को अभिव्यक्ति की आड़ में दिखाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

अगर TV मीडिया इतना ही अराजक हो चला है तो भाड़ में जाये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मैं सरकारी रेगुलेशन का विकल्प चुनना पसंद करूंगा. TV मीडिया को रेगुलेट किया जाना समय की मांग है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

रीवा एस सिंह-

आज राजस्थान में इंटरनेट बन्द करने से ज़्यादा ज़रूरी उन्हीं 24 घंटों के लिये देश में टीवी बन्द करना लग रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सम्वेदनशीलता की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। मीडिया एथिक्स नफ़रत में झुलस चुका है। आग की लपटों से खेल रहे हैं हम। ऐसे ही खेलते रहे तो जो बचेगा वो सिर्फ़ राख होगी।

शीतल पी सिंह-

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजस्थान के उदयपुर में एक हिंदू दर्ज़ी की दो कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों द्वारा बर्बर हत्या किये जाने के मामले ने भारतीय मुसलमानों के एक हिस्से में पिछड़ेपन और दक़ियानूसियत के प्रचुरता में विद्यमान होने की समस्या को फिर से सामने ला खड़ा किया है ।

यह सिर्फ़ क़ानून व्यवस्था की समस्या नहीं है और इसका इलाज कड़ी सजा की माँग करने की प्रतियोगिता से संभव नहीं है । इसका इलाज खुद मुस्लिम समाज के दानिश्वरों / लीडरों के द्वारा देश के संवैधानिक/ सामाजिक ढाँचे के अनुरूप सोच पैदा कर के ही संभव है ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस तरह की हरकतें भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और आधुनिक समाज में बदलने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा हैं । ऐसी एक घटना लाखों सभ्य लोगों के प्रयत्नों को एक छण में मिट्टी में मिला देती हैं ।

समरेंद्र सिंह-

Advertisement. Scroll to continue reading.

दाढ़ी और टोपी के साथ मौलाना असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि कट्टरता पर नकेल कसनी चाहिए! कैसे कसी जाएगी? धर्मग्रंथों में दर्ज बातों को चुनौती दिए बगैर, उनकी तार्किक और तथ्यात्मक आलोचना के बगैर, धर्मों को उदार बनाए बगैर कट्टरता पर कैसे नकेल कसी जा सकती है? वो फॉर्मूला भी बताना चाहिए। इनका सांसद चौराहे पर नुपुर शर्मा को फांसी देने की बात कहता है और इनसे एक कदम आगे बढ़कर पैगंबर की दो संतानें एक बेगुनाह का गला रेत देते हैं। बाकी प्रोग्रेसिव मुसलमान अपनी दुम दबा कर बैठ जाते हैं।

“गंगा जमुनी तहजीब” वालों ने गला रेत दिया। अब खौफ के साए में अमन की बात होगी! खामोश रहने की सलाह दी जाएगी! मत बोलो वरना मार दिए जाओगे! और कहेंगे मोदी और योगी का दोष है, वर्ना मुसलमान तो अमन पसंद हैं!

Advertisement. Scroll to continue reading.

अरे हुजूर, मुसलमान अमनपसंद नहीं हैं। इस्लाम अमन का मजहब नहीं है। आधुनिक दुनिया में इस्लाम और पैगंबर के दामन सबसे अधिक बेगुनाहों के खून से सने हुए हैं।

इसलिए पैगंबर और अल्लाह के अपराधों की गिनती जारी रहेगी। पैगंबर की क्रूर और वहशी संतानों और उनकी हैवानियत भरी हरकतों पर, उनके अपराधों पर चर्चा होती रहेगी। इस बीच नुपुर शर्मा को सुरक्षित रखना जरूरी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अशोक कुमार पांडेय-

6 घंटे में अपराधी गिरफ़्तार। फ़ास्ट कोर्ट में केस। अपराधी के ख़िलाफ़ धार्मिक नेताओं से लेकर आम मुसलमानों की कड़ी प्रतिक्रिया। सभी पार्टियों द्वारा कड़ी आलोचना, निंदा और सज़ा की माँग। उम्मीद है महीने भर में सज़ा हो जाएगी। पीड़ित परिवार को 31 लाख का मुआवज़ा। दो लोगों को नौकरी। वाक़ई गहलोत साहब की सरकार ने शानदार काम किया अब तक।

Advertisement. Scroll to continue reading.

काश यही शंभूलाल रैगर से लेकर साम्प्रदायिक हिंसा के हर केस में हुआ होता, काश अपराधियों को हीरो बनाकर चंदा न जुटाया गया होता, जुलूस न निकाला गया होता, क़ानून ने अपना काम किया होता, तो देश कितनी बेहतर हालत में होता।

काश हम बिना धर्म देखे ऐसे हर हत्यारे को खुलकर हत्यारा कहते…काश

Advertisement. Scroll to continue reading.

ओम थानवी-

उदयपुर में दो वहशी आतंकियों द्वारा हुनरमंद कन्हैयालाल की हत्या निहायत पिशाच मानसिकता की कारस्तानी है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम होगी। किसी भी सभ्य समाज में सांप्रदायिक और आतंकी सोच की जगह नहीं हो सकती। राजस्थान का माहौल सौहार्द और सद्भाव का रहा है। उसमें आग लगाने वाले हर तत्त्व से सख़्ती ने निपटा जाना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ख़बर है कि उदयपुर के हत्यारे राजसमंद में पकड़ लिए गए हैं। इस मुस्तैद गिरफ़्तारी की तारीफ़ करनी चाहिए। जिन पुलिसकर्मियों ने कन्हैयालाल की फ़रियाद को अनदेखा किया, उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

लेकिन एक नृशंस आतंकी हत्या और उसके बाद हत्यारों की कायराना धमकी के वीडियो क्लिप कुछ लोग सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़ कर साझा क्यों कर रहे हैं?

Advertisement. Scroll to continue reading.

समुदायों में वैमनस्य इसी तरह बढ़ता है; दंगे ऐसे ही भड़कते हैं।

हत्यारे मुसलिम थे, यह जगज़ाहिर है। मगर उन्हें मुसलिम समाज का प्रतिनिधि समझना भूल होगी। मुसलिम समुदाय और संगठनों ने इस हत्याकांड की हर तरफ़ निंदा की है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रसंगवश याद आता है कि राजसमंद में पाँच साल पहले एक और वहशी शंभुलाल रैगर ने पश्चिम बंगाल से आए मज़दूर मोहम्मद अफ़राजुल की हत्या कर दी थी। उस वक्त प्रदेश में भाजपा सरकार थी। शंभुलाल ने हत्या का वीडियो बनवाकर प्रचारित किया था।

शंभुलाल की गिरफ़्तारी के बाद हत्यारे के समर्थक धारा 144 के बावजूद सड़कों पर उतर आए। हत्यारे की पत्नी के नाम से चंदा जमा किया गया। इतना ही नहीं, 15 दिसम्बर 2017 को शंभुलाल के समर्थकों ने उदयपुर के ज़िला एवं सत्र न्यायालय परिसर में हल्ला मचाया और अदालत के प्रवेश द्वार की मुँडेर पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वह सांप्रदायिकता और पैशाचिक हिंसा के समर्थन की अति थी।

हम भावनाओं से लथपथ सांप्रदायिक पूर्वग्रह असामाजिक प्रकृति के लोगों को न लादने दें। न उन्हें संरक्षण मिले। कुछ लोगों का इसरार देखिए कि हत्या की निंदा के बावजूद अगर किसी ने निंदा में मुसलिम शब्द का प्रयोग नहीं किया है तो इसे भी सांप्रदायिक कोण से देख रहे हैं। इसमें उनकी अपनी कट्टरता ज़ाहिर होती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिंसा और सांप्रदायिकता, वहशीपन और आतंकवाद देश के गहरे कलंक हैं — चाहे उन्हें सिरफिरे हिंदू अंजाम दें, चाहे सिरफिरे मुसलमान। उनके कृत्यों का समर्थन करने वाले भी उस गुनाह में भागीदार ही कहलाएँगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement