पूजा प्रियंवदा-
औरतों को सिर्फ penovaginal penetrative (लिंग के यौनि में प्रवेश या घर्षण) से ही orgasm नहीं मिलता, उन्हें clitoral orgasm, nipplegasms भी हो सकते हैं!
जिनकी सारी बुद्धि अंडकोषों में जमी हुई हो और जिनकी सेविकाओं को उनके गंदे कच्छों से ही सदासुहागन टाइप फीलिंग आती हो उनके लिए ये सब इस जन्म में समझना नामुमकिन है
Picture dark chocolate की है food orgasms are also real
साइंस पढ़ो – मर्द का orgasm औसतन 6 सेकंड होता है और औरत का 20 सेकंड, multiple orgasm भी सिर्फ औरतें पाती हैं!
एक पोस्ट पर मैं औरतों के orgasm के बारे में बात कर रही थी, भाँति-भाँति के भिया जी के पेट में ऐसे मरोड़े उठने लगे, कोई ये बता रहा था कि कितने मिनट टिकता है, कोई आमंत्रण दे रहा orgasm और कंप्लेक्स समझाने का।
औरतें सेक्स की बात करती हैं तो वो तुम्हारे नाले जैसे दिमाग और मूंगफली जैसी मर्दानगी के देसी दवाखाने के प्रदर्शन के लिए निमंत्रण नहीं होता.
सेक्स पर बात होनी चाहिए लेकिन मर्दानगी के भोंडे इश्तेहारों से नहीं और न ही इस होड़ से कि साबित करने निकलो कि तुम्हें सेक्स के बारे में औरत से ज़्यादा पता है!
पहले तमीज़ सीखो, औरत को सेक्सुअल आनंद दे पाना अभी तुम्हारे लिए दूर की कौड़ी है.
बीना सह्याद्रि-
सेक्स ऑर्गेज्म का हिस्सा हो सकता है, ऑर्गेज्म का टोटल नहीं। ऑर्गेज्म को हिंदी में चरम सुख के नाम से जाना जाता है, जबकि उसे आसान भाषा में ‘तृप्ति’ भी कह सकते हैं। यह तृप्ति सेक्स, खाना, घूमना, पहनना, देखना, पढ़ना, गपशप करना, किसी के साथ यूंही टहलते रहना, सनराइज/सनसेट को अकेले या किसी के साथ बैठकर बस निहारते रहना वगैरह किसी से भी मिल सकती है।
इस दुनिया में वो लोग भी एक्सिस्ट करते हैं जिन्हें सेक्स में दिलचस्पी नहीं होती, लेकिन वह फिर भी ऑर्गेज्म का आनंद लेते हैं। तरीके अलग हो सकते हैं।