‘जिया न्यूज’ नामक चैनल में कार्यरत मीडियाकर्मी हड़ताल पर हैं. प्रबंधन एक झटके में इन्हें बेरोजगार करने का फरमान सुना गया है. पैसा न होने का हवाला दे रहा है. समुचित मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. पर दूसरी तरफ जिया न्यूज के सीईओ और ‘जिया इंडिया’ नामक मैग्जीन लांच करने में जुटे इसके प्रधान संपादक एसएन विनोद न सिर्फ प्रबंधन के साथ खड़े हैं बल्कि लाखों रुपये फूंक कर जिया इंडिया मैग्जीन की लांचिंग का समारोह कराने की तैयारियों में सक्रिय हैं. इस समारोह का जो कार्ड बंटवाया गया है उससे पता चलता है कि मैग्जीन को लांच नितिन गडकरी करेंगे, जिनका करीबी होने का दावा एसएन विनोद करते रहते हैं.
इस आयोजन में कुलदीप नैय्यर, रामबहादुर राय, राहुल देव, एनके सिंह और पुण्य प्रसून बाजपेयी जैसे पत्रकार प्रमुख अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. हड़ताली मीडियाकर्मियों पूछ रहे हैं कि क्या इन बड़े पत्रकारों की आंखों में इतनी भी शर्म नहीं है कि वे अगर पीड़ित और हड़ताली मीडियाकर्मियों के पक्ष में आवाज नहीं उठा सकते तो कम से कम एक भ्रष्ट मीडिया प्रबंधन के ऐसे आयोजन में जाने से ही मना कर दें. इन हड़ताली मीडियाकर्मियों ने योजना बनाई है कि वे लोग खुद चुपचाप इस आयोजन में शामिल होंगे और ऐन मौके पर जिया प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करेंगे और सेलरी का सवाल उठाएंगे. देखना है कि ये वरिष्ठ पत्रकार लोग समारोह में शिरकत कर जिया प्रबंधन के साथ खड़े होते हैं या समारोह का बहिष्कार कर इसी समूह के बंद किए गए न्यूज चैनल के पीड़ित कर्मियों के जख्मों पर मरहम लगाते हैं. पर इतना तो तय है कि इस आयोजन के जरिए यह साफ हो जाएगा कि… ”तय करो किस ओर हो, आदमी के साथ हो या कि आदमखोर हो!”
मूल खबर…
ek hadtalikarmachari
December 1, 2014 at 2:34 am
कुलदीप नैयर, राम बहादुर, पुण्य प्रसून आदि मुझे लगता है कि इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे, क्योंकि वे इन कर्मचारियों का दर्द समझते हैं। इन्हें न केवल, कार्यक्रम का बहिष्कार करना चाहिए, बल्कि इन कर्मचारियों के साथ खड़े होना चाहिए।
संजय कुमार सिंह
December 1, 2014 at 11:29 am
एसएन विनोद आखिर कितनी पत्रिकाएं लांच करेंगे और कितने समय संपादक रहेंगे। ना पेट भर रहा है ना भूख मर रही है। मन तो खैर भरता ही नहीं है। सिर्फ अपनी चिन्ता है इन्हें। गडकरी से नजदीकी है तो कुछ सेटिंग गेटिंग का खेल करने का इरादा होगा इस पत्रिका के जरिए।
silvi sharma
December 6, 2014 at 10:29 am
छत्तीसगढ़ में संघ राष्ट्रीय स्वयेवर्क भाजपा की सरकार रायपुर साहित्य सम्मेलन करा रही हे,,उसमे देश केसंघी राग मोदी रमन सिंह , प्रशंशक सरकारी संघी साहित्य कार , तथाकथित पत्रकार तथाकथित िचरक शामिल ल हो रहे हे.इनके बारे में क्या विचार हे,,?? देश के वैचारिक संकट ,सम्प्रदियकता और भाषा ,साहित्यकार का आज के दौर में योगदान पर कोई चर्चाएं नही हे,,संघीअजेंडे ऐसा हे की सब कांग्रेसी संघी सरकारी साहित्यकार घुल मिल जाओ, कोई कुछ ना बोले ,जैसे छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार राजिम सरकारी कुंभ करती हे ,वैसे ही सहत्यकार कुम्भ हे, अफसरों की वहंदी हे, संघी अजेंडे पर साहित्यकारों का एक समूह चला..सबको मुह दिखायी की तरह पंडाल में कार्यक्रम रखा गया हे..संघम शरणम् साहित्यकाराम ,कुछ ना बोलम मज़ा करम मज़ा करम …