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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश, दो माह के भीतर देना होगा मजीठिया वेतनमान

मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू ने करने संबंधी अवमानना के तीन मामलों की सुनवाई करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्‍यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरिमन की खंडपीठ ने सोमवार को ऐतिहासिक आदेश दिया। जैसे ही तीनों मामले उनके समक्ष सुनवाई के लिए पेश किए गए। उन्‍होंने वरिष्‍ठ वकील श्री कोलिन गोंजाल्विस से इस संबंध में पूछा।

मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू ने करने संबंधी अवमानना के तीन मामलों की सुनवाई करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्‍यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरिमन की खंडपीठ ने सोमवार को ऐतिहासिक आदेश दिया। जैसे ही तीनों मामले उनके समक्ष सुनवाई के लिए पेश किए गए। उन्‍होंने वरिष्‍ठ वकील श्री कोलिन गोंजाल्विस से इस संबंध में पूछा।

तीनों मामले एक ही जैसे थे और इससे पहले एक मामला इंडियन एक्‍सप्रेस का न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई के समक्ष आ चुका था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ देर तक दोनों न्‍यायमूर्तियों ने आपस में विचार किया और आदेश दिया कि दूसरी पार्टियां दो महीने के भीतर सुप्रीम कार्ट के फैसले का अनुपालन करें।

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अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी तय की गई है। सबसे पहले भास्‍कर इसके बाद दैनिक जागरण और तीसरे नंबर पर इंडियन एक्‍सप्रेस, चंडीगढ़ का केस था। कोर्ट नंबर दस में सुनवाई के दौरान भास्‍कर के कर्मचारियों की ओर से उनके वकील एचके चतुर्वेदी और दैनिक जागरण के कर्मचारियों की ओर से परमानंद पांडेय पेश हुए।

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0 Comments

  1. sanjay shukla

    October 16, 2014 at 2:31 am

    क्षेत्रीय पत्रकारों के लिए भी कुछ करिए ……..बेचारे हैं वे …|

  2. nagesh

    October 16, 2014 at 6:33 am

    ye aadesh keval wo teen paper walon keliye ? ya doosra publication ko bhi lagoo hai?

  3. purushottam asnora

    October 14, 2014 at 3:38 pm

    apne ko sansar ka no one ya pradesh ka nambar one kahne wale akhawarou ki nirljjata hi hai ki we apne ptrakarou gair ptrakarou ko majethiya aayog ki sifarishou k anusar vetan nhi de rahe hain. loot k ye samrajy SC ko bhi bargalane ki koshis kar rahe hain. apne ko 5wi sreni mai dhoshit karne wale akhawar samuh ka jhuth bhi samne aayega. sarkuletion our vighapan dar se ye benkab houge. kyoki uchi vighapan dar vasulane k dand bhi inhain milne chahiye. nyayalay ka lakh lakh dhanybad k in tuchche sansthanou ko okat yad aa rahi hai.

  4. akhilesh kumar

    November 22, 2014 at 2:35 pm

    इतने दिनों बाद भी मजीठिया कमेटी के संपूर्ण रिपोर्ट को किसी ने भी हिन्दी में प्रकाशित नहीं किया। जिससे कई समाचार पत्रों के कर्मी इसे समझने में अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं। कृपया आप सबों से निवेदन है कि पूरी रिपोर्ट को हिन्दी में ट्रांसलेट करके उपलब्ध कराएं ताकि नॉन इंग्लिश मीडिया वाले इसे पढ़कर व समझकर अपने साथ हो रहे पक्षपात पर आवाज उठा सकें।

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