लखनऊ। एक राज्य स्तरीय पत्रिका का ब्यूरो चीफ पुनीत अवस्थी अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का मास्टर माइंड है। विकलांग पत्रकार पुनीत अवस्थी के एक इशारे पर गिरोह के लोग कैंची की मदद से मिनटों में वाहन का ताला खोलकर उसको गायब कर देते थे। यह लोग ट्रैक्टर व कार के साथ बाइक गायब करते थे। लखनऊ की गुडंबा पुलिस ने छह ऐसे वाहन चोरों को गिरफ्तार किया। गिरोह का सदस्य वाहन स्वामी की रेकी करके साथियों को उसकी जानकारी देता था। दो सदस्य वाहन चोरी कर खाली प्लॉटों में छिपा देते थे और मौका मिलते ही उन्हें मास्टरमाइंड की मदद से बेच देते थे। अभियुक्तों के कब्जे से चार बाइक, एक ट्रैक्टर, हुंडई व बोलेरो समेत पांच चौपहिया वाहन बरामद मिले हैं। गिरोह के सदस्य पुलिस से बचने के लिए चोरी के वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर उनका इस्तेमाल करते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपियों में हरदोई निवासी गिरोह का सरगना मनोज कुमार यादव, विजय कुमार, संदीप, लखीमपुर निवासी प्रेम किशोर, मनीष मिश्रा, नितीश त्रिवेदी हैं। सरगना वाहन चोरी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है, वह गोमतीनगर थाने का वांछित अभियुक्त भी है। चोरी के वाहन बिकवाने वाला गिरोह का मास्टर माइंड सीतापुर निवासी पुनीत अवस्थी खुद को एक मैगजीन का ब्यूरो चीफ बताता है। सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद से वह बिस्तर पर है। प्रेम किशोर भी खुद को एक तथाकथित समाचार पत्र का पत्रकार बताता है। मास्टरमाइंड चोरी के वाहनों को दस से 50 हजार की धनराशि में लखीमपुर व लहरपुर के कबाड़ियों को बेच देता था। आरोपियों के कब्जे से कई चाभी के गुच्छे भी बरामद किए गए हैं। गिरोह के सदस्यों ने लखनऊ के अतिरिक्त हरदोई, हरियाणा, सतना, सीतापुर, गाजियाबाद, जयपुर, मध्य प्रदेश व राजस्थान में भी चोरी की घटनाएं कबूल की हैं। अभियुक्तों ने जेसीबी, कार, ट्रैक्टर व ट्रक भी चुराकर बेचे हैं। शेष वाहनों की बरामदगी के लिए पुलिस टीम भेजी गई है।
आरोपियों ने तीन महीने पहले लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र से तीन ट्रक चोरी किए थे। एक ट्रक खराब होने पर उसे सीतापुर में सड़क किनारे छोड़ दिया था। बालागंज से एक छोटा मैजिक व मड़ियांव से एक जेसीबी मशीन चोरी करने के साथ-साथ हरदोई में लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया इस वाहन चोर गिरोह का मास्टरमाइंड राज्य स्तर की एक पत्रिका का ब्यूरो चीफ है। उसके गर्दन के नीचे के हिस्से में हरकत नहीं होती है। उसने गिरोह के सदस्यों से फोन पर बात कराने के लिए एक ऑपरेटर रखा है। चलने-फिरने में असमर्थ होने के बावजूद उसे कई लोगों के नाम और मोबाइल फोन नंबर मुंह जबानी याद हैं। तीन वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद से मास्टरमाइंड बिस्तर पर है। पुलिस ने उसे भी जेल भेजने की बात कही है। एक अभियुक्त ने बताया कि वाहन चोरी में पकड़े जाने पर उसने सीतापुर के एक इंस्पेक्टर को 15 हजार रुपये दिए थे, जिसके बाद इंस्पेक्टर ने उसे छोड़ दिया था।
राहुल
July 29, 2014 at 11:56 am
सीतापुर की तरह पुरे प्रदेश में बहुत सारे दलाल व् अपराधिक किस्म के लोग पत्रकारिता की आड़ में अपने मंसूबो को कामयाब कर रहे है जरुरत है एक अभियान चला कर ऐसे लोगो को चिन्हित करने का ..बहुत से पत्रकार जिन पर गंभीर धाराओ में मुक़दमा दर्ज है और वे पत्रकारिता की चादर ओढ़े हुवे है . और बड़े शान से अधिकारियो की चाय पिने व् बाइट लेने से गुरेज नहीं करते….
vinay
July 29, 2014 at 12:00 pm
जिला अधिकारी व् पुलिस अधिकारी को चाहिए की बारीकी से से जिला स्तर से लेकर उनके हेड ऑफिस तक फ़ोन या मेल या फैक्स कर उनके बारे में जानकारी ली जाय की ये पत्रकार है भी की नहीं .फर्जी पत्रकार बन बैठे है अधिकारियो पर अपना रौब ज़माने के लिए ..