मजीठिया आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के मामले में यूपी सरकार की मंशा साफ़ है : मंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मजीठिया आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के मामले में सरकार की मंशा साफ़ है। सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अक्षरशः अनुपालन हो। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मालिकान अगर अपने स्तर से सुनिश्चित कराते हैं तो यह उनकी महानता होगी। उन्होंने कहा कि इरादे नेक हों तो हर समस्या का हल किया जा सकता है।
मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के सम्बन्ध में विधानभवन के तिलक हाल में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक के दौरान राज्य के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह विषय बहस और चर्चा का नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के सम्मान का विषय है। मुद्दे का सम्मानजनक हल निकले इसकी पहल यदि समूह मालिकों की ओर से होगी तो स्वागत करेंगे। हमारी भूमिका प्रशासक की नहीं बल्कि बातचीत से सुलझाने की होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंशा साफ़ नहीं होती तो यह बैठक बुलाई ही नहीं गयी होती। हम किसी पर दबाव नहीं बनाना चाहते लेकिन अनुरोध है कि सरकार के किसी हस्तक्षेप की गुंजाइश न रहे, अखबार मालिकों को दरियादिली दिखानी पड़ेगी। श्रम मंत्री ने 19 जून के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अध्ययन करने की बात कही। मजीठिया निगरानी समिति की तरफ से हसीब सिद्दीकी ने मांग रखी कि श्रम विभाग में मजीठिया के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाय। इसे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मानते हुए प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि किसी सीनियर अफसर को इस मामले के लिए नियुक्त किया जाए जो कि मजीठिया आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन को अवगत कराते रहें।
बैठक के दौरान सहारा प्रबंधन ने माना कि सहारा समूह में आजकल समस्याओ की वजह से तनख्वाह देने में दिक्कत आ रही थी। लेकिन सहारा ने 4 कैटोगरी की सैलरी देने की बात कही। वहीं हिंदुस्तान की तरफ से एच आर हेड राकेश गौतम ने बताया कि उनकी कंपनी हर जगह मजीठिया लागू कर रही है। इसी बीच मजिठिया निगरानी समिति के सदस्य लोकेश त्रिपाठी ने स्पष्ट किया हिंदुस्तान कंपनी पूरी तरह फ्रॉड कर रही है। इससे संबंधित उन्होंने सबूत भी दिए। इसके बाद मंत्री ने हिंदुस्तान के प्रतिनिधि से अपना ग्रॉस रेवेन्यू और कैटगरी स्पष्ट करने को कहा तो मैनेजमेंट की बोलती बंद हो गई।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आयोग के निर्णयों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता रहे और सकारात्मक दिशा में आगे बढें। मजीठिया निगरानी समिति के सदस्य मुदित माथुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय श्रम मंत्री की पहल से हम उम्मीद करते हैं कि यूपी सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करने के लिए कदम बढ़ायेंगे। इस मीटिंग में मौजूद कई पत्रकारों ने श्रम मंत्री से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने 19 जून 2017 के आदेश में यह साफ कहा कि सभी समाचार पत्र समूह व मीडिया समूह मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करें। उपजा की ओर से निर्भय सक्सेना ने मंत्री जी से मांग की कि आप कंपनियों से उनकी बैलेंस शीट मांगिये। कंपनियां गड़बड़ कहां कर रही हैं, सब पता चल जाएगा।
मजदूर संघ के नेता उमाशंकर मिश्र ने कहा कि वेतन आयोग की रिपोर्ट में उल्लिखित समाचार पत्रों की श्रेणियों और उनके सालाना टर्नओवर का हिसाब श्रम विभाग के पास उपलब्ध है। अब सरकार से उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन की अपेक्षा है। इस त्रिपक्षीय बैठक में श्रम मंत्री के अलावा श्रम राज्य मंत्री मन्नू लाल कुरील, अपर मुख्य सचिव श्रम राजेन्द्र तिवारी, अपर मुख्य सचिव एवं श्रमायुक्त पीके मोहंती, प्रदेश के विभिन्न मंडलों के उप श्रमायुक्त शामिल थे। वहीं यूपी सरकार की ओर गठित मजीठिया निगरानी समिति के सदस्य मुदित माथुर, हसीब सिद्दीकी, लोकेश त्रिपाठी, प्रांशु मिश्रा, योगेश कुमार गुप्ता, जेपी त्यागी और अंकित बिशनोई मौजूद रहे। वहीं समाचार पत्र प्रबंधन की ओर से इंडियन एक्सप्रेस, टाईम्स आफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाईम्स, दैनिक जागरण, पायनियर, राष्ट्रीय सहारा तथा अन्य समूहों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसके साथ ही पत्रकारों के अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे.
मजीठिया बैठक में हिंदुस्तान की बोलती बंद हुई, हिन्दुस्तान के एचआर हेड राकेश गौतम उपहास के केंद्र बने
मजीठिया के मद्दे पर यूपी सरकार की ओर से बुलाई बैठक में हिंदुस्तान की खूब खिल्ली उड़ी। मंगलवार को मौका था यूपी सरकार की ओर से बुलाई गई मजीठिया की बैठक का। बैठक शुरू होते ही कर्मचारियों की ओर से बात रखी गई। इसके बाद नंबर आया अखबार मालिकों का। सहारा मैनजमेंट ने साफ बताया कि उनका अखबार चौथी कटेगरी में आता है। इसलिए हम उस कैटगरी का वेतन देने के लिए वचनबद्ध हैं। फिर श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदुस्तान के मैनेजमेंट की ओर इशारा किया कि आप अपनी बात रखें। हिंदुस्तान के नेशनल एचआर हेड आरके गौतम ने बताया कि हमारी कंपनी मजिठिया के अनुपालन में लगी है। और हमने कई यूनिट्स में लागू भी कर दिया है। यह सुनते ही मजिठिया निगरानी समिति के सदस्य लोकेश त्रिपाठी बिफर पड़ऐ। श्री लोकेश ने बताया कि हिन्दुस्तान अखबारर किसी भी यूनिट में मजीठिया नहीं दे रहा है। इसके उन्होंने सबूत भी दिए। फिर क्या था। सबूत देखते मंत्री और उनके अधिकारियों ने पूछा कि आप किस कैटगरी में मजीठिया का वेतन दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से पूछे गये सवालों का उत्तर देने के बजाय आरके गौतम बगलें निहारने लगे। यह देख कुछ पत्रकारों ने मेज भी थपथपा दी तो पूरा माहौल मजाकिया बन गया। इसके बाद आरके गौतम बैठक खत्म होते ही ऐसे भागे कि वहाँ आमंत्रित लंच में भी हिस्सा नहीं लिया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335
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August 9, 2017 at 3:22 pm
09/08/17 ko amar ujala , allahabad me sabhi karmchariyo se 1 letter pe signature kraya gaya hai. jise kisi ko padhne k liye nhi diya gaya. ye kam noida se aye hue logo ne unit head k samne karaya. ye kam amar ujala k noida hr k log kai unito me karwa chuke hai jaise moradabad bareli nainital haldwani aur ab allahabad.