Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

मजीठिया वेज बोर्ड : सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी बनाने का निर्देश दिया

सही दिशा में जा रही है जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सुनवाई :  देश भर के मीडियाकर्मियों के वेतन एरियर तथा प्रमोशन से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में माननीय सुप्रीमकोर्ट ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनाने का निर्देश दिया है। इस एसआईटी को लीड करेंगे हाईकोर्ट के एक रिटायर जज। आखिर ये एसआईटी के गठन के बाद जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई किस दिशा में जा रही है? देश भर के मीडियाकर्मियों में इस बात को लेकर सवाल उठ रहा है। तमाम शंकाओं के समाधान के लिए मैंने इस मामले में पत्रकारों की तरफ से लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट परमानंद पांडे जी से बात की।

सवाल पहला यही था कि इस एसआईटी के मायने क्या हैं और हमारी लड़ाई किस दिशा में जा रही है। सवाल ये भी था कि पहले राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया गया फिर लेबर कमिश्नरों को बुलाया गया और अब जबकि राजस्थान जैसे प्रदेशों के लेबर कमिश्नरों का सुप्रीमकोर्ट में आना बाकी है, इस गति को विराम देकर एसआईटी बनाने का आदेश देना कितना सही कदम होगा। इस पर एक एडवोकेट कहते हैं कि यह बिलकुल सही कदम है। वे कहते हैं 8 नवंबर को खुद सुप्रीम कोर्ट के जज रंजन गोगोई सर ने सुनवाई के दौरान माना कि लेबर कमिश्नर गोल मोल जवाब ला रहे हैं। तेलंगाना के लेबर कमिश्नर को फटकार भी सुप्रीमकोर्ट में लगाई गयी। वे कहते हैं खुद सुनवाई में रंजन गोगोई जी ने साफ़ कह दिया कि अखबार मालिकों को अपने कर्मचारियों को जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देना ही पड़ेगा। वे इस मामले को लंबा नहीं खींच सकते। वकील से जब लीगल इश्यू पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक बार फिर दोहराया बिना एसआईटी गठन हुए लीगल इश्यू पर बहस करना घातक होगा और ऐसा करने से बचना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एसआईटी के गठन का स्वरूप क्या होना चाहिए, इस पर वकील कहते हैं कि ऑर्डर आने दीजिये। इस एसआईटी को हाईकोर्ट के रिटायर जज लीड करेंगे। इस एसआईटी में सेन्ट्रल लेबर कमिश्नर और राज्यों के चीफ सेक्रेटरी मेंबर होंगे और उनका दायित्व होगा कि वे सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन कराएं, ऐसी हमें उम्मीद है और उनकी जिम्मेदारी फिक्स होगी। वकील कहते हैं कि मैं बार बार आग्रह करता हूँ कि देश भर की तमाम पत्रकार यूनियन और पत्रकारों का नेता बनने वाले यूनियन पदाधिकारी सामने आयें और पत्रकारों के अधिकार के लिए जहाँ जहाँ जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं है, वहां लागू कराने के लिए पहल करें। इसमें कर्मचारियों के साईन की जरूरत भी नहीं है। उमेश शर्मा ने आईएफ़डब्लूजे से भी आग्रह किया है कि आपकी नेशनल यूनियन है, आप देश भर में पत्रकारों की इस लड़ाई के लिए सामने आइये। इस एसआईटी के गठन के बाद मीडियाकर्मियों के लिए क्या फायदा होगा, इस पर वकील कहते हैं कि देश भर के जितने भी मजीठिया वेज बोर्ड के मामले होंगे सब एसआईटी की देखरेख में होगा। एसआईटी सुप्रीमकोर्ट के सर्विलांस में होगा।

इस मुद्दे पर हमने एडवोकेट परमानंद पांडे जो आईएफडब्लूजे के सेक्रेटरी जनरल भी हैं और खुद सुप्रीमकोर्ट में मीडियाकर्मियों के पक्ष में लड़ाई लड़ रहे हैं, से सवाल जवाब का सिलसिला चलाया। एसआईटी के गठन के सवाल पर परमानंद पांडे का कहना है एसआईटी के गठन का निर्णय बिलकुल सही निर्णय है। परमानंद पांडे कहते हैं बहुत अच्छी सुनवाई चल रही है। अभी आप ऑर्डर आने दीजिये फिर देखिएगा। पिछले ऑर्डर से अगला ऑर्डर बेहतर होगा। एसआईटी के गठन पर परमानंद पांडे कहते हैं एसआईटी का गठन एक सही निर्णय है। सुप्रीमकोर्ट के पास बहुत केस रहते हैं। इस एसआईटी के पास सिर्फ एक केस होगा और वो होगा मीडियाकर्मियों को न्याय दिलाने के लिए। हम एसआईटी में ट्रांसफर और टर्मिनेशन के मुद्दे को भी रख सकते हैं। वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 16 (ए) के तहत हम इस मामले को एसआईटी के समक्ष लाएंगे। अखबार मालिकों को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी क्यों नहीं अब तक माना गया है, इस पर परमानंद पांडे कहते हैं इसमें सबसे बड़ी दिक्कत है बड़े अखबारों ने अपने कर्मचारियों से 20 जे पर साइन करा लिया है। 20 जे का अखबार मालिक दुरूपयोग कर रहे हैं। 20 जे पर सुप्रीमकोर्ट का कोई सटीक निर्णय आये बिना हम ऐसा नहीं कर सकते और जिन अखबारों ने 20 जे पर साइन नहीं कराया उनमें एकाक को छोड़ दें तो वे छोटी मछलियां हैं। लेकिन यकीन मानिये कोई भी अखबार मालिक 20 जे की आड़ में बच नहीं सकता।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आप की नजर में एसआईटी का स्वरूप क्या होना चाहिए, इस पर परमानंद पांडे कहते हैं देश भर के मीडिया कर्मियों की कॉमन शिकायत आ रही है कि लेबर विभाग उन्हें सहयोग नहीं कर रहा है और गलत रिपोर्ट सुप्रीमकोर्ट को भेजी जा रही है। इस मामले को सुप्रीमकोर्ट ने गंभीरता से लिया है और एसआईटी बनाने का आदेश दिया जो काबिले तारीफ़ कदम है। एसआईटी के स्वरूप पर ऑर्डर के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। परमानंद पांडे ने देश भर के मीडियाकर्मियों को आश्वस्त किया है कि आपको जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ जरूर मिलेगा, ये सुप्रीमकोर्ट भी कह चुका है।

शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
9322411335

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. amrik singh

    November 17, 2016 at 8:34 am

    November 16 ko kya hearing hui ? is ke baare mein batayae please

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement