Amitabh Agnihotri : उत्तराखंड बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने जिस तरह से हमारे संस्थान के रिपोर्टर राजीव तिवारी से अभद्रता की वह स्तब्ध करने वाली है — अब बीजेपी को यह तय करना है कि ऐसे हिंसक मानसिकता के नेता क्या पार्टी में रहने योग्य हैं?
Mohammad Shadab : एक को देखकर दूसरे का मनोबल बढ़ता है, राजीव के साथ ये घटना हाल-फिलहाल के दिनों में पत्रकारों के साथ हुई घटनाओं का ही नतीजा है, बड़े सम्पादकों को इस पर कड़ा ऐक्शन लेना चाहिए, सिर्फ खबर चला देना ही आप लोगों की ज़िम्मेदारी नही है, मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले पर कार्यवाई की ज़रूरत है.. ऐसा लगता है पत्रकार जैसे कीड़े मकोड़े हो गए हैं, जो जैसे चाहता है रगड़ कर चला जाता है। कड़ी निंदा नही चाहिए, कार्रवाई चाहिए।
Rajni Singh : पहले पत्रकारिता ख़तरे में थी और अब पत्रकार ख़तरे में है.
Shiv prasad Sati : उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, दिल्ली में पत्रकारों का दमन किया जा रहा है। बीजेपी विधायक ने पत्रकार को धमकी देते हुए कहा- मेरे ख़िलाफ़ खबर चलाओगे तो गोली मार दूंगा। प्रणव चेंपियन हरिद्वार जिले से भाजपा के विधायक हैं। विधायक खुद ही गलत काम करते हैं। पत्रकार छापते हैं और बाद में डराते हैं। आखिर क्यों? मोदी सरकार में ईस तरह की अभद्र घटनाएं तेजी से बढ रही हैं।
Nitin Thakur : सभी पत्रकार मित्रों को बधाई! मामला खबर चलाने पर गोली मारने की धमकी देने तक तो पहले भी पहुंचा होगा मगर चैंपियन जी जैसा स्टाइल सबके पास कहां होता है!
माहौल कुछ ऐसा है कि हम जैसे किसी को कल गोली मार दी जाए तो भी लोग कहेंगे कि ये तो होना ही था, दलाली करते हैं ऐसे ही मरेंगे। कमाल का माहौल बनाया है राजनीति और मीडिया के ठेकेदारों ने मिलकर। इसे भोग रहे हैं आम पत्रकार जिनके लिए रिपोर्टिंग करते हुए पीटे जाना, गिरफ्तार होना और जान से मारने की धमकी मिलना आम हो गया है। ये बेचारे जिस तन्ख्वाह में काम कर रहे हैं उसमें कोई क्लर्क भी नहीं करता और इस पेशे में ज़िंदगी तमाम करनेवाले जानते हैं कि मैं उनके सही हालात लिख रहा हूं।
ये भयावह वक्त है। लोग देश बेचनेवाले नेता तक की मौत पर अफसोस जताएंगे लेकिन पत्रकार मर जाए तो भी अधिकांश की लेखनी से सहानुभूति की स्याही नहीं निचुड़ेगी। ये मिला है विरासत में हमें।
Subodh Rai : पत्रकारों को समाज पुलिस नेता वही लौटा रहे हैं जो पत्रकारों ने 5 साल उसे परोसा है…
हेमनिधि
June 13, 2019 at 9:44 pm
यही मीडिया लोकसभा चुनाव से पहले तो कहती थी हिंदुत्व खतरे में है , देश खतरे में है , ऐसे ही प्रोपोगेंडा फैलाने और बीजेपी को चुनाव जिताने का काम भी इसी मीडिया ने किया है , अब वही बीजेपी पत्रकार लोगों की थोड़ी बहुत ठुकाई कर रही है तो कौन सा आफ़त आ गया भाई ?
Anurag
June 15, 2019 at 12:42 am
सत्ता की गोद मे मीडिया घरानों का बैठ जाना ही सारी समस्या की जड़ है,क्योंकि नेता अब मीडिया को अपनी जेब का रुमाल समझने लगे हैं कि जब चाहा जैसे चाहा बाहर निकाला और अंदर रख लिया ,यदि हालात ऐसे रहे तो कुछ दिन बाद मीडिया के मठाधीशों पर के साथ भी यही होगा ,जब विपक्षी नेता पर हाथ उठा कर पत्रकार चमचा गिरी करेंगे तो कुछ भी सम्भव है।
परवेज़ फ़ारूक़ी
June 14, 2019 at 12:12 am
आतंकी को मसीहा, बलात्कारी को देशभक्त और गुंडे माफ़िया को जन हितैषी बताने में बिकाऊ मीडिया आज सबसे आगे है !
मीडिया खादी की आड़ में अपराधियों को समाज का सच्चा सेवक बनाकर पेश करती है !
आम जनता बिकाऊ मीडिया पर विश्वास कर अपराधियों को अपना प्रतिनिधि चुन लेती है और पूरे कार्यकाल तक उत्पीड़न और शोषण का शिकार रहती है !
कभी जो अराजक तत्व मीडिया से भयभीत रहते थे उन्हें सफ़ेदपोश / माननीय बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली मीडिया आज उनसे डरी हुयी है और उनके प्रेशर से ना सिर्फ़ पत्रकार जेल जा रहे हैं बल्कि खुले आम पीटे भी जा रहे है !
सीधी सी बात है जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय !
प्रकाश
June 14, 2019 at 8:09 am
जब मीडिया हाऊस के मालिक दलील करेंगें तो ये होगा उनको पता है मीडिया हाऊस का मालिक हमरा गुलाम है हमारे टुकड़ों पर पलता है।ये.पत्रकार तो हमारा नौकर हुआ ये ऐसे ही करते रहैंगे।भाजपा की सोच तो ये ही है जिस तरह किसी पत्रकार को जेल भिजवना अपने खिलाफ खबर नहीं चलने देना ये चौथा खम्भा रह कहा गया है।जब एक ऐंकर चैनल का मालिक बन जाता है दलाली करके वो अपने रीपोर्ट की कहाँ रक्षा करेगा मैंने देखा है एक चैनल का रीपोर्ट एक कार एक्सीडेंट मे मारा गया उस चैनल ने उसकी खबर तक नहीं चलाई । अभी की बात दिल्ली में एक चैनल गाड़ी पर तीन गोली चलाई उस चैनल ने खबर तक नहीं चलाई जबकि NDTV ने उसकी खबर चलाई । अब यहां पर चैनल मालिक दलाली करते हैं। पत्रकारिता को इन्होंने खत्म कर दिया है दलाली का काम शुरु कर दिया है।चैनल की खबरों से अब बिशवास उठता जा रहा है।
Mayur sen
June 15, 2019 at 3:09 pm
कुछ पत्रकारो के वजह से सभी पत्रकारो को इस तरह की समस्या हो रही हे जब की हर पत्रकार ऐसा नही होता हे। जेसा की उसे लोग समझते हे।
सबसे पहले तो जो फर्जी पत्रकार हे मार्केट मे धूम मचा रहे हे उनपर रोक लगानी चाहिये
बहुत सी जगह तो देखने मे आता हे कि हॉकर्स ही पत्रकार बन जाते हे जबकी उन्होनें मुश्किल से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण भी नही की हो ।
बस ऐसे ही फर्जी पत्रकारों की वजह से सभी पत्रकारो की ऐसी इज्जत रह जाती हे।
मेरे हिशाब से तो न्यूज़ एजेंसी भी उसी को देना चाहिए जिसका जौर्नालिस्म मे स्नातक पुरा हो अन्यथा आने वाले समय की स्थति बहुत गंभीर होगी