दैनिक भास्कर के अधिकारियों की गुंडागर्दी के खिलाफ यहां कार्यरत कृष्णपाल सिंह ने उठाई आवाज…
मैंने दैनिक भास्कर जोधपुर राजस्थान में एसएमडी विभाग के जोधपुर अपकंट्री में प्रतिनिधि के तौर पर जनवरी 2018 में ज्वाइन किया था. ज्वाइन करने के बाद पता चला कि यहां एसएमडी विभाग में यूनिट ऑपरेशन हेड, अप कंट्री हेड, अप कंट्री एग्जीक्यूटिव के अलावा एसएमडी सिटी एग्जीक्यूटिव, बैक ऑफिस कर्मचारी समेत कई लोग एक साथ इस्तीफा दे चुके थे.
उसके बाद मुझे अप कंट्री एग्जीक्यूटिव के तौर पर नियुक्ति दी गई. मैंने अपना कार्य अच्छे से संभाला. संस्थान को अच्छा कार्य करके दिया. इसके बाद अक्टूबर 2019 माह में s.m.d. विभाग के यूनिट ऑपरेशन हेड और वर्टिकल हेड के साथ एसएमडी के ZI ने इनकी प्रताड़ना से परेशान हो अचानक एक साथ इस्तीफा दिया.
इनके इस्तीफा देने के बाद ही दैनिक भास्कर के श्री विश्वाह सिंह व स्टेट एचआर शेफ मोहम्मद, जोधपुर के एचआर पूनम चंद द्वारा इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया. इसके बाद जब मैंने इस्तीफा नहीं दिया तो मुझे दैनिक भास्कर द्वारा दी गई ईमेल आईडी पर ट्रांसफर का ईमेल आया. इसमें मेरा ट्रांसफर डूंगरपुर बांसवाड़ा का लेटर था.
उसके कुछ ही समय पश्चात दूसरा लेटर आया जिसमें पहले लेटर को कैंसिल करके मेरॉा ट्रांसफर गंगापुर सिटी राजस्थान में किया गया. इस बारे में मैंने जोधपुर एच आर से ईमेल के माध्यम से ट्रांसफर लोकेशन ओर वहां के यूनिट ऑपरेशन हेड के नाम व फोन नंबर व उक्त स्थान कहां स्थित है के संबंध में जानकारी मांगी. पर इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
मैंने कई बार मौखिक भी बात की तो मुझे किसी भी प्रकार की जानकारी देने की जगह मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया और दबाव बनाया गया. यहां से कोई जानकारी नहीं मिलने पर मैंने स्टेट एच आर, स्टेट एस एम डी श्री राजीव द्विवेदी , विश्वाहसिंह के साथ-साथ स्टेट एचआर शेफ व अन्य लोगों को ई-मेल किया व जानकारी मांगी. लेकिन इन लोगों ने मुझे कोई भी जानकारी नहीं दी.
काफी दिनों तक परेशान रहने के बाद मैंने कुछ पूर्व साथियों से उक्त जगह व यूनिट ऑपरेशन हेड के बारे में जानकारी ली व ऑपरेशन हेड राजेश जी से फोन पर बात कर लोकेशन की जानकारी ली व ज्वाइनिंग के बारे में बताया. तब मैं जोधपुर से उनके ऑफिस गंगापुर सिटी में ज्वाइनिंग के लिए गया. तब उन्होंने बताया कि आपकी ज्वाइनिंग यहां हो गई है. फिर मैंने अपने अधिकारियों को मेल कर ज्वाइनिंग की सूचना दी.
उसी दिन कुछ डिस्प्यूट मैटर क्लियर करने के लिए श्री विश्वाह सिंह ने मेल के माध्यम से मुझे वापस जोधपुर बुलाया. मैं जोधपुर पहुंचा. जहां जिन भी एजेंटों की डिस्प्यूट मैटर था, उनके पास जाकर उनसे लिखित में लिखवा कर लिखित पत्र श्री विश्वाह सिंह जी को सौंप दिया. मैंने उनसे रिलीविंग लेटर मांगा तो उन्होंने वापस मुझे बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया और उन्होंने मुझे कॉन्फ्रेंस हॉल में ले जाकर लिखित में स्वेच्छा से इस्तीफा देने का दबाव बनाया.
मैंने मना किया तो मुझे धमकियां दी गई. मेरी 2 माह की तनख्वाह रोक दी गई. तीन से चार माह के टूर खर्च बिल जिसका भुगतान मैंने अपनी जेब से वहन किया था, वह भी रोक दिया गया.
इस दरमियान इन लोगों ने मुझे मानसिक, आर्थिक व शारीरिक रूप से बार बार बुला कर प्रताड़ित किया. जब मैंने इस्तीफा नहीं दिया तो जोधपुर एच आर के द्वारा मुझे टर्मिनेशन का लेटर डाक के माध्यम से भेजा गया. एचआर जैसे पद पर कार्य करने के उपरांत भी श्री पूनमचंद को यह नहीं पता कि वास्तव में मेरा ट्रांसफर कहां हुआ है. या उनके द्वारा अपनी कंपनी की गलतियां छुपाने के चक्कर में जानबूझकर गलती हो गयी. मेरे टर्मिनेशन लेटर में मेरा ट्रांसफर जो कि मुझे मेल के माध्यम से पहले डूंगरपुर बांसवाड़ा बताया गया था, उसी को आधार बनाकर मुझे टर्मिनेशन लेटर का मेल दे दिया गया. जबकि वास्तव में वह मेल का लेटर कैंसिल करके दूसरे लेटर में मेरा ट्रांसफर लोकेशन गंगापुर सिटी बताया गया था.
इसके बाद में इन अधिकारियों के पास बार-बार चक्कर लगाता रहा. मेरी मासिक तनख्वाह व टूर खर्च का पैसा देने का बोला पर किसी भी बात का जवाब देना उचित नहीं समझा. इन सब की शिकायत मेरे द्वारा वापस जयपुर हेड ऑफिस में की गई. शायद सब की मिली भगत थी जिस कारण से किसी भी अधिकारी ने मुझे कोई जवाब नहीं दिया.
श्री विश्वाह सिंह ने मुझे कई बार जोधपुर शहर के वितरण सेंटर पर जानबूझकर भेजा. वितरण सेंटर पर जो भी प्रतियां बचती थी उसका पैसा मेरी जेब से भरवाया गया. इससे मेरा कार्य बाधित होता था. रद्दी के पैसे भरने के कारण मुझे आर्थिक नुकसान भी होता था.
अब आप ही लोग देख लीजिए, दैनिक भास्कर में किस तरह की गुंडागर्दी यहां के अधिकारी करते हैं.
कृष्णपाल सिंह
krishanpal singh
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