Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

“खबर विजन” दैनिक समाचार पत्र का बनारस में हुआ विमोचन

वाराणसी। जनपद के नगर-निगम स्थित प्रेक्षा गृह में समाज परिवर्तन सेवा समिति के बैनर तले राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अख़बार “खबर विजन” और पत्रिका “पूर्वांचल संघर्ष” का विमोचन जिलाधिकारी राजमणि यादव ने किया। विमोचन के बाद उक्त संस्था के निदेशक डा. रमाशंकर प्रसाद सिंह ने महिला सशक्तिकरण के तहत सौ लड़कियो को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु चेक वितरण किया। कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने विचार रखे और साथ ही कुछ स्कूली बच्चों ने अपनी कलाओ का प्रदर्शन किया।

<p>वाराणसी। जनपद के नगर-निगम स्थित प्रेक्षा गृह में समाज परिवर्तन सेवा समिति के बैनर तले राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अख़बार "खबर विजन" और पत्रिका "पूर्वांचल संघर्ष" का विमोचन जिलाधिकारी राजमणि यादव ने किया। विमोचन के बाद उक्त संस्था के निदेशक डा. रमाशंकर प्रसाद सिंह ने महिला सशक्तिकरण के तहत सौ लड़कियो को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु चेक वितरण किया। कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने विचार रखे और साथ ही कुछ स्कूली बच्चों ने अपनी कलाओ का प्रदर्शन किया।</p>

वाराणसी। जनपद के नगर-निगम स्थित प्रेक्षा गृह में समाज परिवर्तन सेवा समिति के बैनर तले राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अख़बार “खबर विजन” और पत्रिका “पूर्वांचल संघर्ष” का विमोचन जिलाधिकारी राजमणि यादव ने किया। विमोचन के बाद उक्त संस्था के निदेशक डा. रमाशंकर प्रसाद सिंह ने महिला सशक्तिकरण के तहत सौ लड़कियो को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु चेक वितरण किया। कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने विचार रखे और साथ ही कुछ स्कूली बच्चों ने अपनी कलाओ का प्रदर्शन किया।

वक्ताओं की कड़ी में वाराणसी के युवा पत्रकार अवनिन्द्र कुमार सिंह ने अख़बार और पत्रिका के संपादक विनय कुमार मौर्या को बधाई देते हुए कहा कि आपने जो हिम्मत दिखाई है वह वास्तव में काबिले तारीफ है, क्योंकि एक साथ पत्रिका और अख़बार का प्रकाशन सबके बस की बात नही। उन्होंने अकबर इलाहाबादी का शेर बोलते हुए कहा कि
“न खींचो कमानों को न तलवार निकालो,
जब तोप मुकम्मल हो तो अख़बार निकालो।।
अख़बार का इतिहास आजादी से पहले का है। इसके इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है जब भी देश में कोई बड़ा परिवर्तन हुआ है अख़बारों ने बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता दर्ज कराया है। अख़बार सदैव समाज को नुकसान पहुचाने वालों की आलोचना और समालोचना करते आया है। लेकिन पिछले एक दसक में लोगो के भीतर से आलोचना सहने की शक्ति खत्म हो गयी जिसके परिणाम स्वरूप पत्रकारों पर हमला तेज हुआ है। आमजन से लेकर पत्रकारों की आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया बढ़चढ़ कर कार्य कर रहा है। इन दिनों सोशल मीडिया का क्रेज है। सोशल नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि एक ऐसी मीडिया जो सामाजिक है। आगे आने वाले दिनों में सोशल मिडिया को दबाव रहित, पारदर्शिता पूर्ण और समाज सेवक के रूप में समझा जाएगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सोशल मीडिया पर कोई भी शख्स अपनी बात पूर्णतः स्वतंत्रता से रख सकता है। इसका एक फायदा यह है कि कोई भी वेब न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले शख्स को पाठको की राय भी मिलती है। अभी हाल ही में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक अमेरिका में 2040 तक अख़बार बंद हो जाएंगे या फिर उन्हें गूगल ले लेगा। सोशल मीडिया ही कल के भारत की आवाज है। जो इसके साथ चलेगा वही खड़ा रह पायेगा। यूरोपियन देशो में कम्युनिटी अख़बार या पोर्टल का प्रचलन है मगर भारत में ऐसा नहीं था लेकिन भदैनी के नाम से “भदैनी-टाइम्स” वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है जल्द अख़बार भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने आशा जताया कि जैसे सोशल मीडिया पर विनय कुमार मौर्या जी को निष्पक्ष रूप से लिखने-पढ़ने के लिए जाना जाता है वैसे ही पहचान अखबार और पत्रिका की भी समाज में बनेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.
2 Comments

2 Comments

  1. abhishek pandey

    September 28, 2015 at 3:00 am

    उममीद है की कुछ नया मिलेगा

  2. बृजेश यादव

    September 20, 2019 at 6:45 pm

    बहुत अच्छा है

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement