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आयोजन

यूपी के सत्ताधारी नेताओं ने ‘पटे-पटाए’ पत्रकारों को ‘रसीले आम’ खिला फिर से पटा लिया!

Girish Malviya : हर खास ओ ‘आम’ को इत्तिला दी जाती है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के तत्वावधान में पत्रकारों के लिए प्रदेश भाजपा की तरफ से लखनऊ के हजरतगंज स्थित आलीशान होटल क्लार्क अवध में “पत्रकार मन मिलन समारोह एवं आम पार्टी” का भव्य आयोजन रखा गया है. मुरादाबाद के डीएम द्वारा योगी जी के अस्पताल दौरे के दौरान इमरजेंसी वार्ड में बन्द किये गये पत्रकारों से विशेष अनुरोध है कि बीती ताहि बिसार दे और ‘मन मिलन समारोह’ में जरूर आम चूस चूस कर खाएं, वैसे आमंत्रित पत्रकारों के लिए जिला शामली के रेलवे थाने की तरफ से भी कुछ जलपान की व्यवस्था रखी जाती तो ओर भी अच्छा होता… उन्हें भी पुनः एक बार सेवा का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए था. इस आम पार्टी का आइडिया देने वाले फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार का बम्बई जाकर सम्मान किया जाएगा.. यह गैर राजनीतिक पार्टी है, इस पोस्ट को भी गैर राजनीतिक माना जाए…

Manish Srivastava : उत्तर प्रदेश में पत्रकारिता का गर्त में जाने का असली कारण यही है। सत्ताधारी दल भाजपा ने आज हजरतगंज स्थित आलीशान होटल क्लार्क अवध में “पत्रकार मन मिलन समारोह एवं आम पार्टी” का भव्य आयोजन रखा जिसमें प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंन्त्री और तमाम दिग्गज मंत्रियों का जमावड़ा रहा। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट लिखते समय जलसा चल भी रहा होगा। पत्रकार रसीले आमों का लुत्फ ले रहे होंगे। आमों के लुत्फ के बीच जलसे में चर्चा देश प्रदेश कैसे विकास की ओर बढ़े, इस पर होनी है।

प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार का ग्राफ सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रहा है। मानो एक संन्यासी मुख्यमंन्त्री योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने का उच्चस्तरीय षड्यंत्र रचा जा रहा हो। भाजपा की तरफ से आयोजित समारोह में क्या पत्रकार इन माननीयों नेताओं से एक भी तीखा सवाल इन ज्वलंत मुद्दों पर पूछेंगे। चलिए, ये भी छोड़िये, समारोह की शान बनकर आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के विभागों में जो भयंकर लूट मची है, क्या उस पर किसी भी पत्रकार की एक भी सवाल पूछने की हिम्मत है। अब ये दुहाई कोई न दे कि कुछ पता नहीं है।

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जितने भी मंत्री इस जलसे में शिरकत करेंगे, सभी के विभागों में भ्रष्टाचार और दागी अफसरों के घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। लेकिन पत्रकारों को सिर्फ देश प्रदेश की प्रगति और आमून के लुत्फ पर चर्चा करने बुलाया जा रहा है। साथ ही आमों का जायका भी लेंगे। अब ये तीखे सवाल आमों का स्वाद भी बिगाड़ देंगे। इस बार ये ‘आम पार्टी’ कम मुख्यमंन्त्री के खिलाफ भाजपा के दिग्गजों की लॉबिंग अधिक प्रतीत होता नजर आ रहा है वैसे भी केशव मौर्य और सीएम योगी के बीच छत्तीस के आंकड़े की कहानी आज उत्तरप्रदेश की गलियों तक की सुर्खियां बनी हुई है।

भई मुख्यमंन्त्री को भी इस पत्रकार आम खाओ समारोह का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया। उत्तरप्रदेश में जब पत्रकारों पर सरकारी गुंडई का कहर बरप रहा हो तो यशस्वी पत्रकारों को ऐसे सत्ताधारी आम खाओ आयोजनों का सार्वजनिक बहिष्कार करना चाहिए था। जब प्रदेश के अधिकांश जिलों में पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ प्रशासन को ज्ञापन देकर पत्रकारों द्वारा एकजुटता दिखाई जा रही है लेकिन लखनऊ में एक भी पत्रकार संगठन ने शामली समेत किसी भी जिले के प्रकरण को तवज्जो नहीं दी।

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जब ये पत्रकार पूर्ववर्ती सरकार में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाए जाने के आरोपी तत्कालीन मंत्री राम मूर्ति वर्मा के प्रकरण में सुलह समझौते में जुटे थे तो इनसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है। उत्तरप्रदेश के आदरणीय पत्रकारों से करबद्ध प्रार्थना है या तो इस आम खाओ समारोह का बहिष्कार करें या फिर इस रसीले आम समारोह में सत्ता के लंबरदारों से वो तीखे सवाल जरूर करें, जिससे अगली बार ऐसे आयोजनों के जरिये पत्रकारों को अपनी बपौती समझकर आमों व अन्य तामझाम पर लाखों फूंकने से पहले सत्ताधारी दल के नेता सौ बार सोचे। अन्यथा पहले जगेंद्र सिंह जिंदा फूंका गया था, हाल ही में शामली में टीवी पत्रकार अमित शर्मा को जमकर पीटकर मुंह मे पेशाब किया गया है कल को इससे भी भयावह स्थिति आपके समक्ष भी उत्पन्न हो सकती है। कुछ न कर पाइयेगा तो नेताओं संग सेल्फी जरूर पोस्ट कीजियेगा। हम सब बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

Naved Shikoh : भाजपा का पत्रकार मन मिलन समारोह… भाजपा का पत्रकारों से रिश्तों का प्रबंधन बेजोड़ है। पहले बड़ों को साधा गया और अब छोटों को अपना बनाया जा रहा है। ये अच्छी बात है। लेकिन इससे भी अच्छी बात ये है कि भाजपा ने किसी भी क़िस्म के दलाल पत्रकार से परहेज करने की नीति अपनायी है। 6-7 बरस पूर्व यानी सरकार मे आने से पहले ही ख़ास पत्रकारों से क़रीबी रिश्तों के लिए भाजपा मशहूर हुई थी। जो सिलसिला जारी रहा। भाजपा अब आम पत्रकारों से रिश्ता क़ायम करने के लिए आम दावतें और आम की आम दावतें करने लगी है।लखनऊ जिला अध्यक्ष ने होटल क्लार्क अवध में मंगलवार ( 2जुलाई) को पत्रकार मिलन समारोह में आम की दावत दी है। गौरतलब है कि भाजपा सरकार का पत्रकारों से बर्ताव पर निम्न चर्चाएं होती रही हैं-

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1- देश के ज्यादातर बड़े मीडिया समूहों से सरकार/भाजपा का सीधा रिश्ता रहा इसलिए बड़े पत्रकारों को भी खुदबखुद भाजपामय होना पड़ा।

2- भाजपा सरकार ने सबसे नेक ये काम किया कि छोटे-बड़े सभी दलाल पत्रकारों की छोटी-बड़ी दलाली बंद कर दी। पिछली सरकारों में दलाली करने के लिए बदनाम सभी दलाल पत्रकारों को मुंह नहीं लगाया।

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3- मुख्य खबर ये है कि अब उत्तर प्रदेश में भाजपा संघर्षरत आम पत्रकारों को सम्मान दे रही है। आम और ईमानदार पत्रकारों से किसी ना किसी रूप से रिश्ता क़ायम किया जा रहा है। छोटे अखबारों के पत्रकारों की रोज़ी रोटी चलती रहे इसलिए छोटे अखबारों को सूचना विभाग सहयोग स्वरूप पर्याप्त विज्ञापन दे रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने तमाम संघर्षशील, मेहनती और ईमानदार छवि के दर्जनों आम पत्रकारों को सम्मानित किया। पिछले साल की तरह भाजपा की लखनऊ इकाई ने आज आम पत्रकारों को आम दावतनामा देकर आम की आम दावत दी।

इंदौर के विश्लेषक गिरीश मालवीय और लखनऊ के पत्रकार द्वय मनीष श्रीवास्तव व नवेद शिकोह की एफबी वॉल से.

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उपरोक्त स्टेटस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं-

Ajai Kumar मनीषजी, इस कार्यक्रम में पत्रकारों का सम्मान तो दूर उनका खुला आसमान हुआ। मैं कुछ वरिष्ठ लोगों के आमंत्रण पर वहां जाने का गलती कर बैठा। बाद में वहाँ जाकर पछतावा हुआ। दुख इस बात का हुआ कि तमाम स्वयंभू पत्रकार खुद अपने नाम की पर्ची मंच पर भेज कर अपना परिचय देने के लिए जद्दोजहद मंच संचालक से करते रहे। कई तो इसके लिए मारामारी करते देखे गए। कई वरिष्ठ पत्रकार जैसे प्रमोद गोस्वामी, अमिता वर्मा, सुरेश बहादुर सिंह, श्याम कुमार, शिल्पी सेन, अजय श्रीवास्तव, विजय उपाध्याय, अनिल अंकुर आदि यह मारामारी देखते रहे। उनमें से एक मैं भी था । वहाँ जो शर्म आज महसूस हुई शायद इसके पहले किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं हुई होगी। बाद में आम के गिफ्ट पैकेट की जो लूट मची उसे रोकने के लिए मंत्रियों के गनर तक धींगा मुश्ती करते रहे।

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Manish Srivastava सर वाकई ह्रदय के अंतिम छोर तक दुःख हुआ। 50 वर्ष के पत्रकारीय करियर के पुरोधा आप सब वरिष्ठ पत्रकारों का मैं स्वयं पिता समान आदर करता हूँ। ऐसा होना सत्ताधीशों के दम्भ को भी दर्शा रहा है। मैं इसीलिए सख्त और कड़वा लिखता हूँ क्योंकि ये लोग पत्रकारों का सम्मान करना अपना अपमान समझते हैं। और सम्मान से इतर पत्रकारों की अपनी कोई कमाई ।भी नहीं।।आपके कथन से बेहद दुःख हुआ।।

Kamlesh Srivastava बहुत शानदार मनीष भाई। इस आम चुसवा पार्टी में ज्यादातर मान्यता प्राप्त होंगे। सवाल तो ये सब वैसे भी नहीं करेंगे लेकिन सीएम साहब के सलाहकार और प्रमुख सचिव पत्रकारों से पहले ही कह देंगे आप सब आम से मतलब रखो गुठलियों का हिसाब तो हम रखेंगे।

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Manish Srivastava पत्रकारों का भी नेताओं-अफसरों ने सिर्फ आम की गुठली ही समझ रखा है भैया

Numerologist A L Tiwari वाकई स्थिति ठीक नही…….चौथा स्तंभ कमजोर होने से व्यवस्था 3 टांग ही हो गयी……अब वो बैलेंस नही……कभी भी किधर भी सिस्टम टूटेगा……अब ये बात अकाटय हैं…. तब तक जब तक चौथा स्तंभ पुनर्जीवित नही हो जाता।

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Shailendra Singh कोई चर्चा परिचर्चा नही है आम खाने की पार्टी है। इसका आयोजन पिछले साल भी हुआ था

Manish Srivastava सत्ताधारियों की शाही पार्टीयों में आम सूतना ही तो पत्रकारों के लिए रह गया है पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूतें। कौन रोक रहा है। आम सूतना वो भी क्लार्क्स अवध। बढ़िया है। आने वाले हर वर्ष इसी तरह आम पार्टी का लुत्फ लेकर यूपी की पत्रकारिता को भी चुस्वा आम घोषित करें और खूब सेल्फी पोस्ट करें। मेरी शुभकामनाएँ

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Zafar Irshad भाई मैं ऐसे कार्यक्रमों से बहुत दूर रहता हूं. जहां नेताओं को शक्ल दिखानी हो. मैं आज क्लार्क अवध के सामने से नहीं गुज़रा.

Monu Singh Chauhan नमस्कार सर, किन्हीं कारणों से मुझे भी इस आयोजन में आने का सौभाग्य मिला और मैं भी धन्य हुआ और देखा भी कि किस तरह हमारे साथी आमों सहित रोटियों को लूटने में व्यस्त रहे।

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1 Comment

1 Comment

  1. विमलेश तिवारी

    July 2, 2019 at 4:39 pm

    पत्रकारिता जगत में इस समय इतनी गिरावट देखने को मिल रही है अगर यही गिरावट लगातार जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब पत्रकारों की फजीहत आम आदमी भी करना शुरू कर देगा अभी तो नेताओं और उनके चमचों से पिटाई करवाई जाती है बदायूं हो चाहे शामली अब पत्रकारों की कलम एक बंधुआ मजदूर की तरीके से हो गई है हालांकि मजदूरी के रूप में उसे मिलता कुछ नहीं है वाकई में इस समय स्थिति बहुत ही शर्मनाक है।

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