Amitaabh Srivastava : जब ढलान पर लुढ़कना शुरू होता है तो अंत कहां किस गड्ढे में होगा, यह लुढ़कते हुए पता नहीं चलता। मधु किश्वर उसी दिशा में अग्रसर हैं काफ़ी समय से। ताज़ा थ्योरी यह है कि गांधी और नेहरू में लगाव की वजह थी दोनों के बीच समलैंगिक रिश्ते होना। दिमाग में कूड़ा भरा होना उतनी असामान्य या हैरानी की बात नहीं है। ताज्जुब उस गन्दगी पर मुग्ध होने पर होता है। गांधी नेहरू विरोध के चलते इन वाहियात विचारों को भी सही मानने वालों और इन पर विश्वास कर लेने वालों की गिनती बढ़ सकती है, यह दुखद संभावना हमारे आगे अपने विकराल स्वरुप में एक चुनौती की तरह उपस्थित है।
Shweta R Rashmi : किसी के दिमाग में गोबर भरा होने की बात इन जैसों को सोच कर ही कही गई होगी। इतनी गंदगी कहां से लाते हैं ये लोग!
Ashok Kumar Pandey : डोमनिक लैपियर ने फ्रीडम एट मिडनाइट में गोडसे और सावरकर में गे रिलेशन्स बताए थे। गोपाल गोडसे और कई लोगों ने केस किया। प्रूव तो कैसे कर पाते। अंश सम्पादित करने पड़े बाद के संस्करण में। राहुल गाँधी ने गांधी हत्या में आर एस एस का हाथ बताया। मानहानि का केस चल रहा है। कल मधु किश्वर ने नेहरू-गाँधी के बारे में ऐसी बात कही। गोडसे वंदना चल ही रही है। किसी गांधीवादी ने कोई केस नहीं किया। सैकड़ों संस्थाएं हैं। सेमिनार हैं। एयरकंडीशन्ड ऑफिस हैं। लेकिन किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता। फ़र्क़ यहीं है।
Anuranjan Jha सन् 2004 में इस महिला से हमारी पहली मुलाक़ात थी. इंडिया टीवी में. एक शो करती थीं ‘छोटी सी आशा’. उन्हीं दिनों हमने संस्थान को बताया था कि यह महिला विचारहीन और कुंठित हैं. बहुत समय तक लोगों ने सिर पर बिठा कर रखा. कुछ ऐसी बातें हैं जो यहाँ सार्वजनिक तौर पर लिख नहीं सकता. लेकिन शर्म है इस महिला पर.
Pammi Barthwal मैं तीन या चार बार इनसे मिल चुकी हूं- बेहद छिछली, आत्मकेंद्रित, अपनी ओर ध्यान खींचने में लगी रहती हैं.
Shabnam Khan : Shame on u madhu kishwar aunty ji. ilaaj kahaa karwaogi. le chalti par koi faayda nahi kyunki tum jaisi ka ilaaj kahi ho hi nahi sakta.
Sanjay Khare : She needs a psychiatrist right now.
Ajit Wadnerkar ये स्वयं न जाने कैसे कैसे विकारों का पिंड होंगी. क्या वाहियात सोच.
ऋतु तिवारी : अपनी इन्हीं वाहियात बातों से ट्विटर पर लोकप्रिय बनी रहना चाहती हैं ये। इनके लिखे पर प्रतिक्रिया देना ही इनकी सफलता है।
Rani Rajesh : ये मेडम एक पार्टी के नेताओं को खुश करने के चक्कर में उनसे भी आगे निकल, उनसे ज्यादा गिर चुकी है । विक्षिप्त हो गई है
Amarendra Kishore : ईश्वर इनकी आत्मा को शांति दे। इनका श्राद्ध किया जाए। स्टालिन के मृत शरीर पर अंतिम दर्शन के लिए आये लोगों ने इतना थूका जिससे उसकी माटी की काया थूक में डूब गई।
Nagendra Pratap मधु किश्वर को तो तमगा मिलना चाहिए इस शोध/खोज के लिए। वो अब सही राह पर हैं
Swapnil Srivastava यह तो दिमागी दिवालियापन है । मधु किश्वर अपनी छवि को लांघ चुकी है । उनका स्टैंड स्पष्ट है ।
Nanak Chand मधु किश्वर सत्ता से लाभ पाने के लिए प्रज्ञा ठाकुर का अनुसरण कर रही हैं।
Abhishek Anand Umra ka asar hone laga hai….samasya ye hai bhakti ki nayee lahar mein bapu ko neecha dikhaane aur khud ko sarvsresth bataane ki koshish ho rahi hai….waisi vichardhara ke poshak jinka azaadi ki ladayee mein koi yogdaan nahi tha (itihas aisa kahta hai) wo log satta milte hi baukhla gaye hain….pata nahi ye bhakti kahan lekar jayegi
Pandit Suresh Koshal Extremely disgusting and disgraceful. Writing something unimaginable from her. Kuchh likhne aab bacha hi nahi…kyonki Modiji ab PM ban hi gaye.kya ho gaya hai logon ko?
Poonam Jain हैरत इस बात की है कि इस बात को पटेल से जोड़ने की क्या तुक है। इन बातों से क्या पटेल का कद उठाया जाएगा?
Abhinav Sabyasachi यह ट्वीटर पर संघी ट्रोलर ग्रुप की सरगना बनना चाहती हैं। इसीलिए उसी भाषा और स्तर पर आ गयी हैं।
सौजन्य : फेसबुक
ओम रतूड़ी
June 4, 2019 at 7:00 am
नई खोज?