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राजस्थान

मजीठिया पर आरटीआई से राजस्थान के समाचार पत्र मालिकों में खलबली

राजस्थान से प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी कर मजीठिया वोज बोर्ड लागू करने पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मांगने का कारण श्रम विभाग में लगी एक आरटीआई है जो इंडियन फेडेरेशन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष जगदीश जैमन ने लगा रखी है। इस आरटीआई के तहत राज्य के सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी किया है।

<p>राजस्थान से प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी कर मजीठिया वोज बोर्ड लागू करने पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मांगने का कारण श्रम विभाग में लगी एक आरटीआई है जो इंडियन फेडेरेशन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष जगदीश जैमन ने लगा रखी है। इस आरटीआई के तहत राज्य के सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी किया है।</p>

राजस्थान से प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी कर मजीठिया वोज बोर्ड लागू करने पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मांगने का कारण श्रम विभाग में लगी एक आरटीआई है जो इंडियन फेडेरेशन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष जगदीश जैमन ने लगा रखी है। इस आरटीआई के तहत राज्य के सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी किया है।

दूसरी तरफ नोटिस जारी होने से मीडियाकर्मीयों में खुशी की लहर है कि उन्हे मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलने की संबावना बढ़ गयी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फरवरी में आदेश दिया था कि सभी समाचार पत्र और न्यूज़ एजेंसियां मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करें।

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0 Comments

  1. Nitu Gupta

    July 4, 2014 at 5:42 pm

    Yes it is very serious matter I am also working with news paper Rajasthan Patrika which tell it self NO 1 but do not give majithia when some one go in supreme court and supreme court take action against them then we get majithia. I know then after also they will not pay full majithia but give half. Rajasthan Patrika is given very less salary.

  2. ravi kashyao

    October 2, 2014 at 11:49 am

    rajasthan patrika not give majithia wage board can u tell me please why cant action our court and politicion in this matter

  3. Nilesh

    September 14, 2015 at 3:28 pm

    Gulab ji,
    13.9.15 ka article,
    Article acha likhte hai, magar in articles main jo baatein likhi hai unko apne jivan main utar ker dekhiye.
    Main bhi is sanstha maim kaam kerta hu, sanstha ka working environment itna kharab hai ki koi kaam nahi kerna chahta.
    Jaipur jhalana main M. S. Chauhan naam ka kramchari itna kamiya or ganda hai ki iska transfer hubli ker dna chhaiya

  4. anjan

    April 29, 2016 at 3:07 am

    दैनिक भास्कर कोटा के न्यूज एडिटर हेमंत शर्मा की बेनामी सम्पत्तियों की जाँच एसीबी से होगी। शर्मा के शहर में एक दर्जन से अधिक भूखण्ड, हॉस्टल और पत्नी को विधवा बताकर बसंत विहार में नगर विकास न्यास से भूखण्ड लिया था। जिसमें खुद रहा है।

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