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मोदी-अदाणी रिश्ते पर राहुल द्वारा लगातार सवाल उठाये जाने से घबरा गई है केंद्र सरकार!

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अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-

इधर एक- दो दिनों की कुछ बड़ी खबरें पढ़िए

  • राहुल गांधी के घर पर पहुंची पुलिस को लेकर कांग्रेस ने लगाया मोदी पर आरोप, कहा- अदानी मसले पर हो रही खामोश कराने की साजिश
  • NSE ने अदानी के तीन शेयरों को निगरानी सूची से हटाया
  • मॉरीशस से काला धन अदानी की कम्पनियों में लगाने के आरोपी विनोद अदानी को अदानी समूह ने अपना हिस्सा माना
  • अदानी ने लगभग 35 हजार करोड़ का ठेका रद्द किया

अब इन खबरों को जोड़कर यह बताइए कि आखिर अदानी मसले पर हो क्या रहा है ? मैं अगर बताऊंगा तो यह कहूंगा कि भले ही हिंडेनबर्ग ने अदानी ग्रुप पर शुरुआती हमला किया हो लेकिन भारत में राहुल गांधी ने इस हमले की जद में मोदी सरकार को भी लेकर खुद मोदी को भी बुरी तरह से घेर लिया है। राहुल गांधी के इन हमलों से घबराकर अदानी समूह व मोदी सरकार अपने – अपने स्तर से लगातार बचने की काट खोज रहे हैं।

सबसे पहले बात करते हैं, अदानी समूह की, जो हिंडेनबर्ग के हमले से हुए तगड़े नुकसान की चोट से उबर नहीं पा रहा है और किसी तरह नुकसान को कम करने की कोशिश में लगा हुआ है। यही नहीं, इससे पहले लगातार अदानी समूह के मालिक गौतम अदानी अपने बड़े भाई विनोद अदानी के काले कारनामों पर यह कहकर चुप्पी साधे हुए थे कि विनोद अदानी का अदानी समूह से कुछ लेना- देना ही नहीं है लेकिन एसीसी आदि कम्पनियों के मालिकाना हक के कागज आम हो जाने के बाद मजबूरन विनोद अदानी से अदानी समूह का रिश्ता उन्हें स्वीकारना पड़ गया।

उधर मोदी सरकार बदस्तूर अदानी मसले पर भले ही अपनी खामोशी बनाए हुए है लेकिन राहुल गांधी इस पर लगातार हो- हल्ला मचा रहे हैं। इससे घबरा कर मोदी सरकार सरकारी तंत्र से राहुल पर नकेल कसने में लगी है, कांग्रेस के इस आरोप में कुछ तो दम हो ही सकता है।

सच्चाई क्या है, यह तो अब आने वाला वक्त तब बताएगा, जब अदानी मसले पर राहुल बोलते रहेंगे और मोदी खामोश रहेंगे। तब भी सरकारी तंत्र राहुल पर अगर इसी तरह शिकंजा कसता रहेगा तो जनता भी अंततः यह मान ही लेगी कि अदानी मसले पर उठ रही राहुल की आवाज को खामोश कराने के लिए यह कानूनी कवायद हो रही है।

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