Mukund Mitr : संपथ कुमार सूरप्पागारि आ गई तुम्हारी परीक्षा की घड़ी… प्रयुक्ति के मालिक संपथ कुमार अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक कल यानी 30 नवम्बर 2018 को आपके दिए गए चेक को बैंक में लगाने की तारीख है। विगत कई माह से वेतन हजम किए हो। इस वजह से मैं और मेरा परिवार मानसिक यंत्रणा से गुजर रहा है।
कल्पना कर सकते हो तो करना। भूख का दर्द और खाली जेब की पीड़ा क्या होती है। 30 नवम्बर यानी शुक्रवार को यह भी साबित होगा कि आप मानवीय हो या अमानवीय। और यह भी स्थापित होगा आप भारत के विधि विधान को मानते हो कि नहीं। और यह भी साबित होगा कि चेक बाउंस होने का गुनाह यह जानते हुए भी करते हो कि यह अपराध है।
याद करो वो दिन। जिस दिन मुझे तीन माह के वेतन का एक लाख 35 हजार का चेक आपने दिया। मैंने ताकीद किया था आपके चेक बाउंस हो जाते हैं। आपने कहा था इससे पहले मेरे सेलरी अकाउंट में यह पैसा आप जमा करा देंगे। मगर अब तक नहीं जमा कराया गया है।
एक चेक 20 हजार रुपया का और है आपका दिया हुआ। इसकी तारीख 15 दिसम्बर 2018 आपने डाली है। यह चेक मेरे पी एफ का है। जो आपने काटा। और उसे भी हजम किए हो। पी एफ का अकाउंट तक नहीं खोला। यह देश द्रोह है। राष्ट्रीय अपराध है।
चेक बाउंस के एक मुकदमें में दिल्ली का एक अदालत में चप्पलें घिसता संपथ.
यह में इसलिए याद दिला रहा हूं कि 3 नवम्बर 2018 के बाद मैं आपके और अपने बीच हुए हर संवाद को इस मंच से सामने ला रहा हूं। अगर 30 नवम्बर 2018 का चेक क्लियर नहीं हुआ तो आपका वह वादा भी झूठा हो जाएगा, जिसमें प्रयुक्ति के प्रकाशन के स्थगन की सूचना देते हुए सभी तरह के ड्युज को 30 नवम्बर 2018 तक निपटाने की घोषणा की गई है। इसकी प्रति मेरे पास भी मौजूद है।
तो देखते है शुक्रवार को।
प्रयुक्ति अखबार के स्थानीय संपादक मुकुंद की एफबी वॉल से.