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अवैध खनन में पत्रकारों की संलिप्तता सामने आई, पढ़ें पुलिस की ये जांच रिपोर्ट

यूपी के शामली में सीओ झिझाना ने बड़े बैनर के नाम से अवैध खनन कराने वाले टीवी व अखबार के पत्रकारों के खिलाफ विभाग को अपनी रिपोर्ट भेजी है। इसमे सीओ झिझाना ने जाँच के दौरान आजतक व इण्डिया टीवी के स्ट्रिंगर शरद मालिक व दैनिक जागरण के स्थानीय संवादसूत्र को खनन में सम्मलित होना बताया है। ये दोनों पत्रकार स्थानीय खनन माफिया के साथ सालों से खनन का अवैध कारोबार करते हैं। पूर्व की सपा सरकार में इसी कारोबार से उक्त पत्रकारों ने अच्छी खासी रकम भी बनाई है।

यूपी के शामली में सीओ झिझाना ने बड़े बैनर के नाम से अवैध खनन कराने वाले टीवी व अखबार के पत्रकारों के खिलाफ विभाग को अपनी रिपोर्ट भेजी है। इसमे सीओ झिझाना ने जाँच के दौरान आजतक व इण्डिया टीवी के स्ट्रिंगर शरद मालिक व दैनिक जागरण के स्थानीय संवादसूत्र को खनन में सम्मलित होना बताया है। ये दोनों पत्रकार स्थानीय खनन माफिया के साथ सालों से खनन का अवैध कारोबार करते हैं। पूर्व की सपा सरकार में इसी कारोबार से उक्त पत्रकारों ने अच्छी खासी रकम भी बनाई है।

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कुछ समय पहले जब दो पत्रकार अवैध खनन की कवरेज करने गए थे तब उन पत्रकारों के साथ खनन माफियाओं ने मारपीट की और उन्हें भगा दिया था। पुलिस ने पहले तो मामले को रफा दफा करने की कोशिश की लेकिन जब पत्रकारों के दबाव में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा तो सीओ झिझाना को इस मामले में जांच अधिकारी बनाया गया. जाँच के दौरान सीओ झिझाना ने उक्त पत्रकारों व माफियाओं के खिलाफ अपनी कलम से सच्चाई लिखते हुए रिपोर्ट बड़े अधिकारियों को सौंपी है. पढ़ें जांच रिपोर्ट….

पढने में दिक्कत पेश आ रही हो तो उपरोक्त जांच रिपोर्ट पर क्लिक कर दें.

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8 Comments

8 Comments

  1. श्रवण

    June 9, 2017 at 1:02 am

    सीओ आनंद वर्मा अब इस दुनियाँ मे नही है।उनके ऊपर खनन को लेकर काफी दबाव था।इस कारण ही उनको हार्ट अटेक हुआ और उनकी आचानक मौत हो गई।उन्होंने जनपद के पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी को अवैध खनन के बारे में लिखा था लेकिन कोई बड़ी कारवाही अमल में नही लाई गई।जिस कारण वो काफी परेशान थे और सीबीआई तक ने इस मामले में काफी जाँच की थी।
    दैनिक जागरण के रिपोर्टर सुमित राठी और शरद मालिक आजतक कई बाकी और दैनिक जागरण के जिला प्रभारी की मिली भगत सब जानते है इन सबकी शिकायत दैनिक जागरण के मेरठ ऑफिस पर होने के बाद भी कोई कारवाही नहीं होना सब कुछ साफ़ साफ़ तस्वीर पेश करता है।सभी अखबारो ने खनन को लेकर खूब खबर छापी 24 फरवरी से लेकर मार्च में और अब तक खनन को लेकर खूब खबर छपी केवल दैनिक जागरण ने ही खबरों का बायकाट किया और खबर को इस तरह से छापा जिससे बाकी अखबार में छपी खबर का खण्ड़न हुआ।जब पत्रकारिता मात्र पैसा कमाने का जरिया बन गया हो।तब ऐसे लोगो के द्वारा पत्रकारिता की आड़ में जो खेल होता है सब जानते है।और संस्थान के उच्च स्तर पर बैठे लोग अपना स्वार्थ साधने के चक्कर मोन होकर पुरे खेल में अपनी मूक सहमति दे देते है जनपद शामली में जिस प्रकार से दैनिक जागरण की भूमिका सामने आ रही है उससे लोग काफी अचरज में है।प्रशासन भी पत्रकारिता से जुड़े लोगो की संलिप्ता के चलते बैक फ़ीट पर है रहता है लेकिन कभी तो कोई ऐसा अफसर आयेगा जो सारा खेल उजागर कर देगा।

  2. miglani

    June 11, 2017 at 8:42 am

    अवैध रेत खनन के कारोबार में जनपद शामली में जो खेल हो रहा हैमीडया जगत के साथ साथ आम जनता भी जानती है|मिडिया रेत खनन में किस कदर तक भूमिका निभा रही है ये बात अब जग जाहिर है|
    शामली जनपद में खनन को लेकर बड़े अखबार के पत्रकार और टीवी चनैल के रिपोर्टर की सीधी भूमिका और उनको बचाने को लेकर उनके आका जनपद की कमान सभाल रहे प्रभारी भी पीछे नहीं है|
    जनपद के सभी अखबारों ने सीधे तौर पर नाम लेकर खबर छापी और पूरा प्रकरण उठाया लेकिन कोई करवाही संस्थान से न होना क्या साबित करता है|जिस तरह से आका ने जनपद में आते ही अपने हिसाब से पुरे जनपद को साधना शुरू किया अपने लोगो को टीम में शामिल करना शुरू किया|अपने लालच के चलते जिसने भी उनके हिसाब से चलने को मना कर दिया उसको टीम से हटा दिया थानाभवन में जो हुआ सबके सामने है |अभी तक जो चल रहा है सब जानते है|ऐसे लोगो पर कारवाही न होना और जो कसूर वार न हो उस पर बिना कसूर ही कारवाही होना सब खेल उजागर करता है|मेरठ से प्रकाशित अख़बार इस पुरे खेल में बदनाम हो रहा है और बड़ी कारवाही अभी तक नहीं हुई सोचनीय ?
    सीओ आनंद कुमार ने अपनी रिपोर्ट से साफ साफ पत्रकारों के नाम साशन को भेजे थे उससे साफ हो जाता है की रेत खनन किनके इशारे पर हो रहा है|जबकि सीओ आनंद कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे अचानक हुए हार्ट अटैक से उनकी मौत दुखद है|एक बार उनसे हुई मुलाकात में उन्होंने पुरे मामले का जिक्र किया था की अधिकारी कोई कारवाही नहीं कर रहे है और निष्पक्ष करवाही करने को लेकर उनके ऊपर काफी दबाव है|

  3. seetu

    June 11, 2017 at 8:54 am

    जनपद शामली में रेत खनन को लेकर काफी चर्चाओं में रहा एक अख़बार की भूमिका को लेकर आम जनता भी अचरज में है जरा सी बात पर जिस अख़बार में लोगो को तुरंत हटा दिया जाता था खुले आम नाम और भूमिका सामने आने पर भी जो अभी तक चल रहा है वो सब तो अभी भी समझ से प्रे है|
    नए प्रभारी के आते ही पूरा जनपद में सैटिंग गैटिंग के खेल में जो हुआ चौसाना,झिंझाना, में जो अभी भी जारी है सब जानते है|
    थानाभवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था थानाभवन रिपोर्टर का जागरण को छोड़ना चर्चा रहा|आजकल थानाभवन में जागरण के नाम पर रेत के ट्रको से 250 रुपयों की रोजाना उगाही और आये दिन एक दो हजार में बैनर बदनाम करने वालो का गट शाम होते ही कहा नजर आते है पूरा क्षेत्र जानता है|तीन बड़े खबरो में रोजाना शब्द शब्द एक ही खबर लगना भी चर्चा बना हुआ है|पैसे के खेल में खुलकर भूमिका निभाना हद पार हो रही है|देखिये आगे आगे क्या होता है

  4. bablu

    June 11, 2017 at 9:15 am

    अवैध रेत खनन में तमाम अखबारों में छपी खबर सौबत है इस बात का की जनपद शामली में एक बड़ा अख़बार का पत्रकार और एक बड़े चैनल का रिपोर्टर अपने आका के बल पर क्या खेल क्र रहे है|सब दिखाई दे रहा है|
    जनवाणी,उजाला,शाह टाइम,हिन्दुस्तान आदि प्रमुख अख़बार ने खबर में सब कुछ छाप दिया लेकिन अभी तक जनपद में कोई बदलाव नहीं हुआ ये भी सोचनीय है|
    और जहाँ बदलाव हुआ हुआ वंहा कोई आवश्यकता नहीं थे थानाभवन में जो आजकल हो रहा है उसको पूरा क्षेत्र जान रहा है|एक रिपोर्टर जब इतना बड़ा बैनर अचानक छोड़ दे तो समझ आता है की उसके पीछे क्या पूरी कहानी छिपी है|अब उस पूरी कहानी की परते खुलनी शुरू हुई है|लेकिन प्रभाव तो कुछ नहीं दुनिया का चौथा स्तम्भ समझा जाने वाला मिडिया आज अपने स्तम्भ को ठीक से खड़ा भी नहीं रख पा रहा है|
    पुरे जनपद में टीम को अपने हिसाब से फेटने का कार्य जो हुआ है उसको देखकर लगता है की मानो सब जैसे केवल मात्र धन ही रह गया हो|

  5. sharvan

    June 20, 2017 at 9:11 am

    कारवाही तो जब होगी जो लालच का खेल ख़त्म हो जाये।मिडिया का नाम इस कदर सामने आ रहा है।सारी रिपोर्ट में में नाम उजागर हो गए है।उसके बाद अंधेरगर्दी हो रही है ।ऐसे लोगो को चार्ज मिलना क्या साबित करता है।सबको पता है

  6. Sumit

    June 19, 2017 at 4:16 pm

    शामली में रेत खनन के खेल में दैनिक जागरण अख़बार की संलिप्ता जिस तरह सामने आ रही है, उससे आम जनता का भरोसा मीडिया से उठता जा रहा है, पहले आरोप अधिकारी व् नेताओ पर लगते थे लेकिन आज आरोप जब मीडिया पर ही लगने लगे तो लोगो का मीडिया से भरोसा उठना स्वभाविक है। ऐसे भर्ष्ट स्थानीय पत्रकार से लेकर जिला प्रभारी तक कार्यवाही होनी चाहिए, क्योकि तभी मिडिया में अच्छे लोगो का विश्वास बन पाएगा, शामली में आम लोगो की बात बोलू तो अब लोग कहने लगे है कि ये जिला प्रभारी तो एक नंबर का भर्ष्ट आ गया, क्योकि ये बात भी बहुत से लोग जानते ही है कि जब शामली में रेत खनन बंद हुआ था, उसके कुछ दिन बाद ही दैनिक जागरण का प्रभारी रेत खनन का पट्टा अपने जानकार खनन माफिया के नाम कराने के लिए खुद ही फाइलें लेकर अधिकारियो के सामने चक्कर काट रहा था। पैसो की कितनी चाह है इन साहब को ये तो मेरठ में बैठे उनके साथी पत्रकार अच्छी तरह जानते है। इस प्रकरण के बाद दूसरे अखबार के प्रभारी अब तो ये भी कहने लगे, की इनके ऊपर दैनिक जागरण में बैठा कोई इनका बॉस है जो जाँच करने के नाम पर पैसो की मोटी रकम लेकर चुप बैठ गए। लेकिन सच्चाई क्या है ये तो भगवान ही जानते है बस हम तो यही कहना चाहते है कि हे प्रभु ऐसे भर्ष्ट पत्रकरो से जिले को बचाए।

  7. garg

    June 25, 2017 at 9:21 am

    मिडिया जगत की इस कदर किरकिरी हो रही है और संस्थान चुप चाप सब देख रहा है।मूक सहमति देकर संस्थान भी शामिल हो गया है लेकिन पुरे खेल में शामिल कुछ बड़े चहरे अपने लालच के चलते संस्थान को भी गलत रिपोर्ट देकर सारा मामला निपटा रहे है।क्षेत्रा अधिकारी की पत्रकारो के खिलाफ नाम से रिपोर्ट भेजना साबित कर देता है की अवैध रेत का ख़ेल किस कदर पैसो के लालच में खेला जा रहा है पुरे जनपद में एक नये प्रभारी के आते ही जनपद में हर स्टेशन पर रिपोर्टर के बदलाव केवल अपना हित साधने के लिये किया जा रहा है।सब अनिमिताओ की अनदेखी की जा रही है।प्रभारी जी जरा कुछ तो शर्म करो ।पैसे का इस कदर पागल पन की योगी सरकार के रेत के पट्टे का टेंडर अपने चहेतो के नाम कराने के लिये फ़ाइल लेकर अधिकारिओ के ऑफिस के अपने आप चक्कर काटना।कोई तो सुनो मिडिया को बदनाम न करो।

  8. श्रवण

    May 13, 2020 at 1:42 pm

    हम इस मामले को लगभग 3 साल बीत गए हैं लेकिन इसके बावजूद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई हालांकि वक्त के फेर ने सबके सामने एक इंसाफ लेकर रख दिया की खनन में शामिल पत्रकार अब शराब तस्करी जी करने लगा है जिसका खामियाजा रंगे हाथों पकड़ा जाना मिला और उसे जेल भी जाना पड़ा इस बार अखबार को मजबूर होकर फिलहाल उसे हटाना पड़ा पर लगता है दोबारा से कलम की दौड़ में शामिल होकर अपने काले धंधों को आगे बढ़ाएगा हो सकता है बड़े बैनर को ऐसे लोगों की आवश्यकता हो। जिनसे उनकी आवेध धंधे और अवैध कमाई बढ़ सकती हो लेकिन वक्त हमेशा इंसाफ करता है और वक्त ने अपना चक्कर चला कर फिर से साबित कर दिया है कि वक्त के आगे किसी की नहीं चलती बाकी बचे लोगों का भी कभी ना कभी वक्त जरूर आएगा और हकीकत सबके सामने आएगी क्षेत्राधिकारी आनंद कुमार वर्मा इस दुनिया से चले गए लेकिन उनके द्वारा लिखी गई सच्ची जांच रिपोर्ट आज भी इंसाफ मांग रहे हैं

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