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पत्रकार एलएल शर्मा ने एक ही अखबार में 25 साल की पारी पूरी की

राजस्‍थान के सबसे पुराने समाचार पत्र दैनिक नवज्‍योति के चीफ रिपोर्टर एलएल शर्मा ने अपनी 25 साल की सेवाएं पूरी कर ली। एक ही समाचार पत्र में फील्‍ड में इतनी लंबी पारी खेलने वाले शर्मा जयपुर के पहले पत्रकार है। इस उपलब्धि पर गुलाबीनगर जयपुर के पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उनको बधाई दी है। शर्मा पिंकसिटी प्रेस क्‍लब जयपुर के चार बार अध्‍यक्ष रह चुके हैं।

<p>राजस्‍थान के सबसे पुराने समाचार पत्र दैनिक नवज्‍योति के चीफ रिपोर्टर एलएल शर्मा ने अपनी 25 साल की सेवाएं पूरी कर ली। एक ही समाचार पत्र में फील्‍ड में इतनी लंबी पारी खेलने वाले शर्मा जयपुर के पहले पत्रकार है। इस उपलब्धि पर गुलाबीनगर जयपुर के पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उनको बधाई दी है। शर्मा पिंकसिटी प्रेस क्‍लब जयपुर के चार बार अध्‍यक्ष रह चुके हैं।</p>

राजस्‍थान के सबसे पुराने समाचार पत्र दैनिक नवज्‍योति के चीफ रिपोर्टर एलएल शर्मा ने अपनी 25 साल की सेवाएं पूरी कर ली। एक ही समाचार पत्र में फील्‍ड में इतनी लंबी पारी खेलने वाले शर्मा जयपुर के पहले पत्रकार है। इस उपलब्धि पर गुलाबीनगर जयपुर के पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उनको बधाई दी है। शर्मा पिंकसिटी प्रेस क्‍लब जयपुर के चार बार अध्‍यक्ष रह चुके हैं।

राजस्‍थान पत्रकार परिषद के अध्‍यक्ष भी रह चुके हैं। अब वे पिंकसिटी प्रेस क्‍लब और राजस्‍थान श्रमजीवी पञकार संघ के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी की जिम्‍मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। पञकारिता के क्षेत्र में शर्मा के संघर्ष की लंबी कहानी है। उन्‍होंने ढाई दशक पहले 28 दिसम्‍बर 1989 को दैनिक नवज्‍योति में कदम रखा और इससे जुडे। चार दिन बाद एक जनवरी 1990 से छोटे से गांव गोनेर और सांगानेर कस्‍बे के एक स्‍ट्रिंगर के रूप में विधिवत समाचार भेजने लगे। कुछेक सालों तक स्‍ट्रिंगर के रूप में काम करने के बाद सीधे दफ़्तर से जुडे। स्‍ट्रिंगर से चीफ रिपोर्टर तक के इस 25 साल के सफर में उन्‍होंने कई उतार चढाव देखे। पहले सिटी रिपोर्टर, ‍फिर क्राइम रिपोर्टर और बाद में चीफ रिपोर्टर बने। उनका जन्‍म जयपुर के पास एक छोटे से गांव चतरपुरा में हुआ। ग्रामीण परिवेश में पल और पढे। दसवीं तक की पढाई भी पड़ोस के गांव गोनेर में की। ढाई दशक तक एक ही समाचार पञ में लगातार रिपोर्टिंग करना का मौका बहुत ही कम लोगों को मिलता है, उनमें एक  सौभाग्‍यशाली शर्मा भी है।

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एक साक्षात्‍कार में शर्मा ने बताया कि इन 25 सालों में वरिष्‍ठ साथियों से तो बहुत कुछ सीखा, मगर कनिष्‍ठ साथियों का भी इसमें कम योगदान नहीं है। उनसे भी मैंने कुछ न कुछ सीखने की भरपूर कोशिश की है और अभी भी सीख रहा हूं। इस अवधि में कड़वे मीठे अनुभव भी रहे हैं। पत्रकारिता के दौरान कई राजनेताओं से दोस्‍ती भी हुई और दूरियां भी बढी। लेकिन मैने राजनेताओं के संबंधों को अपनी पत्रकारिता पर कभी हावी नहीं होने दिया। कुछ लोगों ने कोशिश जरुर की थी लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। मैंने भी इस बात का भी पूरा खयाल रखा कि किसी भी राजनेता के हाथों टूल नहीं बनूं। ऊन्‍होंने नवोदित पञकारों को सलाह दी है कि उनकी लेखनी निष्‍पक्ष और समाज के हित में है तो उनको लाखों लोगों का साथ जरूर मिलेगा।

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0 Comments

  1. Manohar Gaur

    January 4, 2015 at 10:06 am

    Badhai….bahut-bahut badhai. Maine bhee Maharashtra ki Uprajdhani Nagpur se prakashit dainik akhabar ‘Lokmat Samachar’ me January 2014 me sewa ke 25 sal pure kiye the, magar kisi tarah ka samman to dur, union ki gatividhiyon me shamil hone ke karan 26 ven baras me muze bahar ka rasta dikha diya gaya. Ab court-kachahari ka chakkar chal raha hai. Akhabar Jagat amanviya logon ki duniya hai, yahan kisi ki bhavnaon ki koi kadar naheen hai.

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