Connect with us

Hi, what are you looking for?

महाराष्ट्र

वाचमैनों को लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत लेकिन मीडियाकर्मियों को नहीं

-शशिकांत सिंह-

महाराष्ट्र में मीडियाकर्मियों को लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत नहीं है। लोकल ट्रेन में सिर्फ उन्हीं पत्रकारों को यात्रा की इजाजत है जो मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं। अब जाहिर सी बात है कि मान्यता ज्यादातर उन्ही पत्रकारों को मिलता है जो पोलिटिकल बीट कवर करते हैं। इनकी संख्या नाम मात्र है। महाराष्ट्र में उन पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की संख्या ज्यादा है जो क्राइम बीट, इंटरटेनमेंट बीट, सोशल तथा अन्य बीट को कवर करते हैं। इन्हें लोकल ट्रेन में यात्रा की इजाजत नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यहां तक कि जो रेलवे बीट को कवर करते हैं खुद उन्हें भी लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत नहीं है। न्यूज़ पेपर प्रिंटिंग, इलेक्ट्रॉनिक टीवी, वेब न्यूज़ के मीडियाकर्मियों और इनसे जुड़े ज्यादातर पत्रकारों को लोकल ट्रेन में यात्रा की इजाजत नहीं है।  लोकल ट्रेन में वाचमैनों को यूनिफार्म पहनकर यात्रा की इजाजत है। वाचमैनों को लोकल में यात्रा के लिए आईकार्ड दिखाकर सीजन टिकट या नार्मल टिकट भी आसानी से मिल जा रहा है लेकिन बिना मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लोकल का टिकट देने की जगह काउंटर पर बैठने वालों से जलालत झेलनी पड़ रही है।

वाचमैनों के अलावा बैंकों के कर्मचारी और बैंकों के बाहर खड़े होकर क्रेडिट कार्ड बेचने वालों को भी लोकल में जाने की इजाजत है। सरकारी कर्मचारी, स्कूल कर्मचारी, मनपा कर्मचारी, अस्पताल कर्मचारी सबको लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत है और इन्हें आवश्यक सेवा में माना जाता है लेकिन महाराष्ट्र के मीडियाकर्मियों को आवश्यक सेवा में शामिल नहीं माना जा रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अचरज की बात यह है कि महाराष्ट्र में दर्जनों पत्रकार संगठन हैं लेकिन ज्यादातर इस मामले पर चुप हैं। एक दो संगठन ने इस मुद्दे पर लेटरबाजी और ट्वीट भी राज्य सरकार व रेलमंत्री को किया लेकिन न राज्य सरकार उनकी सुन रही है न रेल मंत्रालय।

रेलवे के ज्यादातर पीआरओ की हालत है कि रेलवे के किसी बड़े अधिकारी की पत्नी किसी कार्यक्रम का फीता काटेंगी तो वो खबर भेज देंगे लेकिन सभी मीडियाकर्मियों को लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत कब मिलेगी इस पर उनका कहना होता है कि यह सब राज्य सरकार को तय करना है कि सभी मीडियाकर्मियों को लोकल में कब से यात्रा की अनुमति मिलेगी। लोकल में यात्रा की अनुमति न मिलने से अधिकांश मीडियाकर्मी बेचारे सैकड़ों रुपये और 5 से 6 घंटे बर्बाद कर कार्यालय जाने को मजबूर होते हैं। राज्य सरकार और रेल मंत्रालय से निवेदन है कि इस ओर जल्द ध्यान दें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

शशिकांत सिंह

वॉइस प्रेसिडेंट
न्यूज़ पेपर एम्प्लॉयज यूनियन ऑफ इंडिया

Advertisement. Scroll to continue reading.

9322411335

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement