गोविंद गोयल-
श्रीगंगानगर। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कोरोना टीका के बारे मेँ अगर ये बयान दिया होता कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सबसे पहले इस टीके को लगवाएँ, तो बात ही कुछ और होती। न्यूज चैनलों का पूरा बेड़ा उनके पक्ष में खड़ा होता। बीजेपी के करोड़ों समर्थक अखिलेश यादव की जय जय कार कर रहे होते।
विश्व भर में प्रसिद्ध देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले टीका लगवाते हैं तो पूरे विश्व मेँ उनकी वाह-वाही होगी। दुनिया मेँ नरेंद्र मोदी एक आदर्श प्रधानमंत्री के रूप मेँ जाने जाएँगे। देश का बच्चा बच्चा उनसे प्रेरित हो टीका लगवाएगा। क्योंकि उनके कहने से कोरोना को भगाने के लिए ताली, थाली बजा सकते हैं, दीया जला सकते हैं तो फिर टीका लगवाने मेँ कहाँ दिक्कत है!
ख़ाकसार का तो सुझाव है कि सबसे पहले टीका हिंदुस्तान के गौरवशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री परिषद के सदस्यों को लगाना चाहिए। उसके बाद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा उनके मंत्रियों के। राष्ट्रपति, राज्यपालों और उप राज्यपालों को। इनके बाद हिंदुस्तान के सभी सांसदों और विधायकों को टीका लगवाना चाहिए।
सभी राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों को आगे आ टीका लगवाने की पहल करनी चाहिए। राजनीतिक पार्टी के संगठन के पदाधिकारियों को इस नेक काम के लिए आगे आना चाहिए। नरेंद्र मोदी जी के टीका लग जाता है तो भला कौनसा भाजपाई होगा जो टीका नहीं लगवाएगा! बहिन मायावती के कोविड टीका लगते ही बीएसपी के सभी कार्यकर्ता खुद टीका लगवा लेंगे।
आज बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अगर बंगाल मेँ सबसे पहले टीका लगवा लेतीं हैं तो फिर उनके समर्थक क्यों पीछे हटेंगे! सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी टीका लगवाते हुए के अपने फोटो/वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करेंगे तो कौनसे कांग्रेसी का उत्साह नहीं बढ़ेगा! यही कुछ देश के सभी न्यूज चैनलों के मालिक, एंकर/पत्रकार करें।
ये शब्द कोई व्यंग्य नहीं है। शब्द मज़ाक भी नहीं है। देश मेँ संकट के समय देश का नेतृत्व करने वाले ही आदर्श बनते हैं। नेता ही पहल कर जनता को प्रेरित करते हैं। तो अब भी उनको ऐसा करना चाहिए। पूरी दुनिया जानती है कि संकट के समय हिंदुस्तान की सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी विचारधारा को साइड मेँ रख एक हो जातीं हैं। तो बस, अब भी सभी को यही करना चाहिए। इससे एक तो आम जन को प्रेरणा मिलेगी। दूसरा, कोई आलतू-फालतू के सवाल नहीं करेगा।
तीसरा, टीके का कोई साइड इफेक्ट होगा तो सभी को मालूम हो जाएगा। चौथा, अगर उक्त शब्दों के अनुसार सब हो जाता है तो फिर किसी के मन मेँ कोई शंका भी नहीं रहेगी। सब के सब टीका लगवाने के लिए तैयार हो जाएँगे। कोई मना करेगा भी क्यों! जब देश के राष्ट्रपति टीका लगवा रहे हैं तो फिर आम आदमी क्यों पीछे रहेगा। और सबसे बड़ी बात ये कि देश के वैज्ञानिकों को गौरव का अनुभव होगा। स्वाभाविक है, जब खुद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सबसे पहले टीका लगवाएंगे वैज्ञानिकों को अपने आप पर गर्व तो होगा ही। होना भी चाहिए।
दस माह से अधिक का समय हो चुका है। अब सही समय है, जनता के सामने नया आदर्श प्रस्तुत करने का। इससे जनता मेँ नया जोश पैदा होगा। निराशा मेँ आशा की किरण दिखाई देगी। देश का कण कण टीका लगवाने की पहल करने वाले इन नेताओं की जय जय कार करेगा। इनको सलाम करेगा। नेताओं के पास मौका है ये साबित करने का कि वो ही इस देश को गौरवशाली नेतृत्व दे सकते हैं। ऐसे मौके बार बार आते भी नहीं है। अभी नहीं तो फिर कभी नहीं। एक बार ऐसा हो जाए, देश के सभी मुद्दे गाउँ हो जाएंगे।
vaishali chowdhury
January 4, 2021 at 3:58 pm
अजीब विडंबना है ! अगर प्रधानमंत्री सबसे पहले लगा लेते हैं फिर भी बात होगी कि आम नागरिक को दिया नहीं और पहले खुद लगा लिया..अब जब सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द आम जनता को टीका लगे तो कहा जा रहा है कि पीएम पहले खुद लगाएं…यानी किसी भी हालत में आलोचना ही करनी है तो बेशक करें…लेकिन ये बात ज़रूर ध्यान में रखें कि आलोचना करते करते आप कहीं यूपी के पूर्व सीएम जैसे बयान न दे डालें जो निहायत ही बेतुका और बेसिरपैर का है