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‘साधना’ वालों के उत्पीड़न से परेशान ‘लोकायत’ के मालिक और संपादक एमके तिवारी की मौत

लोकायत मैग्जीन के मालिक और संपादक एमके तिवारी नहीं रहे. उनके निधन को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. वे साधना चैनल वालों से न्यूज चैनल ठेके पर लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संचालित करते थे. सूत्रों के मुताबिक साधना वालों ने अपने स्वभाव के अनुरूप एमके तिवारी को कई तरह से चीट किया. कहा तो यहां तक जा रहा है कि एमके तिवारी के साथ साधना वालों ने मारपीट तक की थी जिसके बाद तिवारी जी सदमें चले गए और उन्हें ब्रेन स्ट्रोक तक हुआ. इसी के महीने भर बाद उनका निधन हो गया. कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि एमके तिवारी ने साधना वालों द्वारा किए गए उत्पीड़न के खिलाफ भोपाल के एक थाने में लिखित तहरीर भी दी थी.

<p>लोकायत मैग्जीन के मालिक और संपादक एमके तिवारी नहीं रहे. उनके निधन को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. वे साधना चैनल वालों से न्यूज चैनल ठेके पर लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संचालित करते थे. सूत्रों के मुताबिक साधना वालों ने अपने स्वभाव के अनुरूप एमके तिवारी को कई तरह से चीट किया. कहा तो यहां तक जा रहा है कि एमके तिवारी के साथ साधना वालों ने मारपीट तक की थी जिसके बाद तिवारी जी सदमें चले गए और उन्हें ब्रेन स्ट्रोक तक हुआ. इसी के महीने भर बाद उनका निधन हो गया. कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि एमके तिवारी ने साधना वालों द्वारा किए गए उत्पीड़न के खिलाफ भोपाल के एक थाने में लिखित तहरीर भी दी थी.</p>

लोकायत मैग्जीन के मालिक और संपादक एमके तिवारी नहीं रहे. उनके निधन को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. वे साधना चैनल वालों से न्यूज चैनल ठेके पर लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संचालित करते थे. सूत्रों के मुताबिक साधना वालों ने अपने स्वभाव के अनुरूप एमके तिवारी को कई तरह से चीट किया. कहा तो यहां तक जा रहा है कि एमके तिवारी के साथ साधना वालों ने मारपीट तक की थी जिसके बाद तिवारी जी सदमें चले गए और उन्हें ब्रेन स्ट्रोक तक हुआ. इसी के महीने भर बाद उनका निधन हो गया. कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि एमके तिवारी ने साधना वालों द्वारा किए गए उत्पीड़न के खिलाफ भोपाल के एक थाने में लिखित तहरीर भी दी थी.

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0 Comments

  1. Rajesh Agrawal

    October 24, 2016 at 4:53 pm

    यशवंत भैया मुन्ना तिवारी जी हमारे अपने बिलासपुर शहर के ही हैं। बड़ी चौंकाने वाली जानकारी दी आपने। बिलासपुर शहर में तो इसकी भनक ही नहीं। सब स्वाभाविक मौत मान रहे हैं, क्योंकि वे ज्यादातर भोपाल और दिल्ली में रहते थे। पर बिलासपुर में उनका दफ़्तर है और हम उनसे कभी कभी मिला करते थे। उन्होंने पूरा जीवन मालिक पत्रकार के रूप में जिया। बार बार नए प्रयोग किए। अचानक चल बसे। पर इसके पीछे उन्हें मिला सदमा था, यह जानकर दुख दोगुना हो रहा है।

  2. JAGDEESH DUBEY

    October 25, 2016 at 11:05 am

    साधना वाले महाचोर हैं , बताया जा रहा है कि तिवारी जी के साथ एग्रीमेंट खत्‍महोने मे 2 साल और बचा था लेकिन साधना वालों ने पैसों के लालच मेंं इनसे एग्रीमेंट खत्‍म कर भोपाल के जलसंसाधन विभाग के एक ठेकेदार एसके जैन को दे दिया , जैन , उनके खासमखास रिपोर्टर हितकिशोर शर्मा और साधना के प्रेसीडेंट पंकज वर्मा ने तिवारी जी के साथ एक होटल में जमकर मारपीट की तिवारी जी ने मुझे बताया था कि वो उस वक्‍त रूम में अकेले थे , इस बात की रिपोर्ट तिवारी जी ने हबीबगंज थाने में की थी जो अभी शायद जांच में है , तिवारी जी बताते थे कि किस तरह उनके साथ साधना वाले और वहां का पुराना स्‍टाफ धोखाधड़ी करता रहा बहुत दुखद है ये तो एक बुजुर्ग पत्रकार की हत्‍या है , यदि इस मामले की जांच हो जाए तो कई अंदर जाऐंगे

  3. Mayank jain

    October 25, 2016 at 4:16 pm

    Muje to laagta in bhaiya ke gar pe hi saari planning huie thi aur inni ne Tiwari hi ke sth Beth ke application likhi thi…..!!

  4. shailendra parashar

    November 4, 2016 at 4:39 pm

    में साधना न्यूज एमपी सीजी भोपाल में कार्यरत था मेरी सैलरी सरपाई से भुगतान होती थी लेकिन 6 माह की सैलरी नहीं दी गई और बाद में साधना एमपीसीजी लोकायत से अलग हुआ तो बाद में मेरा भुगतान शेष रह गया।

  5. shailendra parashar

    November 4, 2016 at 4:48 pm

    ऐसे दुखद समय में मेरी सैलरी की समस्या वाला कमेंट्स न जोड़ें

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