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सियासत

‘आप भी ज्‍यादा बोलोगे और मुसलमानों के पीछे घूमोगे तो अंदर जाओगे, मोदी को मीडिया-वीडिया से डर नहीं लगता’

Abhishek Srivastava : कुछ देर पहले एक उच्‍च शिक्षा संस्‍थान के दो अधेड़ काउंसलरों से मैं रूबरू था। एक पंजाबी मैडम हैं और एक अवधी सर। बात चल पड़ी अच्‍छे दिनों पर तो मैंने मोदी सरकार की कुछ आलोचना की। सर ने मैडम की ओर देखा और मैडम ने इशारा भांपते हुए कहा, ”अच्‍छे दिन तो आने ही हैं जी… देखा नहीं आपने, कैसे ओबाम्‍मा ने आइएसआइ(एस) को खतम करने की प्रोमिस करी है। बस, अपने यहां भी कुछ ऐसा ही हो जाए…।” सर ने सर हिलाया, मुस्‍कराए और लंबी सांस छोड़ते हुए बोले, ”हां… सही बात है, ये साले सर पे ही चढ़ गए हैं। कुछ तो करना ही पड़ेगा… क्‍या मैडम?”

<p>Abhishek Srivastava : कुछ देर पहले एक उच्‍च शिक्षा संस्‍थान के दो अधेड़ काउंसलरों से मैं रूबरू था। एक पंजाबी मैडम हैं और एक अवधी सर। बात चल पड़ी अच्‍छे दिनों पर तो मैंने मोदी सरकार की कुछ आलोचना की। सर ने मैडम की ओर देखा और मैडम ने इशारा भांपते हुए कहा, ''अच्‍छे दिन तो आने ही हैं जी... देखा नहीं आपने, कैसे ओबाम्‍मा ने आइएसआइ(एस) को खतम करने की प्रोमिस करी है। बस, अपने यहां भी कुछ ऐसा ही हो जाए...।'' सर ने सर हिलाया, मुस्‍कराए और लंबी सांस छोड़ते हुए बोले, ''हां... सही बात है, ये साले सर पे ही चढ़ गए हैं। कुछ तो करना ही पड़ेगा... क्‍या मैडम?''</p>

Abhishek Srivastava : कुछ देर पहले एक उच्‍च शिक्षा संस्‍थान के दो अधेड़ काउंसलरों से मैं रूबरू था। एक पंजाबी मैडम हैं और एक अवधी सर। बात चल पड़ी अच्‍छे दिनों पर तो मैंने मोदी सरकार की कुछ आलोचना की। सर ने मैडम की ओर देखा और मैडम ने इशारा भांपते हुए कहा, ”अच्‍छे दिन तो आने ही हैं जी… देखा नहीं आपने, कैसे ओबाम्‍मा ने आइएसआइ(एस) को खतम करने की प्रोमिस करी है। बस, अपने यहां भी कुछ ऐसा ही हो जाए…।” सर ने सर हिलाया, मुस्‍कराए और लंबी सांस छोड़ते हुए बोले, ”हां… सही बात है, ये साले सर पे ही चढ़ गए हैं। कुछ तो करना ही पड़ेगा… क्‍या मैडम?”

मैडम ने कुर्सी से उचकते हुए जवाब दिया, ”देक्‍खो जी, ये देश हिंदू राष्‍ट्र न बना तो हम सब बरबाद हो जाएंगे। ये लोग तो पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने पे जुटे हैं। आप हिंदू हो, आपको भी सोचना चाहिए इस बारे में। वैसे भी आप मीडिया वाले जो मुसलमानों के पीछे भागते रहते हो, ये ठीक नहीं है।” मैंने पूछा, ”मैम, आप लोग छात्रों से भी क्‍या ऐसी ही बातें करते हैं?” मैम बोलीं, ”सच बोलने में कया डर? बच्‍चे तो जितनी जल्‍दी समझ जाएं उतना अच्‍छा है। देख नहीं रहे, हमारी मासूम लड़कियों को कैसे बहका रहे हैं ये?” अवधी सर दोनों हाथ कुर्सी के पीछे फेंकते हुए बोले, ”हां भाई, ये लव जेहाद साला अलगे बवाल है…।” मैंने मुद्दा बदलने की कोशिश की, ”अरे सर, ये हिंदू-मुस्लिम छोडि़ए। असल बात ये है कि 100 दिन का वादा टूट चुका है। जनता का मोहभंग हो रहा है।”

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पता नहीं उन्‍हें इसमें क्‍या मज़ा आया कि दोनों रहस्‍यमय ढंग से हंस दिए। फिर सर ने मैडम की ओर झांका और मैडम ने कमान संभाली, ”सर, ये आपकी अपनी थॉट हो सकती है लेकिन इतना जान लो कि जिस दिन पब्लिक का मोहभंग होने लगेगा, मोदीजी नकेल डालकर उसे कस देंगे। अगले दस साल तो कहीं नहीं जाने वाले, चाहे कुछ भंग हो। बस, इन मुट्ठी भर मुसलमानों को कस दें ताकि हम चैन से जी सकें।” फिर मैडम ने क्‍लाइमैक्‍स छोड़ा, ”हां, एक बात और… आप भी ज्‍यादा बोलोगे, मुसलमानों के पीछे घूमोगे तो अंदर जाओगे। मोदी को मीडिया-वीडिया से डर नहीं लगता। बाकी, सबकी अपनी-अपनी थॉट है… आप बुरा मत मानना।”

पत्रकार और एक्टिविस्ट अभिषेक श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. Hari Ram Tripathi

    September 14, 2014 at 5:30 pm

    Theek hee to kaha madam ne.

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