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‘आजतक’ के एंकर निशांत चतुर्वेदी ‘मनुस्ट्रीम’ मीडिया के सदस्य हैं!

Mukesh Yadav : आजतक के नामधारी संपादक चतुर्वेदी जी की बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी पर ऐसी टिप्पणी क्या बताती है? क्या आप इनसे मोदी गैग के किसी नेता पर ऐसी टिप्पणी की उम्मीद कर सकते हैं? किसी ने सही कहा है कि आज भी मैनस्ट्रीम मीडिया पर मनुस्ट्रीम मीडिया हावी है! नहीं?

Jayant Jigyasu : Nishant Chaturvedi ji, you might have read the newsroom diversity survey, 2006, done by Anil Chamadia, Jitendra Kr. and Yogendra Yadav. People like you are the product of that psyche which re-enforces the pre-existing system, and advocates to maintain the status quo. Rabri ji broke that.

Rohini Acharya : निशांत चतुर्वेदी तुम्हारी हैसियत नहीं की मेरी माँ के संदर्भ में कुछ बोल सको. तुम चाटुकार हो , चमचे हो , पत्तलकार हो तुम नीच हो और गिरे हुए हो. अपने कलम को संघियों के सामने गिरवी रख के तुम उसकी कमाई खा रहे हो. इसलिए ज्यादा भौंको मत. राबड़ी देवी जी एक ऐसा नाम है जिसने पति, बच्चे, वैवाहिक जीवन, ढेर सारे दबाव को सहते हुए परिवार को संभाला. जिम्मेदारी संभाली. बिहार का नेतृत्व किया. मुख्यमंत्री की कुर्सी को सुशोभित की. तुम्हारा मेरी माँ के प्रति छोटा बयान यह दर्शाता है कि संघियों के गोद में जाकर तुमलोगों ने अपने स्तर को कितना नीचे गिरा दिया है. मैं तुम जैसे पत्रकारों को मक्खी समझती हूँ. अभी बच्चे हो. जब अदब और लहजा सीख जाओगे तब मुँह खोलना. वरना किसी सच्चे बिहारी के फेर में फसे तो जबड़ा फाड़ देगा. चतुर्वेदी तुम्हारे परवरिश में मुझे वायरस नजर आ रहा है. तुम किसी इन्फेक्टेड वायरस के शिकार हो गए थे , तभी इस तरह की बात उगलते हो. आगे से थोड़ा दायरे में रहना. समझे.

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Manish Yadav : निशांत चतुर्वेदी। आप महोदय आजतक पर 10 मिनट में 100 खबर पढ़ते हैं। और ऐसे पढ़ते हैं कि हिंदी की चिन्दी उड़ा दें। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये पढ़े लिखे नहीं है। अब राबड़ी जी ने ट्वीट किया या करवाया, इनका पत्रकार वाला खुफिया दिमाग टन्न से काम किया और एक सस्ती मसखरी कर डाली। इस देश में नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, संपादक, पत्रकार बनने के लिए पढ़ा लिखा होना कतई जरूरी नही है। हो सकता है या हुआ ही हो राबड़ी जी का ट्वीट दूसरे ने टाइप किया हो। इसका मतलब ये तो नहीं वो अपनी बात नहीं रखें।

हमारे गांव में, घर में, देश में तमाम ऐसी महिलाएं है। जो पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन अपने परिवार को बहुत आगे ले गयी हैं अपने धैर्य से..अपने मैनेजमेंट की मदद से। लेकिन आपने जो अपना कमेंट किया है वो ये दर्शाता है कि आपने पढ़ लिख के भी कुछ हासिल नहीं किया। सिवाय कुछ कागज के टुकड़ों के। क्या इस देश में कोई महंगाई पर सवाल करेगा तो उससे जीडीपी का फुलफार्म पूछा जाएगा? क्या इस देश में कोई नोटबन्दी, जीएसटी पर सवाल करेगा तो इससे ये बोला जाएगा कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में अंतर बताओ।

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चतुर्वेदी आपने जो कमेंट किया है उसमे आपका सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं आपका फ्रस्टेशन शो कर रहा है। आपने मात्र कमेंट नहीं किया है आपने उन तमाम महिलाओं का उपहास उड़ाया है जो सवाल कर रही हैं या करने की कोशिश कर रही हैं। आज भी हमारे आस पास जब घर की महिलाएं परिवार में कोई सुझाव देंती हैं तो पुरुष समाज उसको या तो निगलेक्ट कर देता है या डांट कर चुप करा देता है कि चुप रहो तुम क्या जानती हो? आपने अपने ट्वीट में सिर्फ यही किया है… उन महिलाओं का उपहास उड़ाया है जो समाज के साथ उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाह रही हैं। राबड़ी जी भले अनपढ़ हैं लेकिन आपने अपनी पूरी पढ़ाई,लिखाई सब का सब इसी ट्वीट में डुबो के रख दिया। देश को बधाई की उन्हें निशांत की शिक्षा और नैतिक शिक्षा दोनों के निम्न स्तर का पता चला।

CBS Yadav : राबड़ी देवी जी को “ट्विटर” कहना नही आएगा, ऐसा “आज तक” के निशांत “चतुर्वेदी” जी बोलते हैं… जाति का दम्भ कितनी दूर तक हिलोरे मारता है इसकी एक बानगी भर है श्रीमान निशांत “चतुर्वेदी” जी का ट्वीट जिसमे वे आदरणीय राबड़ी देवी जी(पूर्व मुख्यमंत्री-बिहार) के बारे में लिखते हैं कि “अच्छा जी राबड़ी देवी जी भी ट्वीट करती हैं… कोई इनसे बोले कि ये बस तीन बार ट्विटर बोल कर बता दें।”

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ये निशांत चतुर्वेदी जी “चतुर्वेदी” हैं। चतुर्वेदी मतलब चतुर हैं चारो वेदों के जानने वाले हैं। भई चतुर्वेदी जी! होंगे आप चारो वेदों के ज्ञाता या नही होंगे ज्ञाता, इससे हमें क्या लेकिन राबड़ी देवी जी के पासंग में भी आप नही होंगे, यह निश्चित है। आप “आज तक” न्यूज चैनल में हैं। आपका दृष्टिकोण बता रहा है कि कितना जहर भरा है आपके दिल व दिमाग मे इस देश के वंचितों / पिछड़ों / महिलाओं के प्रति। न्यूज रिपोर्टिंग के क्षेत्र में या न्यायपालिका के क्षेत्र में कोई हो उसका चरित्र जातिवादी तो नही ही होना चाहिए लेकिन यह भी सही है कि जब आप चतुर्वेदी हैं तो न्यायिक / समतावादी चरित्र नही ही होगा। आप जातीय / नस्लीय दुर्भावना से ग्रस्त रहेंगे ही रहेंगे। न्यायिक व बड़ी से बड़ी बलि देने का चरित्र बलि के खानदान वालो में ही होगा न कि बामन भगवान के आप जैसे चतुर्वेदी में।

निशांत जी! समझिए परिस्थितियां क्योंकि अब जातीय निशा का अंत हो रहा है। ब्राह्मणवाद का निशांत होने वाला है, समतावाद का सूर्योदय होने को आतुर है। आसमान में इस असमानता का “निशांत” ही राबड़ी देवी जैसी अहीरिन के अभ्युदय का कारण है जो आपको पीड़ा प्रदान कर रहा है।

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निशांत चतुर्वेदी जी! आपके जीवन का निशांत हुवा या नही यह तो आप जाने लेकिन वर्तमान अम्बेडकरी भारतीय सँविधान ने जरूर पिछड़ों / दलितों / महिलाओं के जीवन मे मनुवाद रूपी रात्रि का विनाश कर ऊर्जावान सूर्य का उदय कर दिया है। आप जैसे मनुवादियों के अंदर इस बात की अकुलाहट है कि मनुवाद की निशा क्यो कायम नही है जबकि राबड़ी देवी जैसी हजारो वर्ष से पछाड़ी गयी असंख्य महिलाओं, लालू जी जैसे अनगिनत वंचित समाज के पुरुषों में चहचहाहट है कि अब निशांत हो हरेक दिशांत में रोशनी आने लगी है। आप जैसे द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी आदि पर राबड़ी, लालू, भगवतिया, तूफानी, खचेड़ू जैसे लोग भारतीय संविधान के कारण दहाड़ने लगे हैं और आप जैसे विचारे अपनी लाचारी, बेबसी का इजहार राबड़ी जी पर किये गए ट्वीट की तरह ट्वीट कर व्यक्त कर मन मसोस कर रह जा रहे हैं।

राबड़ी जी ट्वीट नही कह पाएंगी, ऐसा निशांत चतुर्वेदी जी आप सोचते हैं लेकिन आप की चौंधियाई हुई आंखे लालू व तेजस्वी के तेज को नही देख पा रही है जिनके एक इशारे पर पूरा बिहार व देश उबलने को तैयार बैठा है। कोई कोल्ड ड्रिंक पीजिए, मन-मस्तिष्क ठंडा करिए,समय से समझौता करना सीखिए क्योकि अब चतुर्वेदी जी बहुजन जाग रहा है कुम्भकर्णी निद्रा से।राबड़ी देवी जी को आंक व माप पाना आप जैसो के बूते में नही है। बस ऐसी टिप्पड़ियों से आपको बचना चाहिए क्योंकि यह रामराज का काल नही है, यह सँविधान राज / अम्बेडकर वाद का काल है।

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Nitesh Tripathi : राबड़ी देवी ने आज निशांत की कह कर ले ली. लेकिन राबड़ी को जिस बात का गुमान है उसपर बहुत इतराने की जरूरत नहीं है देवी जी. बिहार का दुर्भाग्य था कि आप जैसे भैंस चरवाहों को सत्ता पर काबिज होने का मौका मिला. उम्मीद है बिहार फिर फिर वो गलती नहीं दोहराएगा. और ये पूरे दावे से कह सकता हूं कि ये ट्वीट भी आप नहीं कर रही हैं, क्योंकि काला अक्षर भैंस बराबर… आपसे न हो पाएगा.

Sahul Pandey : आजतक के पत्रकार निशांत चतुर्वेदी पर राजद ट्रॉल्स का हमला, इनके ट्वीट में ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन सबने इसे जातिवादी बना दिया, ये कैसे नफरत है, की अगर कोई व्यक्ति कुछ बात लिखे तो उसके नाम मे लगा टाइटल देख लो और फिर उसे जातिवादी, नारी का अपमान करनेवाला, रेसिस्ट, ये सब तमगे ठोक दो, असली जातिवादी को है? निशांत ने अपने ट्वीट को लेकर माफी भी मांग ली लेकिन साफ कहा कि इसमें कोई जातिवादी बात नहीं है, लेकिन फिर भी लगे पड़े हो, जैसे कि एक अनपढ़ व्यक्ति सिर्फ एक विशेष जाति का ही हो सकता है।

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सौजन्य : फेसबुक

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आज तक का संपादक निशांत चतुर्वेदी पुराना कुकर्मी है : दिलीप मंडल

अपनी जाति के सामाजिक अहंकार से ग्रस्त एंकर निशांत चतुर्वेदी गोदी मीडिया के चापलूस हैं : रवीश कुमार

https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/2440369262916015/
1 Comment

1 Comment

  1. naseem

    May 3, 2019 at 4:35 pm

    चतुर्वेदी को मारो चप्पल चार
    तब करेगा औरत का सत्कार

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