Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

क्या साहब ने कूटनीति की वाट लगा दी है?

Tabish Siddiqui : देखिये कूटनीति की कैसी वाट लग गई, जल्दबाज़ी में, वोट के लालच के चक्कर में… हड़बड़ी में हमला किया गया.. उनका कुछ नुकसान नहीं हुआ, सिवाय कुछ पेड़ों के.. अपना विमान उनके इलाके में गिरा, और अपना पायलट पकड़ा गया.. वहां से फ़ोटो और वीडियो के साथ सबूत सारी दुनिया मे वायरल हुवे.. इससे दुनिया ये समझी कि हमला भारत ही कर रहा था.. हम दुनिया को उनके हमले का कोई सबूत नहीं दे पाए.. उन्होंने ख़ूब वीडियो और फोटोज़ दुनिया को दिखाई…

बीच में अमरीका कूदा.. ट्रम्प ने पाकिस्तान से कहा कि एक और दरियादिली दिखा दो, उनके पाइलट को छोड़ दो.. भारत से ये आश्वासन लिया कि इसके बाद आप कोई हमला नहीं करेंगे… उन्होंने अभिनंदन को छोड़ दिया.. और जैसे ही छोड़ा वैसे ही सीमा पर गोलाबारी शुरू हो गयी पाक की तरफ़ से.. ये उकसाने वाली गोलाबारी है.. कि आओ लड़ो.. मारो हम पर बम…

अब अगर भारत जवाबी कार्यवाई करता है या हमला करता है तो सारी दुनिया को ये संदेश जाएगा कि पायलट को वापस पाने के लिए भारत ने शांति दिखाई थी बस.. जैसे ही अभिनंदन मिल गए, भारत फिर शुरू हो गया.. अब अगर हम हमला करते हैं तो ट्रम्प चाचा कहेंगे कि आपने वादा किया था और आप फिर से शुरू हो गए.. दुनिया भी यही कहेगी.. क्यूंकि इस वक़्त इंटरनेशनल मीडिया भी मान चुका है कि पाकिस्तान अमन चाह रहा है…

Advertisement. Scroll to continue reading.

व्हाट्सएप्प पर वीर रस की कविता पढ़ कर जल्दबाज़ी में युद्ध के फैसले लेने से यही होता है… कूटनीति की वाट लगा दी है साहब ने… साहब और उनके समर्थकों के लिए हज़रत अमीर ख़ुसरो का एक शेर अर्ज़ है कि…

खीर पकाई जतन से, चरखा दिया जलाए;
आया कुत्ता खा गए, तू बैठी ढोल बजाए

Advertisement. Scroll to continue reading.

फेसबुक के चर्चित लेखक ताबिश सिद्दीकी की वॉल से.

Sanjaya Kumar Singh : कुछ भी मुमकिन है, युद्ध हो गया और नहीं भी हुआ… यह टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित स्वामिनाथन ए अय्यर का एक पुराना कॉलम – स्वामीनोमिक्स है। इसका अंतिम पैराग्राफ, जहां लाल निशान लगा है हिन्दी में इस प्रकार होगा…. (मैंने नेट पर उपलब्ध लिंक से ही अनुवाद किया है) :

एक विकल्प पाकिस्तानी ठिकानों पर फर्जी हमले का है। इससे सैनिक प्रतिवाद की आशंका नहीं है और युद्ध का जोखिम कम हो जाता है। पाकिस्तान में भारत के एजेंट जरूर होंगे पर उनका प्रभाव अनजाना है। पाकिस्तान में सभी कायदे के ठिकाने हाई अलर्ट पर हैं। इसलिए हमला करने वाले मारे जा सकते हैं। ऐसे में एक उपाय है कि किसी पुराने आतंकवादी शिविर, ऑफिस या आतंकवादी का चुनाव किया जाए। जो ज्यादातर खाली या निष्क्रिय होगा। इसलिए उनकी सुरक्षा नहीं होगी या कम होगी।

क्यों नहीं फर्जी कार्रवाई में इन्हें उड़ा दिया जाए और फिर हुए नुकसान तथा हताहतों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। आजकल वीडियो में काफी रचनात्मक हेरा-फेरी संभव है और इससे भारी सफलता की छवि बनाई जा सकती है। इसके बाद मीडिया जीत की कहानी लपक लेगा और विपक्ष वाले विरोध करेंगे तो उनकी देश भक्ति पर सवाल उठाया जा सकेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह थिएटर का एक उदाहरण है। बेशक मोदी और भी सोच सकते हैं।

इसका आलेख का मुख्य शीर्षक है, राजनैतिक थिएटर पर ही जमे रहिए, पाकिस्तान से युद्ध के जोखिम के मुकाबले यह सुरक्षित है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

योगेन्द्र यादव ने आज इसे ट्वीट किया है। कहने की जरूरत नहीं है कि 24 फरवरी को इसके प्रकाशित होने के बाद भारत ने कथित रूप से पाकिस्तान पर हमला किया। अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने इसकी खबर रायटर के हवाले से छापी थी। टेलीग्राफ ने आज फिर छापा है कि हमले से हुए नुकसान के सबूत सार्वजनिक किए जाने चाहिए क्योंकि इस व्यक्ति को भारत के वायु हमले का एकमात्र पुख्ता पीड़ित कहा जा रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/363629551142276/
2 Comments

2 Comments

  1. Bhavi

    March 1, 2019 at 7:29 pm

    क्यों नहीं फर्जी कार्रवाई में इन्हें उड़ा दिया जाए और फिर हुए नुकसान तथा हताहतों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए।
    Sanjayji aapki samiksha roj dekhta hoo. modi se hame koi Lena Dena Nahi he lekin pulwama me shahid hue Hamare jawano Ka badla lene ki airforce ki karyvahi ko to aap kisi anay ke article se tulna karte hue kathit roop se farji to n kaho.
    Aap ka kahna he ki Air Force ne katith roop se farji kaam kiya he?

  2. Bhavi

    March 4, 2019 at 4:26 pm

    बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे पर हुए हमले का जहां विपक्ष सबूत मांग रहा है, वहीं एनटीआरओ(नेशनल टेक्निकल रिसर्च अॉर्गनाइजेशन) द्वारा दावा किया जा रहा है कि सर्विंलांस के मुताबिक, बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प में जहां भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक किया था करीब 300 मोबाइल फोन ऐक्टिव थे।
    Ho sakta he Ye bhi galat Ho. Jo Pakistan Mumbai hamle ko nahi manta, vo kyu manega ki kitne aatanki mare. Moke par rahne Wale log maan rahe he ki hamle ke turant baad Sena ne Ilaake ko apne adhikar me le Liya. Lekin log kahte he ki 1000 kilo ke bam gire or Usse kuchh ped ukhad ge.
    Wah !!!!!

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement