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सुख-दुख

हम Trouble Makers को नौकरी नहीं देते हैं!

मीना कोतवाल-

जातिय भेदभाव सहने के बाद जब BBC से निकाला गया था तब कई जगह नौकरी मांगने गई, कहा गया कि Trouble Makers को हम नहीं लेते हैं.

जैसे कि इस देश के DNA में है, मेरी काबिलियत पर सवाल खड़े किए गए, मजाक उड़ाया गया, धिक्कार और दुत्कार मिला, तब मैं टूटी लेकिन अब स्प्रिंग बन गई हूं, जितना दबाओगे उतनी ही तेज छलांग मारूंगी, सदियों से तिरस्कार और इग्नोरेंस के अलावा हमें मिला ही क्या है, खोने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है लेकिन पाने को पूरा आसमान हमारे सामने है.

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मेरे मां-पिता जी ने मजदूरी करके मुझे पढ़ाया है, मेरी पत्रकारिता और लेखनी दबे-कुचले लोगों के लिए ही है. बिना संसाधन के जैसे-तैसे 1 साल में द मूकनायक को खड़ा किया है, मूकनायक मेरा नहीं बल्कि हाशिए पर खड़े लोगों का है.

एक दलित महिला जब आगे बढ़ती है तो ज्यादातर लोग बैरिकेड बन जाते हैं, उन्हें बर्दाश्त नहीं कि हमें भी प्रतिनिधित्व मिले. एक लोकतंत्र में इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि सवर्ण भारतीय मीडिया में कोई दलित-आदिवासी संपादक तक नहीं बन पाया.

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कई बड़े-बड़े पत्रकारों के पास यह अवसर था लेकिन शायद उन्हें हमारी पीड़ा से कोई मतलब नहीं है क्योंकि ज्यादातर अपने जाति के सर्किल को तोड़ना नहीं चाहते, हमें आगे बढ़ाना नहीं चाहते हैं. भारतीय न्यूज़ रूम में एक ही तरह के लोग हैं, सदियों से ऐसा होता आ रहा है लेकिन सो कॉल्ड प्रोग्रेसिव/लिबरल लोगों की संवेदनाएं तब खोखली हो जाती है जब न्यूज़रूम में दलित-आदिवासी नहीं दिखते हैं.

वे प्रतिनिधित्व की बात करेंगे लेकिन भारतीय मीडिया में अपनी जाति के लोगों को ही रखेंगे. दोस्तों, इतिहास लिखना शुरू हो गया है, वे इस मुगालते में न रहें कि उनके अपराध की दास्तां नहीं लिखी जाएगी. यह बेहद ही भयावह है कि न्यूज़रूम में एक ही तरह के लोग दिखते हैं, मैं फिर से गुजारिश करूंगी कि वंचित/शोषितों को मौका दीजिए, उन्हें ट्रेन कीजिए, न्यूज़रूम को डायवर्स कीजिए ताकि महान भारत बन पाए.

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हमें आपकी सहानुभूति या मीठे मीठे बोल नहीं चाहिए, हमें अपना प्रतिनिधित्व चाहिए ताकि लोकतंत्र में सबकी सहभागिता सुनिश्चित हो. @Outlookindia मैगजीन और @ashubh सर का तहेदिल से शुक्रिया की उन्होंने हमारी मेहनत को पहचान दी, हम एकसाथ मिलकर एकदिन जरूर सभी के रहने लायक भारत बनाएंगे.

Outlook मैगजीन में इसबार द मूकनायक के एक साल की सफलता की दास्तां छपी है, कैसे कम संसाधनों के बावजूद वंचित/शोषितों की खबरें हमने दिखाई, संसाधनों के घोर अभाव के बावजूद हमने कैसे काम किया, जिनके पास सदियों से माइक नहीं पहुंचा था कैसे उनकी पीड़ा दुनिया को दिखाने की कोशिश की.

बाबा साहेब कहते थे कि वंचितों का अपना मीडिया होना चाहिए, उन्हीं के बताए रास्ते पर चलते हुए एक साल पहले ही हमने द मूकनायक की शुरूआत की. हमारी छोटी सी टीम में ही दलित/ आदिवासी/ महिला/ पसमांदा/ पिछड़ा/ मुस्लिम/QUEER सभी का प्रतिनिधित्व है.

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हम हाशिए पर खड़े लोगों का दर्द उन्हीं के जरिए दिखाने में विश्वास रखते हैं. वंचित/शोषितों का प्रतिनिधित्व हमारी प्राथमिकता है. आपलोग द मूकनायक को यूं ही अपना स्नेह और समर्थन देते रहें, हमारा आपसे वादा है कि हाशिए पर खड़े लोगों की पीड़ा दिखाते रहेंगे. शुक्रिया

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2 Comments

2 Comments

  1. Renuka

    March 14, 2022 at 3:39 pm

    Ase logo p dhikar hai meena kotwal mam apke sanghrsho ko salaam
    Jai bhim

  2. VINOD SINGH

    March 15, 2022 at 5:51 pm

    NEWS18UP/UK SONBHADRA & ZEE NEWS HINDUSTAN SONBHADRA REPORTER BLACKMAILING COMPNEY OFFICERS
    महोदय आपको अवगत कराना है कि NEWS18 UP/UK NEWS18 INDIA के नाम पर फेसबुक पर गलत खबर चलाकर और आपके चैनल का लोगों लगाकर कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा है पैसे की डिमांड NEWS18 SRINGER रंगेश सिंह कर रहे हैं जोकि अपने ही YOU TUBE चैनल का प्रयोग कर कर आपके चैनल NEWS18 UP/UK NEWS18 INDIA का लोगो लगा कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं जिससे चैनल की गरिमा और चैनल के प्रति लोगों का विश्वास मिटता जा रहा है आपको बताते चलें यह पहली बार नहीं हुआ है जब यह न NEWS18 UP/UK के जिला संवाददाता सोनभद्र बने तो लोड़ी टोल प्लाजा पर अवैध वसूली के लिए हंगामा किया था और NEWS18 की काफी बदनामी हुई थी इतना ही नहीं आपके संवादाता रॉबर्टसन कोतवाली में जाकर धरना प्रदर्शन दिए थे जिसके बाद अमरता करने वाले के साथ जाकर पैसे का लेनदेन कर मामले को रफा-दफा कर दिया इसके बाद भी इनका कारवां नहीं यह बालू की साइड और पत्थर खनन पर जबरन व्यवसायियों पर दबाव बनाकर रुपया ऊपर अधिकारियों को देना है यह कर कर बार-बार लोगों को परेशान करना और चैनल का नाम लेकर धमकी देना यही इनका काम है अगर आप लोगों ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो चैनल के प्रति लोगों का विश्वास मिट जाएगा

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