रवीश कुमार-
चारों ख़बरों को घटते क्रम में देखें और धारणा के खेल को समझें
- यूपी में पहले खुली छूट और लूट थी, अब माफ़ी माँग रहा माफिया: मोदी
- लखीमपुरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने जाँच में ढिलाई पर लगाई फटकार, कहा लगता है इरादतन देरी कर रही यूपी सरकार
- विधायक के हत्यारोपी भाई को एक साल बाद भी नहीं पकड़ पाई पुलिस ( बीजेपी विधायक का भाई है)
- सफ़ाईकर्मी की पुलिस हिरासत में मौत, निरीक्षक सहित पाँच निलंबित
ख़बर नंबर 2 में मोदी के ही मंत्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट क्या कह रहा है, पढ़िए। ख़बर नंबर 3 में बीजेपी के विधायक के भाई पर हत्या का आरोप है। पुलिस पकड़ नहीं पाई है। क्या आपको लगा कि माफिया माफ़ी माँग रहे हैं?
आगरा के कांड की भी कई परतें हैं। हिरासत में अरुण बाल्मीकि की हिरासत में हत्या के आरोप में छह पुलिस वाले निलंबित हुए हैं। अरुण की माँ का कहना है कि पुलिस की सुरक्षा के बीच पुलिस के मालखाने से 25 लाख की चोरी अकेले अरुण नहीं कर सकता। पुलिस वाले भी मिले थे।
बाल्मीकी जयंती नहीं होती तो अरुण को चोर बता कर उसकी हत्या सही ठहरा दी जाती लेकिन अब चूँकि वोट का मामला है इसलिए मुआवज़ा दिया जा रहा है।
उसी तरह गोरखपुर में नीरज गुप्ता की हत्या कर दी गई। छह पुलिसवाले शामिल थे। लेकिन गिरफ़्तारी से पहले तुरंत मुआवज़ा दे दिया गया। अब इस मामले में इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, आरक्षी विजय यादव, कमलेश कुमार यादव और प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
इसी साल बस्ती में दो व्यापारियों को अगवा कर तीस लाख की लूट हुई। यह लूट पुलिस ने की थी। थानेदार धर्मेंद्र यादव सहित 12 लोग निलंबित हुए।
बसपा सांसद अतुल राय पर एक पीड़िता ने बलात्कार का आरोप लगा। पुलिस सांसद के साथ हो गई। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को जला लिया और मर गई। डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल पर आरोप लगा था। इन्हें पहले निलंबित फिर बर्खास्त किया गया है।
8 सितंबर 2020 को महोबा में व्यापारी इद्रकांत त्रिपाठी की हत्या के आरोप में एक आई पी एस मणिलाल पाटिदार अभी तक फ़रार है। दैनिक भास्कर की 13 दिन पहले की ख़बर है कि इंद्रकांत त्रिपाठी के भाई ने वीडियो जारी कर अपनी जान को ख़तरा बताया है। उन पर केस से अलग होने का दबाव डाला जा रहा है।
ये सब कुछ उदाहरण हैं। अब आपको लगता है कि यूपी में लूट ख़त्म हो गई है और माफिया माफ़ी माँग रहा है? पुलिस ही लूटने लगी है।