Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

कर्मचारियों को प्रताड़ित करने वाले मीडिया हाउसों का सरकारी विज्ञापन रोकें!

कोरोना के चलते लाकडाउन में जागरूक लोग मीडिया पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. ऐसे जागरूक लोग वर्तमान में मीडिया हाउस में क्या चल रहा है, उस पर भी अपनी राय दे रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से देश में हर सेक्टर प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद हर सेक्टर के लोग, चाहे वह उद्योग जगत हो, फिल्म जगत हो, या क्रिकेट जगत हो, अपनी शक्ति अनुसार लोगों की मदद के साथ-साथ पैसे डोनेट कर सरकार की भी मदद कर रहे हैं।

लेकिन कुछ मीडिया हाउस अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं या उनकी सैलरी काट रहे हैं या सैलरी रोक रहे हैं। इसके अलावा देखने में यह भी आ रहा है कि मीडिया हाउस अस्थाई कर्मचारियों को निकाल रहे हैं। जो स्थाई हैं उन्हें जबरन कांट्रैक्ट बेसिस पर रख रहे हैं। यह पूरी तरह से इस संकट की घड़ी में मानवता के खिलाफ है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दूसरी तरफ जिस आर्थिक मंदी का हवाला देकर मीडिया हाउस ऐसा कृत्य कर रहे हैं, वही मीडिया हाउस आज भी ईपेपर या डिजिटल न्यूज़ के माध्यम से मार्केट में बने हुए हैं, साथ ही उन्हें सरकारी विज्ञापन भी मिल रहे हैं। ऐसे में मीडिया हाउस का अपने कर्मचारियों के उत्पीड़न का कुकृत्य उचित नहीं कहा जा सकता।

देश के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने जो अपील की थी कि कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को नौकरी से ना निकाले, उसका खुला उल्लंघन हो रहा है। नियम फालो न करने वाले ऐसे मीडिया हाउसों का सरकारी विज्ञापन रोकना बिल्कुल न्यायोचित होगा। देश के जागरूक लोग इन बातों से प्रधानमंत्री को ट्विटर के जरिए संदेश भेज कर सचेत भी कर रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

शशिकांत सिंह
वाइस प्रेसिडेंट
न्यूज़ पेपर एम्प्लॉयज यूनियन ऑफ इंडिया और मजीठिया क्रांतिकारी
Mo.9322411335

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. RamVeer singh

    April 20, 2020 at 4:20 pm

    राजस्थान पत्रिका तो शुरू से ही देश का एक नंबर का दोगला अखवार है और इसके संपादक महोदय तो बस पूंछो मत इतने महान है कि इनके बारे में जितने तारीफ की जाय थोड़ी हैं लॉक डाउन एक जब प्रधान मंत्री मोदी ने सभी मीडिया घरानो से बात की तो इस महान लेखक को भी बहती गंगा में हाथ धोने का अबसर मिलगया बस फिर के जनाब मोदी जी दो ज्ञान बाँटने लगे
    जंहा एक तरफ भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई भी संसथान अपने कर्मचारी का वेतन नहीं कटेगा परन्तु इस महान पत्रकार जिसने आज तक अपने कर्मचारियों को मजीठिया बेज बोर्ड के अनुसार वेतन तक नहीं दिया जो की नवंबर 2011 से देना था उलटा मार्च 20 का वेतन काटकर सभी कर्मचारियों को 15000.00 दे दिए और अपने सम्पादकीय में राज्य के दानदाताओं के गुणगान करने लगा इससे से साफ हैं की अपने कमी को छिपाने के लिए देश के नामी उद्योगपतियों के गीता गाने लगा अरे दुनिया को ज्ञान बाँटने बाले सपादक महोदय जरा अपने ग्रहवान मैं भी झांको की तुम कितने उदारवादी हो साथ ही जो पुरे देश में तुमने पत्रिकारिता की आड़ में अनाप सनाप सम्पति खरीद कर रखी हैं साथ आज जिन कर्मचारियों के बल पर इस मुकाम पर पंहुचे हो वो अपने इन दो औलादो के बल पर नहीं और ने ही अपने बल पर आज उन्ही कर्मचारियों के पसे काट रहो दुब मरो चुल्लो भरपानी में अगर थोड़ी भी शर्म बची हो बेसे तो तुम नंबर एक भृष्ट हो फिर भी अपने आप को बहुत बड़ा ईमानदार बनते इस तरह संपादक जी आप राज्यसभा मैं नहीं पंहुच पाओगे उसका नाम नरेंद्र मोदी हैं तुम्हारे जैसे बहुत मिलते हैं

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement