पीड़ित पत्रकार सोमेंद्र भारद्वाज की तहरीर नहीं हुई दर्ज, पत्रकारों में रोषमथुरा में पत्रकारों का उत्पीड़न हो हो रहा है जिससे प्रदेश भर के पत्रकारों में रोष व्याप्त है. जिला सूचना अधिकारी सुरजीत सिंह द्वारा ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा आज की रिपोर्ट दर्ज थाना सदर में कराई गई है. सूचना अधिकारी के खिलाफ भी गत दिवस पत्रकार सोमेंद्र भारद्वाज द्वारा तहरीर दी गई थी. इसको अभी तक दर्ज नहीं किया गया है. इस प्रकरण को लेकर के पत्रकारों में काफी रोष व्याप्त है.
ब्रज प्रेस क्लब अध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु ने कहा के सूचना अधिकारी सुरजीत एवं सहायक सूचना अधिकारी की मनमानी के खिलाफ वह हर स्तर पर आवाज उठाएंगे. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर आवाज को दबाया नहीं जा सकता. पत्रकारों का उत्पीड़न किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए.
श्री उपमन्यु ने बताया कि मथुरा जनपद में गत कई वर्षों से 2 दर्जन से अधिक मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और 200 के करीब पत्रकार पत्रकारिता से जुड़े हैं. मेरी भी बहुत वर्षों से सरकारी मान्यता है. जिले में पंजाब केसरी का जिला प्रभारी हूं. इस वर्ष प्रशासन द्वारा जिला स्तरीय अस्थाई पत्रकार समिति में मनोनीत भी किया गया हूं.
जिले में कार्यरत सूचना अधिकारी सुरजीत सिंह एवं उनके ही निकट के रिश्तेदार जिला सहायक सूचना अधिकारी द्वारा पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इसी कड़ी में संपादक के लेटर होने के बावजूद कई पत्रकारों की जो मान्यता चली आ रही थी, उसे मनमाने ढंग से निरस्त कराया गया है. इस विषय को लेकर जब हम सूचना अधिकारी से मिले और इस संबंध में हमने सूचना निदेशक श्री शिशिर जी और प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी जी को अवगत कराया किंतु समस्या का समाधान नहीं हुआ.
उल्टे सूचना अधिकारी सुरजीत ने मेरे खिलाफ सदर थाना जिला मथुरा में एक तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया है कि मैंने सरकारी कार्य में बाधा डाली और धमकाया. यह पूरी तरह मनगढ़ंत कहानी है. इससे पत्रकारों में रोष है. मैंने उच्च अधिकारियों और जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वह अपने स्तर से इसकी जांच कराएं. जिन पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ था, उनमें से एक पत्रकार सोमेंद्र भारद्वाज ने थाने में तहरीर दी. लेकिन उसका मुकदमा दर्ज नहीं हुआ क्योंकि वह सूचना अधिकारी के खिलाफ था.
विमलेश तिवारी
April 11, 2019 at 7:49 pm
वाकई में बहुत ही दुखद है चौथे स्तंभ पर प्रशासनिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति इस प्रकार से हमले करवाने का दोषी है उस प्रशासनिक व्यक्ति सूचना अधिकारी पर तत्काल सरकार को कार्यवाही करके उसे इस दायित्व से मुक्ति दी जाए ताकि इस प्रकार के भ्रष्ट कर्मियों से समाज को एवं समाज में सच्चाई का लेखन करने वाले पत्रकारों का शोषण ना हो जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस बात को तुरंत संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उनके वेतनमान जनता के पैसे से निकलते हैं और वह सब जनता के प्रति जवाबदेह हैंl