Yashwant Singh : मूर्ख भाजपाइयों और भक्तों को बता दें कि जब वो चुप्पी मारे बिल में थे तब भी हम लोग सत्ता के खिलाफ लिखते थे और सीना ठोक कर लिखते थे. ये स्टोरी भड़ास के तब कंटेंट एडिटर रहे Anil Singh ने तैयार की थी और जून 2011 में तब प्रकाशित किया था भड़ास पर जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी और आदरणीया सोनिया जी सर्वेसर्वा हुआ करती थीं. मीडिया का काम ही सत्ता में बैठे लोगों की कुनीतियों और कदाचारों का खुलासा होता है.
अब ये और बात है कि आजकल चलन बदलने लगा है और मीडिया का मतलब सत्ता की दलाली हो गया है. सच्चा पत्रकार वही जो सत्ता के खिलाफ ताल ठोक के, बिना डरे सब कुछ लिख डाले, सच सच, बिना अंजाम की परवाह किए. मरना तो सबको एक बार है. बार बार मर मर कर जीना क्या. पुरानी स्टोरी का लिंक इसलिए शेयर कराया ताकि भक्तों, चापूलसों, मूर्खों को यह बता सकूं कि तुम जब दुम दबाए बैठे थे, तब भी हम लोग सत्ता प्रतिष्ठानों और दलाल मीडिया घरानों से टकराते थे और उसके नतीजे में थाना पुलिस जेल तक गए, लेकिन हौसला कम नहीं हुआ, बल्कि और बढ़ गया.
अगर सोनिया गांधी के विदेशी बैंक में काला धन के बारे में उनके सत्ता में रहते लिखने का हौसला है तो सत्ता में रहते नरेंद्र मोदी और केजरीवाल के खिलाफ भी लिखने का उतना ही दम है और लगातार लिख भी रहे हैं. कम अक्ल वाले अपढ़ और गालीबाज भक्तों को स्मृति दोष व दूरदृष्टि की बामारी हो तो हम क्या करें.
भड़ास पर छपी स्टोरी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :
http://news.bhadas4media.com/yeduniya/49-swiss-magzine-swiss-bank-report
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
manoj
March 12, 2016 at 4:51 pm
Dear Yashvant ji, ye to aapka gutts hi hai ki aap kissi se “Dartey” Nahi… Tabhi to “Majithia Wage Board” ke Workers ke Paksh me aap Saarey Dalal Malikon ke Khilaaf Akele Likh rahey hain aur chhap rahey hain… Hum sabhi aabhari hain aapke…
Ek baat ye Poochhna chah raha hun ki “Swiss Bank me Sonia…..” wali khabar jab main FB per dalna chah raha hun to yah “Paste” le nahin raha, jabki Sri Anil Singh, Editor Bhadas ka Lekh le Liya…..!? Apka 12th March yani aaj wali khabar kyon nahin copy-paste ho raha?
Regards