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मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश- राज्य सरकारें तैनात करें विशेष श्रम अधिकारी, तीन माह में स्टेटस रिपोर्ट दें

SC orders state labour commissioners to submit Majithia wage boards implementation report in 3 months

नई दिल्ली : मंगलवार 28 अप्रैल को मजीठिया वेतनमान से संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट में आज बहस हुई। वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विज, परमानंद पांडे, उमेश शर्मा ने जबर्दस्त दलीलें पेश कीं। करीब 45 मिनट की बहस के बाद न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ ने राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वे एक महीने में एक विशेष श्रम अधिकारी की नियुक्ति करें। यह विशेष अधिकारी नियुक्ति के तीन महीने के भीतर मजीठिया वेज क्रियान्वयन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई राज्यों के विशेष श्रम अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही होगी। 

SC orders state labour commissioners to submit Majithia wage boards implementation report in 3 months

नई दिल्ली : मंगलवार 28 अप्रैल को मजीठिया वेतनमान से संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट में आज बहस हुई। वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विज, परमानंद पांडे, उमेश शर्मा ने जबर्दस्त दलीलें पेश कीं। करीब 45 मिनट की बहस के बाद न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ ने राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वे एक महीने में एक विशेष श्रम अधिकारी की नियुक्ति करें। यह विशेष अधिकारी नियुक्ति के तीन महीने के भीतर मजीठिया वेज क्रियान्वयन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई राज्यों के विशेष श्रम अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही होगी। 

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उल्लेखनीय है कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की तीस याचिकाओं पर पिछले माह मार्च में सुनवाई हुई थी। वे सभी नए मामले थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आभास हो गया था कि मालिक असंगठित कर्मचारियों का हक मारने के लिए रोज अब नए हथकंडे अपना रहे हैं। अखबार मालिक केस को लंबा खींचना चाहते हैं। गौरतलब है कि 13 मई से 28 जून तक सुप्रीम कोर्ट में अवकाश रहेगा।

मंगलवार को आज आठ नंबर अदालत में आइटम नंबर 2 के तहत सूचीबद्ध मजीठिया से संबंधित मामलों में सबसे अधिक दैनिक भास्‍कर के रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ 18 मामले, दैनिक जागरण के संजय गुप्‍ता और महेंद्र मोहन गुप्‍ता के खिलाफ 11 मामले, प्रभात खबर के खिलाफ एक मामला, इंडियन एक्‍सप्रेस के खिलाफ तीन मामले, राजस्‍थान पत्रिका के खिलाफ छह मामले और हिंदुस्तान के खिलाफ तीन मामले हैं। दायर मामलों में एक केस नंबर 570 ऑफ 2014 टाइम्‍स ऑफ इंडिया के प्रबंधन के खिलाफ है। इस पर भी आज सुनवाई हुई। 

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आज के फैसले पर यह विश्लेषण भी पढ़ें:

मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश मालिकों के पक्ष में है या मीडियाकर्मियों के? …एक विश्लेषण

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0 Comments

  1. Vashishta

    April 28, 2015 at 11:17 am

    Bhai sahab. aaj to hum patrakaro se dhoka hua hai. Court ke saamne ek bhi example nahi de paye apne vakil ki kitna milna chaiye. Court ne yeh bhi bola ki lack of details ke karan yeh dismiss hona chaiye par bat kai hazar patrakaron ka hai issliye hum hi karwate hain.

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