
गोरखपुर जनपद के गीडा थाना क्षेत्र में लॉकडाउन पीरियड में भी मॉडल शॉप से ब्लैक में शराब माफियाओं द्वारा शराब बेची जा रही थी। इसके अलावा क्षेत्र में कच्ची जहरीली शराब भी बनाकर बेची जा रही थी। इसका स्टिंग सी न्यूज भारत और दैनिक स्वतंत्र प्रभात की टीम ने कर दिया।
कच्ची शराब का लेनदेन करते और ब्लैक में शराब बेचते शराब माफियाओं के इस स्टिंग और इस संबंध में प्रकाशित खबर से शराब माफियाओं के साथ गीडा थानाध्यक्ष के माथे पर पसीना छलक गया।
हमें चुप कराने में नाकामयाब रहे थानाध्यक्ष को जब कुछ नहीं सूझा तो इसे मैनेज करने का जिम्मा दे दिया वहां के कुछ दलालों को जो पत्रकार का मुखौटा लगाकर घूमते रहते हैं। इन कथित पत्रकारों ने फोन पर धमकी देने से लेकर हमारे ऑफिस तक पहुंचकर गुंडई दिखाना शुरू कर दिया। इसके ऑडियो वीडियो सुरक्षित हैं।
ये कथित पत्रकार चाहते थे कि कच्ची शराब और ब्लैक में बिक रही शराब के बारे में खबरें न लिखी जाएं और ना कोई वीडियो जारी किया जाए। इसके लिए यह कथित पत्रकार हर फंडा आजमाए जा रहे हैं।
धमकाने से लेकर खबर लिखने और स्टिंग करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कथित पत्रकार एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। पूरे प्रकरण की खबर, खबर से संबंधित स्टिंग और इन दलालों द्वारा दी जा रही धमकी का ऑडियो वीडियो सब कुछ यहां के अधिकारियों के संज्ञान में है।
यहाँ तक कि कच्ची शराब बनने और बिकने वाले क्षेत्र के चौकी इंचार्ज नौसढ़ मेरे सूत्रों को धमकाने के लिए उनके घर पर एक सिपाही भी भेज दिया। फोन करने पर बताया कि प्रेस क्लब के अध्यक्ष आये थे, आपके लड़के को बुला रहे थे, इसलिए उसके घर सिपाही भेजा था। इस बात की रिकॉर्डिंग सुरक्षित है।
इस प्रकरण के आडियो जल्द ही पब्लिक डोमेन में डाले जाएंगे।
प्रेषक
सत्येंद्र कुमार
ब्यूरो, सी न्यूज़ भारत तथा दैनिक स्वतंत्र भारत
गोरखपुर
मोबाइल 9161203799
Comments on “लॉक डाउन में थानेदार-पत्रकार मिलकर बिकवा-बनवा रहे शराब, हो गया स्टिंग!”
तुम तो खुद ही स्टिंग के नाम पर वसूली करते हो, तुम क्या बात करोगे सत्येन्द्र… नौसढ़ में सेटिंग नहीं हो पायी क्या तुम्हारी….
ऑडियो ठीक से सुना नही क्या ।एक भी सबूत हो मेरे खिलाफ या पूरी टीम के खिलाफ किसी के पास भी तुरंत इस्तीफा दूंगा । क्योंकि कच्ची के स्टिंग से मिर्ची तुम जैसे दलालो को लगी है ।बाकी तो खुश है । वैसे भी तुम लोग का दावा था कि 24 घंटे में ही सबूत लाकर दोगे हमारे खिलाफ।क्या हुआ अभी तक 4 दिन हो गए । अब भी शेखिया बघाड़ रहे हो ।है दम तो करके दिखाओ जैसे करके दिखा दिया मैंने । जानते हो दिक्कत कहा है ।दिक्कत यह है कि तुम लोग बड़े ब्रांड के चैनल और अखबार के दम पर राज करना चाहते हो ।ये चाहते हो कि बाकियों की कलम तुम्हारी गुलाम हो जाये ।जो तुम चाहो वही लिखे वही छपे और वही दिखे ।अब हर वक्त वही दिखेगा जिसे तुम छुपाओगे ।बाकी का फैसला अदालत में ।चुनौती स्वीकार करो जैसे मैंने की और जीत कर दिखाओ जैसे मैंने जीती ।
हा हा हा हा हा , खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे ।हमने जो दिखाया उसे अकाट्य सबूत कहते है ।और जो तुम कह रहे हो उसे गाल बजाना कहते है ।है क्या कुछ सबूत मेरे या मेरी टीम के खिलाफ ।नही न ।लेकिन तुमलोगो के खिलाफ बहुत कुछ है ।चौकी पर जाकर धमकाने के लिए सिपाही भेजना, आफिस पहुचकर गुंडई दिखाना, फोन पर खबर छापने से मना करना । शुक्र करो कोरोना महामारी का नही तो तुमलोगों के इस करनी की वजह से वकालत का ऐसा इस्तेमाल करता कि अब तक मुकदमो के बोझ से त्राहिमाम कर रहे होते । लेकिन बस थोड़ा इंतेज़ार और फिर आएंगे आमने सामने ।जी भर के साबित करना अन्यथा इसका परिणाम बड़े ही कानूनी तरीके से झेलना ।है एक बात और अगर तुममे दम है और वाकई में सच्चाई है तो अपना नाम पता भी बता दो । ताकि कानूनी लड़ाई में वक्त जाया न हो । है दम ……
रिप्लाई दे दिया है ।अच्छे से पढ़ना और सच कहने की हिम्मत आ जाये तो चोरों की तरह मुंह और पहचान छुपाकर मत कहना ।अपना नाम काम पहचान बात कर कहना ।
हा हा हा हा ….क्या हुआ भाई बड़ी मिर्ची लग रही है ।अगर मैं वसूली करता हूँ तो अब तक तुम कहा थे ।कुछ दिखाना चाहिए था न । चुप क्यों रहे अब तक । जैसे मैंने दिखा दिया । समझ सकता हूँ तुम्हारी तकलीफ ।घबराओ मत सिर्फ तुम्हे ही तकलीफ नही हुई है इस खबर से ।तुम्हारे बड़े बड़े अंकल भी परेशान हो गए है ।