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मजीठिया वेज बोर्ड एरियर: न्याय क्षेत्र चुनने को मौजूद हैं विकल्प

मजीठिया वेज बोर्ड के तहत एरियर क्लेम करने वाले साथी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वे क्लेम कहां करें। इसके लिए वर्किंग जर्नलिस्ट (कंडिशन ऑफ सर्विसेज) एंड अदर मिस्लिनियस प्रोविजन्ज रूल्ज 1957 की धारा 36 में स्पष्ट किया गया है। एरियर क्लेम करने के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 की धारा 17 के तहत श्रम विभाग के जरिये प्रदेश सरकार के समक्ष आवेदन किया जाता है।

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मजीठिया वेज बोर्ड के तहत एरियर क्लेम करने वाले साथी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वे क्लेम कहां करें। इसके लिए वर्किंग जर्नलिस्ट (कंडिशन ऑफ सर्विसेज) एंड अदर मिस्लिनियस प्रोविजन्ज रूल्ज 1957 की धारा 36 में स्पष्ट किया गया है। एरियर क्लेम करने के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 की धारा 17 के तहत श्रम विभाग के जरिये प्रदेश सरकार के समक्ष आवेदन किया जाता है।

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वर्किंग जर्नलिस्ट रूल्स की धारा ३६ कहती है कि एरियर के लिए आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता अपने न्यौक्ता समाचार पत्र स्थापना के हैड क्वार्टर के पते को न्याय क्षेत्र या अधिकार क्षेत्र बना सकता है। इसके अलावा समाचार स्थापना के उस केंद्र या ब्रांच के पते को भी आधार बनाकर आवेदन किया जा सकता है, जहां आवेदनकर्ता कार्य कर रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी समाचार पत्र का हैडआफिस चंडीगढ़ में है और इसका कर्मचारी हिमाचल के जिला मुख्यालय कुल्लू में तैनात किया गया है तो उसके लिए आवेदन के दो क्षेत्राधिकार बन जाएंगे।

इस कर्मचारी का एक न्याय क्षेत्र या अधिकार क्षेत्र कुल्लू होगा और दूसरा चंडीगढ़। लिहाजा यह चयन उसे करना है कि वह कुल्लू को अपना कार्यक्षेत्र मानते हुए वहां के श्रम कार्यालय के माध्यम से धारा 17 के तहत एरियर क्लेम करे या फिर केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ में स्थित अपने मुख्य कार्यालय को आधार बनाकर वहां के श्रम विभाग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करे।

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वर्किंग जर्नलिस्ट रूल्स की धारा 36 में न्याय क्षेत्र को लेकर साफ लिखा गया है। यह प्रावधान भी न्यायालयों के आदेशों के तहत ही किया गया है। कई समाचार पत्रों में ऐसा है कि इनके मुख्य कार्यालय से ही कर्मचारी की नियुक्ती के आदेश जारी होते हैं। इसके साथ ही तबादला आदेशों के जरिये उसे मुख्य कार्यालय के तहत आने वाले केंद्रों या जिला/उपमंडल कार्यालयों में भेजा जाता है। इन्हें हम धारा 36 के तहत ब्रांच मान सकते हैं।

इतना ही नहीं बड़े समाचार पत्रों में तो हैड ऑफिस किसी ओर राज्य में होता है और अन्य कई राज्यों में उसकी यूनिटें होती हैं। इन यूनिटों के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में या विभिन्न राज्यों में कार्यालय या ब्रांचें खोलकर कर्मचारी तैनात किए जाते हैं। ऐसे में इस तरह के समाचार पत्र प्रतिष्ठान के कर्मियों को आदेवन के लिए अपना न्याय क्षेत्र या अधिकार क्षेत्र चुनने के दो से ज्यादा विकल्प मौजूद रहते हैं। वह अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से एक विकल्प चुन सकता है।  

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Ravinder Aggarwal
Senior Journalist
[email protected]

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0 Comments

  1. mannulal

    July 6, 2016 at 6:00 pm

    Aisi badhiya jankari dene ke liye Ravindra ji aur Bhadas ke Yashvant ji ko badhai….

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