Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

कल्पतरु ग्रुप की हेकड़ी : सेबी की पाबंदी के बाद अब नई कंपनी बनाकर जमीन देने के नाम पर जनता से की जा रही अवैध उगाही

‘कल्पतरू एक्सप्रेस’ नामक अखबार संचालित करने वाले कल्पतरू समूह भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा है. सरकारी एजेंसियों की दिक्कत ये है कि जब जनता बड़े पैमाने पर लुट चुकी होती है तब कोर्ट आदि के आदेश पर सक्रिय होती हैं और दिखावे की कार्यवाही करती हैं. सहारा का प्रकरण सामने है. पीएसीएल का भी प्रकरण चल रहा है. इसी क्रम में कल्पतरू ग्रुप भी है. मथुरा के कल्पतरु ग्रुप की दो कंपनियों को सेबी ने निवेशकों से गैर-कानूनी रूप से पैसा इकट्टा करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बाद भी यह ग्रुप मिलते-जुलते नाम की एक और कंपनी बना कर अपनी रियल एस्टेट स्कीम के नाम पर पैसा इकट्टा कर रहा है.

‘कल्पतरू एक्सप्रेस’ नामक अखबार संचालित करने वाले कल्पतरू समूह भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा है. सरकारी एजेंसियों की दिक्कत ये है कि जब जनता बड़े पैमाने पर लुट चुकी होती है तब कोर्ट आदि के आदेश पर सक्रिय होती हैं और दिखावे की कार्यवाही करती हैं. सहारा का प्रकरण सामने है. पीएसीएल का भी प्रकरण चल रहा है. इसी क्रम में कल्पतरू ग्रुप भी है. मथुरा के कल्पतरु ग्रुप की दो कंपनियों को सेबी ने निवेशकों से गैर-कानूनी रूप से पैसा इकट्टा करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बाद भी यह ग्रुप मिलते-जुलते नाम की एक और कंपनी बना कर अपनी रियल एस्टेट स्कीम के नाम पर पैसा इकट्टा कर रहा है.

उत्तर प्रदेश का कल्पतरू ग्रुप एक नई कंपनी का इस्तेमाल कर अपनी रियल एस्टेट स्कीमों के ज़रिए पुनः निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने लगा है. पिछले साल बाज़ार विनियामक सेबी ने कल्पतरू ग्रुप की एक यूनिट, केबीसीएल इंडिया लि. और उसके निदेशकों को पैसा इकट्ठा करने से प्रतिबंधित कर दिया था और निर्देश दिया था कि वो कोई नई स्कीम लॉन्च न करें. इसके बाद भी, सूत्रों के अनुसार, ग्रुप अपनी दूसरी यूनिट, कल्पतरू बिल्डटेक कॉर्प लि. (केबीसीएल) के माध्यम से उप्र और राजस्थान में भूमि (प्लॉट) में निवेश पर बड़े प्रतिलाभों का लालच दे कर पैसा इकट्टा कर रहा है.
 
सेबी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि निवेशकों के हितों की रक्षा पहला कार्य है और इसीलिए कदम उठाए गए हैं कि कल्पतरू ग्रुप अपनी स्कीमों के ज़रिए और पैसा इकट्ठा न करे। बावजूद इसके, कल्पतरू ग्रुप का मास्टरमाइंड जानबूझ कर अपनी ग़ैर-कानूनी ‘कलैक्टिव इन्वैस्टमैन्ट स्कीम (सीआईएस)’ के बिज़नेस को केबीसीएल इंडिया से कल्पतरू बिल्डटेक कॉर्प लि. (CIN: U45400UP2009PLC038016) जिसे भी केबीसीएल के नाम से ही जाना जाता है, जारी रखे हुए है। ये लोग दोनो कंपनियों केबीसीएल इंडिया (जिसे सेबी ने प्रतिबंधित कर रखा है) और केबीसीएल के नामों की समानता से लोगों में भ्रम पैदा कर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं.
 
सूत्रों ने बताया कि कल्पतरू बिल्डटेक कॉर्प लि. भूमि में निवेश के लिए बराबर मासिक किस्तों (इएमआई) की स्कीम चला कर पैसा इकट्ठा कर रही है. निवेशकों को विकल्प दिया जा रहा है कि अगर वे भूमि न लेना चाहे तो अपना पैसा तयशुदा लाभ के अनुसार वापस ले सकते हैं. दूसरे शब्दों में, ये कंपनी रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की आड़ में सीआईएस का धंधा कर रही है. ये कंपनी ऐसे रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की आड़ में पैसे निवेश करा रही है जो कहीं हैं ही नहीं. इसमें सबसे चिंताजनक बात ये है कि निवेशकों को ये भी नहीं पता कि जिस भूमि की खरीद के लिए वो पैसा लगा रहे हैं, वो कहां है और और अगर है तो क्या उसका मालिकाना हक़ कंपनी के पास है भी या नहीं. भूमि एक भौतिक संपत्ति है, उसका मालिकाना हक़ स्पष्ट होना चाहिए. व्यक्ति तभी भूमि का स्वामी हो सकता है जब उसका भौतिक रूप से कब्जा ले लिया जाए. केबीसीएल के प्रमोटर कथित रूप से जो पैसा इकट्ठा कर रहे हैं उसके लिए वे एक सेल्स नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं जिसमें स्थानीय एजेन्टों को मोटे कमीशन का लालच दिया जाता है. कंपनी द्वारा नियुक्त एजेन्ट अपने स्तर पर कई नए एजेंट रखते हैं और ये एजेंट अपने नीचे अपना चेला एजेंट रखते हैं.
 
कलपतरू ग्रुप ने बिना सेबी की अनुमति के सीआईएस के संचालन से इनकार किया है. उसका कहना है कि केबीसीएल इंडिया एक पब्लिक लिमिटेड और लिस्टेड कंपनी है. उनका ग्रुप निर्माण, कृषि भूमि के विकास और प्रबंधन, टाउनशिप, शॉपिंग मॉल और देश के विभिन्न राज्यों में ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की गतिविधियां संचालित करता है और वो किसी भी प्रकार की कलैक्टिव इंवैस्टमैन्ट स्कीम का संचालन नहीं करता. गत वर्ष सेबी ने अपने एक आदेश द्वारा केबीसीएल इंडिया और कंपनी के निदेशकों राकेश कुमार, विश्वनाथ प्रताप सिंह और शशि कांत सिंह को प्रतिबंधित करते हुए कहा था कि ‘केबीसीएल प्रथम दृष्टया सेबी से बिना रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्राप्त (जैसा कि सेबी एक्ट की धारा 12(1B) और सीआईएस विनियमन में कहा गया है) किए प्रायोजित अथवा लॉन्च की हुई सीआईएस के द्वारा लोगों से पैसा इकट्ठे करने की गतिविधियां संचालित कर रही है जैसा कि सेबी एक्ट की धारा 11AA में परिभाषित किया गया है।’
 
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य, एस रामन, ने अपने 12 सितम्बर 2013 के आदेश में कहा था कि ‘केबीसीएल द्वारा वर्तमान रियल एस्टेट/ खरीद-विक्रय की योजना को पैसा इकट्ठा करने की गतिविधियों की आड़ के रूप में इस्तोमाल किया जा रहा है, जैसा कि सेबी एक्ट की धारा 11AA में परिभाषित किया गया है, और यह भी कि इसको बिना सेबी से रजिस्ट्रेशन कराए संचालित किया जा रहा है। एश संबंध में मैं यह पाता हूं कि निवेशकों के हियों की सुरक्षा करना सेबी प्राथमिक कार्य है, िसलिए इस संबंध में कदम उठाए गए है कि केबीसीएल द्वारा सिर्फ कानूनी गतिविधियां ही संचालित की जाएं और किसी भी निदेशक के साथ धोखा न हो।’
 
सेबी ने केबीसीएल और उसके निदेशकों को सीआईएस द्वारा खरीद की गयी संपत्तियों को न बेचे और इस स्कीम से इकट्ठा किए फंड को अन्यथा निवेश या उपयोग न करें। बहरहाल ये पहली बार नहीं था कि मथुरा के कम्पतरू ग्रुप को बाज़ार विनियामक के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। 3002 में भी सेबी ने कल्पतरू ऐग्रो इंडिया लि. (केएआईएल) और उसके अधिकारियों को निवेशकों का पैसा न लौटाने पर पूंजी बाज़ार में अपनी गतिविधियां संचालित करने से प्रतिबंधित कर दिया था। कुछ महीने पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कल्पतरू बिल्डटेक कॉर्पोरेशन को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से ‘कल्पतरू का नाम या चिह्न’ या इस प्रकार का कोई और भ्रामक रूप से समान चिह्न को अपने व्यीपारिक या ट्रेडिंग नाम के रूप में उपयोग करने से रोक दिया था। मुंबई स्थित रीयल एस्टेट कंपनी, कल्पतरू प्रोपर्टीज़ प्रा. लि. ने भी कल्पतरू बिल्डटेक कॉर्पोरेशन को उसके समान नाम और ट्रेडमार्क के उपयोग करने पर बौद्धिक अधिकारों के हनन के लिेए कोर्ट में घसीट लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वो संतुष्ट है कि प्रशनगत ट्रेडमार्क कल्पतरू प्रोपर्टीज़ से ही जुड़ा हुआ है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसे भी पढ़ें…

कल्पतरु की काली कहानी, आखिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं!

Advertisement. Scroll to continue reading.
11 Comments

11 Comments

  1. Rohit Rajpoot

    August 12, 2017 at 6:28 am

    Sir iska pisa kab se mile ga please Contect me 7844888317

  2. Anil sharma

    November 6, 2017 at 9:14 pm

    mera bhi paisa fasa h nikalne ka koi tarika ho to mujhe bataye mera conect no. 9467874236

  3. Bhagwan das

    January 5, 2019 at 4:07 am

    Sir Mera 51000 rupee hai isme kese milegea please contact me
    9870985736

  4. Jitendra Yadav

    April 29, 2019 at 8:38 pm

    Sir mera 30000 hajar rupay phase huge Hai I’m jitendra Yadav
    Vill Gaurpar posts shivpur
    PS gagaha Dist Gorakhpur
    Pn cod 273412(up)

    Contact number 9695504406
    Sir isi numbers par batana please sir

  5. BMW Pathik

    June 25, 2019 at 1:55 pm

    sir Mai 300000 Lakh Rupeeya ki FD Kbcl me hai
    Jo ki 1year ho gaya Pura hue kab tak milega Koi jankari ho to batey
    Mo no 8887646390

  6. Narendra kumar

    August 20, 2019 at 12:15 pm

    Mera kafi pesa fasa hua h or mere tawun ka lakho rupye kai sal ho gaye h aaj tak n mile.kese milenge plz btane ki kripa kare

  7. Sanjeev sharma

    August 30, 2019 at 11:11 am

    Sir mere FD ka paisa kaise mile.kya krna hoga.

  8. Premsingh

    September 21, 2019 at 4:49 pm

    Mera 250000 lakh h FD ka 9219923300

    • Anup Kumar

      August 13, 2022 at 1:55 am

      Mera bhi pesa fasa hai ye kab milega kisi milne to batana bhai mo 7275051228

  9. Viveksheel

    October 7, 2019 at 8:50 pm

    Paisa milana kab possible hai

  10. vipin upadhyay

    May 30, 2022 at 10:54 am

    sir mera 70,000 lakh rupya hai kab milega contact no.7700904597

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement