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विनोद कापड़ी का इस्तीफानामा : इसी के साथ इस बुलेटिन के समाचार समाप्त हुए… मिलते हैं छोटे से ब्रेक के बाद…

प्रिय दोस्तों, 

आज कुछ बातें आपसे।

मैं नहीं जानता कि क्या लिखना चाहिए और क्या नहीं।  पर जो मन में आ रहा है, उसे बस लिख रहा हूँ ।  ये एक सर्वमान्य तथ्य है कि नौ महीने में एक नया जन्म हो जाता है, नया जीवन, नए सपने, नई दुनिया।  पर कई बार परिस्थितियों वश जन्म वो नहीं हो पाता, जिसकी आप कल्पना करते हैं। आज कुछ ऐसा ही आभास हो रहा है । पर साथ ही मुझे फ़क्र है अपनी ईमानदार कोशिश पर। 

प्रिय दोस्तों, 

आज कुछ बातें आपसे।

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मैं नहीं जानता कि क्या लिखना चाहिए और क्या नहीं।  पर जो मन में आ रहा है, उसे बस लिख रहा हूँ ।  ये एक सर्वमान्य तथ्य है कि नौ महीने में एक नया जन्म हो जाता है, नया जीवन, नए सपने, नई दुनिया।  पर कई बार परिस्थितियों वश जन्म वो नहीं हो पाता, जिसकी आप कल्पना करते हैं। आज कुछ ऐसा ही आभास हो रहा है । पर साथ ही मुझे फ़क्र है अपनी ईमानदार कोशिश पर। 

मुझे गर्व है कि आपके साथ मिलकर पूरी टीम ने टीवी कंटेंट में यक़ीनन एक नया मुक़ाम हासिल किया। मुझे नहीं याद पड़ता कि इतने कम समय में इतने ज़्यादा प्रयोग और इतना शानदार Investigation कहीं हुआ होगा। मुझे ख़ुद यक़ीन नहीं होता कि आप सबने इतना बेहतरीन और नया काम किया!!
 
नवीन कुमार का शो ‘राजनीति’ हो , ‘आज के मुख्य समाचार’ हो , लक्ष्मी का शो ‘उड़ान’ हो, कमल प्रजापति की मुहिम ‘आँखें खोलो इंडिया’ हो या हर हफ़्ते Express कहानियां हो !!! हर क़दम पर आप ख़ुश हो सकते हैं!! कमल ने तो इतिहास रचा। आंखें ना हो कर जैसे कमल ने देश की आंखें खोलने का काम किया, वो कल्पना से परे था। Investigation का लोहा तो पूरी दुनिया ने माना।। operation Primeminister , operation LOKSABHA , Operation Master Blaster !! जो investigation इस टीम ने सिर्फ़ नौ महीने में किए, वो बड़े-बड़े धुरंधर सालोंसाल में नहीं कर पाए !!  मुझे गर्व है आप पर। बेहद गर्व। बेहद-बेहद गर्व!!
 
किसी भी एक व्यक्ति  का नाम नहीं लूंगा। आप सब मेरे लिए प्रिय रहे। इस दौरान मुझसे भी गलतियां हुई होंगी। कृपया मुझे माफ़ कर दीजिएगा !! माफ़ कीजिएगा आपका दिल दुखाने के लिए।  आपको बताना ये था कि अब कुछ फ़ैसलों का वक़्त आ गया है !!  फ़ैसले अक्सर मुश्किल ही होते हैं क्योंकि हर फ़ैसला परिवर्तन को न्योता देता है। कुछ और वक्त मैं आपके बीच हूं! अगर कुछ कहना सुनना हो तो उपलब्ध रहूँगा । फिलहाल बाहर हूं। जल्द मिलते हैं।
 
नई टीम और नया प्रबंधन चैनल की नई ज़िम्मेदारी संभालेगा, जिसकी सूचना पुणे से आप तक शीघ्र ही पहुंच जाएगी। नई टीम को कामकाज सुचारू ढंग से सौंपने की कोशिश की जाएगी। एमडी श्री शशांक भाँपकर के युवा नेतृत्व में नया प्रबंधन शानदार काम करेगा-इसकी उम्मीद भी है और ढेरों शुभकामनाएं भीं। मेरे लायक कुछ भी हो बेहिचक कहिएगा। चैनल और संस्थान को अनेकों अनेक शुभकामनाएं । अमित त्रिपाठी जी, रवि जी, जैकब जी, रॉय साहब, कॉल साहब, जाचक जी, योगेश मिश्र जी, एसपी त्रिपाठी जी, अंजू, जमशेद, सुशांत, देवदास,  प्रसून, संदीप  शुक्ला समेत सभी साथियों का आभार और हज़ारों हज़ार शुभकामनाएं। आशा जी, आपका ख़ासतौर पर शुक्रिया।  गलतियों को माफ़ करना दोस्तों।

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जिनके नाम नहीं लिख पाया वो माफ़ करें प्लीज़ !!

फ़िल्म का जितना इंतज़ार आपको है, उससे ज़्यादा मुझे। जल्द ही सूचित करूँगा ।

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इसी के साथ इस बुलेटिन के समाचार समाप्त हुए ।

मिलते हैं छोटे से ब्रेक के बाद ।

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Love you all !!

आपका ही

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विनोद।


संबंधित खबरें…

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न्यूज एक्सप्रेस में बड़ा उलटफेर : कापड़ी गए, प्रसून शुक्ला बने सीईओ और एडिटर इन चीफ

xxx

अपनी विदाई को लेकर कापड़ी संकेतों में ही सारी बातें फेसबुक पर लिख रहे थे

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0 Comments

  1. Amit kumar

    October 8, 2014 at 5:29 pm

    विदाई के बाद हर कोई आपकी तरह माफी ही मांगता है, अजीत अंजुम ने भी ऐसी ही माफी मांगी थी, तुम लोग न्यूजरूम में गाली गलौच करते हो, लोगों को नौकरी से निकालते हो और फिर विदाई के समय माफीनामा लिखकर संत बनने की कोशिश करते हो। गिरगिटिया रंग छोड़ो आप लोग।

  2. संजीव चौहान

    October 27, 2014 at 12:21 pm

    जिंदगी की अंतिम सांसें गिनता हुआ हर हरामजादा अपने अल्लाह और ईश्वर के सामने जिंदगी की गिड़गिड़ा कर भीख मांगता है…इस लालच में कि शायद जिंदगी की एक दो घड़ी और कमीनों को जीने के लिए नसीब हो सके, लेकिन होता नहीं है…जलील और निकम्मे संपादको..जब तक तुम्हारे नीचे कुर्सी रहती है, इंसान को इंसान नहीं समझते हो.,…..जब कुर्सी जा रही होती है तो घड़ियाली आंसूं बहाते हो…शरम खाओ निर्लज्जो…बाकी इंसान भी तुम्हारी तरह ही अन्न खाते हैं और पानी पीते हैं …

  3. raghav

    October 31, 2014 at 12:10 pm

    विनोद कापड़ी निहायत बदतमीज इंसान है।इसने माफी नहीं मांगी है।ये घटिया दर्जे का इंसान है।न्यूज रूम में ये बदतमीजी से बात करता है।फेसबुक वॉल पर माफी मांगता है।लेकिन इस कमीने,कमजर्फ इंसान के अच्छे दिन लद गए हैं।अच्छे दिनों में इसने किसी को कुछ नहीं समझा सिवा अपने दो-चार चंपुओं को छोड़कर।ये जब न्यूज एक्सप्रेस में आया तो इसने तथा इसके कथिक चमचों ने हर कर्मचारी को बेइज्जत किया..अब माफी मांग रहा है ..

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