कहा जाता है कि शेर को कभी न कभी जरूर सवा शेर मिलेगा. स्टैंडअप कामेडियन कुणाल कामरा जहाज से मुंबई से लखनऊ जा रहे थे. उनने देखा कि उसी जहाज में अर्नब गोस्वामी भी यात्रा कर रहे हैं. बस क्या था. कुणाल कामरा ने अपना मोबाइल कैमरा आन किया और लगे अर्नब गोस्वामी के अंदाज में अर्नब से ही सवाल पूछने.
बेचारे अर्नब. एकदम चुप्पी साध लिए. नो रिएक्शन. कुणाल कामरा कई सवाल पूछ रहे हैं अर्नब गोस्वामी से लेकिन अर्नब एकदम चुप होकर अपने लैपटाप पर कुछ देखने में बिजी हो गए. अर्नब को चुप देख कुणाल कामरा ने उन्हें गालियां भी दी.
बाद में इस वीडियो को कुणाल कामरा ने ट्विटर और फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा कि उनने ये काम अपने हीरो रोहित वेमुला के लिए किया है. ये वीडियो शेयर होते ही ट्विटर पर अर्नब गोस्वामी और कुणाल कामरा ट्रेंड करने लगे.
अर्नब और कुणाल जिस जहाज में यात्रा कर रहे थे, वो इंडिगो की फ्लाइट थी. कुणाल कामरा को बीच सफर वीडियो बनाने और दूसरे की निजता का उल्लंघन करने के लिए इंडिगो कंपनी ने विमान यात्रा पर छह माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
इंडिगो ने कहा कि मुंबई से लखनऊ जाने वाली उड़ान में कुणाल का व्यवहार आपत्तिजनक था जिसके चलते उन पर छह महीने के लिए पाबंदी लगाई गई है. इंडिगो ने अपील की है कि यात्री सफर के दौरान एक दूसरे से लड़ने-भिड़ने से बचें क्योंकि इससे अन्य यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है.
कुणाल कामरा ने अपने पर पाबंदी लगाए जाने के इंडिगो के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा- मुझ पर छह महीने का प्रतिबंध लगाने के लिए शुक्रिया. मोदी जी तो शायद एयर इंडिया पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने वाले हैं. हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि जब विमान के चालक दल ने उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा तो अगले 20 सेकंड के भीतर वे अपनी जगह पर लौट गए थे. उनने चालक दल से माफी भी मांगी. कुणाल के मुताबिक उन्हें नहीं लगता कि उनने कोई अपराध किया है. कुणाल कहते हैं- ”मैं एक व्यक्ति को छोड़ कर विमान में मौजूद सभी यात्रियों से माफी मांगता हूं.”
इस वायरल वीडियो में कुणाल अर्नब गोस्वामी से पूछते हैं-
”मैं यहां डरपोक अर्नब गोस्वामी से उनकी पत्रकारिता को लेकर कुछ सवाल पूछ रहा हूं. अर्नब वही कर रहे हैं, जिसकी मुझे उम्मीद थी. एक डरपोक होने के नाते पहले वो मुझे मानसिक रूप से बीमार कहते हैं और अब कह रहे हैं कि मैं कुछ देख रहा हूं. ये मेरे सवालों का जवाब नहीं देना चाहते हैं. आज दर्शक जानना चाहते हैं कि अर्नब गोस्वामी एक डरपोक हैं या राष्ट्रवादी? अर्नब ये नेशनल इंटरेस्ट है. मैं टुकड़े-टुकड़े नैरेटिव का हिस्सा हूं. आप देश के दुश्मनों को आड़े हाथों लीजिए. आप इस बात को साबित कीजिए कि देश सुरक्षित हाथों में है. आपको उन राहुल गांधी के ख़िलाफ़ लड़ना चाहिए, जिनका मैं समर्थन करता हूं. अर्नब कम से कम जवाब दो अर्नब. क्या आप डरपोक हैं? क्या आप पत्रकार हैं? मैं आपके जवाब का इंतज़ार कर रहा हूं. मैं आपसे सौम्यता से बात करना चाहता हूं. लेकिन आप मेरी सौम्यता के काबिल नहीं हैं. ये आपके लिए नहीं हैं. ये रोहित वेमुला की मां के लिए है, जिसकी जाति पर आपने शो में चर्चा की थी. मैं जानता हूं कि ये मुझे ये नहीं करना चाहिए और मैं इसके लिए जेल जा सकता हूं. लेकिन ये रोहित वेमुला की मां के लिए है. जाइए और वक़्त निकालकर रोहित वेमुला का 10 पेज का सुसाइड लेटर पढ़िए. तब शायद आप में भावनाएं जाग पाएं और आप एक इंसान बन सकें.”
बाद में कुणाल ने ये बयान भी जारी किया-
आज मैं लखनऊ की फ्लाइट में अर्नब गोस्वामी से मिला. मैंने प्यार से उनसे बातचीत करने के लिए कहा. पहले वो ऐसे पेश आए कि जैसे वो फ़ोन कॉल पर हैं. मैंने फोन कॉल पूरी होने का इंतज़ार किया. तब तक सीट बेल्ट लगाने के निर्देश नहीं दिए गए थे. मैं अर्नब की पत्रकारिता को लेकर जो सोचता हूं, उस पर अपनी राय रखी. वो मेरे किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार करते हैं. फ्लाइट के टेकऑफ करने और सीट बेल्ट साइन दोबारा ऑफ होने के बाद मैं दोबारा अर्नब के पास गया. अर्नब बोले कि वो कुछ देख रहे हैं और बात नहीं करना चाहते हैं. तब फिर मैंने वही किया जो रिपब्लिक टीवी के पत्रकार लोगों के साथ करते हैं. मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है. सीट पर लौटने के बाद मैंने क्रू मेंबर्स और पायलट से माफ़ी मांगी कि मेरी वजह से उन्हें जो दिक़्क़त हुई.
कांग्रेस नेता शशि थरूर इस वीडियो पर ट्वीट करते हैं- ”ऐसे कई शब्द हैं, जिनका इस्तेमाल अर्नब बेगुनाहों, पीड़ितों को धमकाने के लिए करते हैं. ऐसा वो वीडियो में सुनाई दे रही कुणाल कामरा से कहीं ऊंची, खिंचाई करने वाली आवाज़ में करते हैं.”
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Kunal Kamra : To all the journalists calling me here’s my statement on what happened. Today I met Arnab Goswami in a flight to Lucknow (6E 5317), and politely asked him to have a conversation. At first, he pretended to be on a phone call.
I waited for his so called phone call to get over. Seatbelt signs were off at this time. I gave him a monologue about what I felt about his “journalism”. He refused to answer any questions, he called me ‘mentally unstable’.
The stewardess asked me to take my seat as the seatbelt signs had just come on.
Post Take off, when the seatbelt signs were off again, I approached him again and asked him if I could have his attention.
He said he is watching something, and he doesn’t want to talk. So then I did exactly what Republic TV journalists do to people in their private/public spaces, and I don’t regret it. I am not sorry for it.
The moment the stewardess asked me to move, I went back to my seat in 20 seconds. I apologised to each crew member personally and to both the pilots, by staying back till the end, for any inconvenience that I might have caused during the flight.
I don’t think I did anything wrong/criminal. Don’t let this be about my bravado. Let us all take a moment and fondly remember a smiling Rohith vemula
I do apologise to every passenger except one.
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naseem
January 29, 2020 at 11:04 am
इससे पता चलता है कि पत्रकारिता की गरिमा को गर्त में गिराने वालों के खिलाफ लोगों में कितना आक्रोश है। लोग भीतर ही भीतर उबल रहे हैं। फूट पड़ने को तैयार हैं। इस बात की परवाह किये बगैर कि सच बोलने के जुर्म में उनको जेल में डाला जा सकता है।