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मीडिया ने देश का मुंह काला कर दिया, माफी मांगे : आजम खां

लखनऊ के पत्रकार तो जैसे ढोलक हो गए हों. जब चाहे जो चाहे, बजा दे रहा है. कभी अखिलेश तो कभी आजम. ये जुगलबंदी जमकर मीडिया को फुटबाल की तरह यहां से वहां पीट दौड़ा रही है. आजम खान ने फिर मीडिया पर विष वमन किया है. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने लखनऊ में मीडिया को जमकर लताड़ते हुए आरोप लगाया कि मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर देश का मुंह काला कर दिया है, इसके लिए मीडिया देश से माफी मांगे.

<p>लखनऊ के पत्रकार तो जैसे ढोलक हो गए हों. जब चाहे जो चाहे, बजा दे रहा है. कभी अखिलेश तो कभी आजम. ये जुगलबंदी जमकर मीडिया को फुटबाल की तरह यहां से वहां पीट दौड़ा रही है. आजम खान ने फिर मीडिया पर विष वमन किया है. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने लखनऊ में मीडिया को जमकर लताड़ते हुए आरोप लगाया कि मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर देश का मुंह काला कर दिया है, इसके लिए मीडिया देश से माफी मांगे.</p>

लखनऊ के पत्रकार तो जैसे ढोलक हो गए हों. जब चाहे जो चाहे, बजा दे रहा है. कभी अखिलेश तो कभी आजम. ये जुगलबंदी जमकर मीडिया को फुटबाल की तरह यहां से वहां पीट दौड़ा रही है. आजम खान ने फिर मीडिया पर विष वमन किया है. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने लखनऊ में मीडिया को जमकर लताड़ते हुए आरोप लगाया कि मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर देश का मुंह काला कर दिया है, इसके लिए मीडिया देश से माफी मांगे.

आजम के मुताबिक मीडिया के कारण देश को बहुत घाटा पहुंचेगा, मीडिया ने अनर्थ किया है. टीआरपी बढ़ाने के लिए मीडिया महीनों तक मुजफ्फनगर दंगे लाशें दिखाता रहा. मीडिया का तो यह हाल है कि खुद जांच करेंगे, रिपोर्ट लिखेंगे और फैसला भी खुद ही करेंगे. मीडिया को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. मुजफ्फरनगर दंगे पर आजम ने कहा कि मीडिया ने जलते हुए घर एवं बलात्कारियों को नहीं दिखाया, क्योंकि इसमें उनकी टीआरपी नहीं बढ़नी थी. मीडिया में यह बड़ी गलतफहमी है कि सरकारें पलट देते हैं. मीडिया ने सरकार बनाना व खत्म करना शुरू कर दिया है. वह जो चाहें करें या लिखें.

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आजम खान ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग चाहे राज्यपाल हों या राष्ट्रपति उनको अपनी सीमा में रहना चाहिए. उनकी सीमाएं होती हैं. बेहतर होता राज्यपाल राम नाईक अयोध्या के राम मंदिर मामले में अपने वकार के ऐतबार से बात करते. उन्होंने कहा कि राज्यपाल राम नाईक को सूबे की कानून-व्यवस्था तथा विकास के बारे में बोलना चाहिए. महामहिम की जिम्मेदारी सरकार से ज्यादा है.

आजम ने खुद की तारीफ करते हुए कहा कि लोग मुझे जितना बुरा समझते हैं, हम उतने बुरे नहीं हैं. बोले- मैं पाखंडी नहीं हूं, झूठ नहीं बोलता, हराम का एक पैसा मेरे शरीर में नहीं है. देश लूटने वाले, काले धन जमा करने वाले अगर देशभक्त हैं तो मैं ऐसे लोगों को सैल्यूट करता हूं.  आजम ने मुलायम के जन्मदिन कार्यक्रम के रामपुर में आयोजन के खर्च पर तालिबानी रुपये लगे होने के विवादित बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा लगातार 20 दिनों से मीडिया ने तंग कर दिया था,  इस कारण ऐसा करारा जवाब देना ही पड़ा.

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0 Comments

  1. santosh singh

    December 18, 2014 at 12:37 pm

    Jab media kisi ke bare me achcha likhta bolta hai to us samay koi kuch nahi bolta hai.lekin jab kisi ke bare me uska galat chij likhta bolta hai to we log galat ho jate hai…….

  2. मनोज

    April 18, 2015 at 3:45 pm

    20 दिनों से वही तो मीडिया पूछ रही थी कि हराम का एक रुपए न खाने वाले आज़म खान बताएं कि कौन ह…राम…ई इतना पैसा खर्च कर रहा है….

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