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सुख-दुख

पीएम के साथ विदेश यात्रा कवर करने जाते रहने वाले दर्जनों पत्रकारों को मोदी ने दिखाया ठेंगा

Sumant Bhattacharya : मोदी के ब्राजील दौरे की तमाम खबरों के बीच एक दिलचस्प बात सामने नहीं आ सकी, मोदी ने प्रधानमंत्री के विमान में मुफ्तखोर-चाटुकार पत्रकारों की भीड़ को ले जाने की कांग्रेसी रस्म को खत्म कर दिया, सिर्फ दूरदर्शन, पीटीआई और एएनआई के पत्रकार प्रधानमंत्री के विमान में गए…….अब टुकड़खोर पत्रकारों जाइए अपने पैसों से और पीटिए ढोल, जैसा और जितना मन करे। इसे मैं पत्रकारिता और पत्रकारों के गिरते नैतिक साख के एक भारी संकेत के तौर पर ले रहा हूं, आपका क्या ख्याल है…

वरिष्ठ पत्रकार सुमंत भट्टाचार्य के फेसबुक वॉल से.

<p>Sumant Bhattacharya : मोदी के ब्राजील दौरे की तमाम खबरों के बीच एक दिलचस्प बात सामने नहीं आ सकी, मोदी ने प्रधानमंत्री के विमान में मुफ्तखोर-चाटुकार पत्रकारों की भीड़ को ले जाने की कांग्रेसी रस्म को खत्म कर दिया, सिर्फ दूरदर्शन, पीटीआई और एएनआई के पत्रकार प्रधानमंत्री के विमान में गए.......अब टुकड़खोर पत्रकारों जाइए अपने पैसों से और पीटिए ढोल, जैसा और जितना मन करे। इसे मैं पत्रकारिता और पत्रकारों के गिरते नैतिक साख के एक भारी संकेत के तौर पर ले रहा हूं, आपका क्या ख्याल है...</p> <p><strong>वरिष्ठ पत्रकार सुमंत भट्टाचार्य के फेसबुक वॉल से.</strong></p>

Sumant Bhattacharya : मोदी के ब्राजील दौरे की तमाम खबरों के बीच एक दिलचस्प बात सामने नहीं आ सकी, मोदी ने प्रधानमंत्री के विमान में मुफ्तखोर-चाटुकार पत्रकारों की भीड़ को ले जाने की कांग्रेसी रस्म को खत्म कर दिया, सिर्फ दूरदर्शन, पीटीआई और एएनआई के पत्रकार प्रधानमंत्री के विमान में गए…….अब टुकड़खोर पत्रकारों जाइए अपने पैसों से और पीटिए ढोल, जैसा और जितना मन करे। इसे मैं पत्रकारिता और पत्रकारों के गिरते नैतिक साख के एक भारी संकेत के तौर पर ले रहा हूं, आपका क्या ख्याल है…

वरिष्ठ पत्रकार सुमंत भट्टाचार्य के फेसबुक वॉल से.

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ओमकार चौधरी : मुझे ऐसे तमाम पत्रकार और संपादक बंधुओं से दिली हमदर्दी है, जो नरेन्द्र मोदी के विदेश यात्रा कारवां में शामिल होना चाहते थे परन्तु न्योता नहीं मिला। ऐसे पत्रकार और संपादक अलग-अलग तरह से अब मोदी के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने में लगे हुए हैं। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से मोदी को पानी पी-पीकर कोसते रहे हैं। उन्हें ब्रह्मांड का सबसे बड़ा खलनायक सिद्ध करने पर उतारू रहे हैं। ऐसे तमाम कथित बुद्धिजीवी और पत्रकार मोदी के प्रधानमंत्री बनने को अब भी पचा नहीं पा रहे हैं। उन्हें हैरत हो रही है कि देश में वह इतने लोकप्रिय कैसे हैं। उन्हें यह देखकर भी धक्का लग रहा है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ रह रहे हैं। अमेरिका उनके स्वागत की तैयारी कर रहा है। पड़ौसी देश अब भारत को यथा सम्मान देते दिखने लगे हैं। मोदी की सरकार को अभी बने हुए जुम्मा-जुम्मा चालीस दिन ही हुए हैं परन्तु ऐसे-ऐसे आरोप उन पर चस्पा करने की कोशिशें हो रही हैं..कि हैरत होती है। मेरे विचार से तो विदेश दौरों पर पत्रकारों की भारी-भरकम फौज को नहीं ले जाकर प्रधानमंत्री मोदी बहुत उत्तम कार्य कर रहे हैं। जिन्हें उन्हें गालियां ही निकालनी हैं, वे जी भरकर अपना शौक पूरा करें।

वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. sandip thakur

    July 18, 2014 at 9:26 am

    this is a very healthy tradition,which modi started.this is true,that CHAPLUS editor,CHAPLUS reporter And CHAPLUS owner of a newspaper and channel does not have any moral and character.CHAPLUSO… se door rahne mein hi bhalai hai…that modi knows.it will help to make journalism healthy,fair and bold.

  2. ganesh shanker gupta

    July 18, 2014 at 6:55 pm

    good dicision taken by modi……………

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